भोपाल: देश में 26 मई को चंद्रग्रहण लगने वाला है. कोरोना महामारी के बीच पड़ने वाले इस ग्रहण का देश और दुनिया पर क्या असर होने वाला है. इसे लेकर ज्योतिषाचार्य अपनी-अपनी राय जाहिर कर रहे हैं. ईटीवी भारत ने भी चंद्रग्रहण के देश और विभिन्न राशियों पर पड़ने वाले प्रभावों को लेकर बातचीत की. ज्योतिषाचार्यों ने बताया 26 मई को घटने वाली इस खगोलिया घटना के दौरान कुछ ऐसे योग बन रहे हैं जो पृथ्वी पर काफी विपरीत प्रभाव डालने वाले हैं.
बन रही हैं महाभारत काल की स्थितियां
ज्योतिषाचार्य पंडित विष्णु राजौरिया बताते हैं कि हिंदी नए वर्ष की शुरुआत के साथ ही भारत सहित दुनियाभर के देशों कोरोना महामारी ने तांडव मचा रखा है. ऐसे में 26 मई को होने वाले चंद्रग्रहण के दौरान भी कुछ विपरीत योग बन रहे हैं. पंडित विष्णु राजौरिया बताते हैं कि-
26 मई को लगने वाला चंद्रग्रहण देश के पूर्वोत्तर राज्यों में दिखाई देगा.इस ग्रहण के दौरान वैसी ही स्थितियां निर्मित हो रहीं हैं जैसी महाभारत काल के दौरान निर्मित हुई थीं. यह ग्रहण दुनियाभर में भारी उथल-पुथल मचाएगा. ग्रहण काल के दौरान ऐसे योग बन रहे हैं जिनसे दो देशों के बीच टकराव की स्थिति पैदा हो सकती है. इसके साथ ही मौसम पर भी विपरीत प्रभाव देखने को मिलेगें. कहीं अतिवर्षा और कहीं भयंकर सूखा पड़ने के भी आसार हैं.
पंडित विष्णु राजौरिया,ज्योतिषाचार्य,
इस राशि वाले न देखें
पंडित राजौरिया ने ग्रहण देखने और न देखने को लेकर भी चेतावनी जारी की है. पंडितजी के अनुसार वृश्चिक राशि वाले लोग ग्रहण को न देखें.
पूर्णिमा के दौरान चंद्रग्रहण, जानें किस राशि पर कैसा होगा असर
तुला और मीन राशियों पर रहेगा मिलाजुला असर
ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान आचार्य धर्मेंद्र शास्त्री का कहना है कि
- चंद्रग्रहण के नौ घंटे पहले सूतक काल शुरु होगा.
- यह ग्रहण वृषभ, मिथुन, कर्क, कन्या, मकर और कुंभ राशि वालों के लिए शुभ फलदायी होगा.
- तुला और मीन राशि वालों के लिए मिश्रित फलदायी रहेगा.
- इसके साथ ही मेष, सिंह, वृश्चिक और धनु राशि वाले जातकों के लिए ग्रहण अशुभ फलदायी होगा.
आचार्य धर्मेंद्र शास्त्री के अनुसार
इस ग्रहण के कारण भूकंप,आगजनी और प्राकृतिक प्रकोप देखने को मिल सकता है,साथ ही अन्य समस्याएं भी देखने को मिलेंगी।
आचार्य धर्मेंद्र शास्त्री,ज्योतिषाचार्य
थोड़े समय के लिए दिखेगा, अल्पकालीन होगा ग्रहण
ज्योतिष मठ संस्थान भोपाल के ज्योतिषाचार्य पंडित विनोद गौतम के अनुसार 26 मई को लगने वाला चंद्रग्रहण अल्पकालीन ग्रहण होगा. वैशाख शुक्ल पूर्णिमा और बुध पूर्णिमा बुधवार को चंद्रग्रहण चंद्रोदय के समय आंशिक रूप से भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र में दिखाई देगा. यह भारत के पूर्वोत्तर क्षेत्र अरुणाचल के साथ पश्चिम बंगाल के कुछ इलाकों में भी दिखाई देगा. अन्य क्षेत्रों में यह खग्रास चंद्र ग्रहण होगा.
भारतीय मानक समय अनुसार ग्रहण का प्रारंभ दिन में 3:15 पर एवं मध्य 4:09 पर तथा मोक्ष सायं 6:23 पर होगा.भारत में जहां-जहां चंद्रोदय होगा वहां पर ग्रहण का मोक्ष ही दिखाई देगा.यह ग्रहण अनुराधा नक्षत्र एवं वृश्चिक राशि में होगा.ग्रहण सदैव अच्छे नहीं होते हैं और इनका प्रभाव अशुभ ही होता है.
पंडित विनोद गौतम,ज्योतिषाचार्य,ज्योतिष मठ संस्थान भोपाल
28 मई के बाद महामारी नियंत्रण में आएगी
ज्योतिषाचार्य डा. अमित शर्मा का मानना है कि मई के महीने में सभी ग्रहों का यह बदलाव निश्चित रूप से भारत को भी प्रभावित करेगा. अमित शर्मा कहते हैं कि ज्योतिष शास्त्र में शनि ग्रह का वक्री होना अशुभ माना गया है.
भारतवर्ष की कुंडली में नौवें घर में शनि ग्रह का वक्री होना और साथ ही इसका ग्यारहवें घर पर पूर्ण दृष्टि रखना भारत के लिए ही नहीं बल्कि पूरे विश्व के लिए नुकसानदायक साबित हो सकता है. इस दौरान दुनियाभर में अर्थव्यवस्था की स्थिति तो बिगड़ेगी ही साथ ही साथ महामारी की समस्या का भी सामना करना पड़ सकता है. डा शर्मा के मुताबिक 28 मई के बाद स्थितियां नियंत्रण में आएगी.
डॉ.अमित शर्मा,ज्योतिषाचार्य
ज्योतिषाचार्यों का कहना है कि ग्रहण हमेशा अच्छे नहीं होते. चंद्रग्रहण से होने वाले प्रभावों से बचने के लिए लोगों को भगवान की आराधना करना चाहिए. इस दौरान दुर्गा सप्तशती और हनुमानष्टक का पाठ और इष्ट देवों की स्तुति करने से कष्टों का निवारण होता है.