रायपुर : भगवान गणेश का एक नाम सुमुख (Lord Ganesha name Sumukh) भी है, नाम के मुताबिक सुंदर मुख वाले, दर्शन करने वाले के मन को प्रसन्नता से भर देने वाले प्रभु गणपति (lord ganpati) का ये नाम हमें मन की शांति प्रदान करने और नित नवीनता के लिए प्रेरित करता है.
कहा जाता है कि भगवान गणेश के भाल पर यानी मस्तक पर चंद्रदेव विराजित होते हैं या चंद्र के समान शीतल तेज उनसे लगातार प्रवाहित होती है. किसी भी शुभ कार्य की शुरुआत भगवान गणेश की पूजा से किया जाता है. उनके मुख मंडल की आभा शुभ और शांति का प्रतीक मानी जाती है.
ॐ सौभाग्य प्रदाय धन-धान्ययुक्ताय लाभाय नम:
भगवान गणेश के सुमुख रूप और नाम का जाप करते हुए इस मंत्र को भी उच्चारित करने से सौभाग्य और धन लाभ होता है. खास तौर पर बुधवार के दिन लाल पुष्प के साथ भगवान सुमुख की पूजा अराधना को खास फल दायक माना जाता है. गणेश सभी गणों में प्रथम, सभी विघ्नों को हरने वाले हैं, वहीं वे तनाव और उलझन से निकालकर शांति और प्रसन्नता भी प्रदान करते हैं.
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कब और कौन से पुष्प करने चाहिए अर्पित
वैसे तो भगवान गणेश की पूजा में किसी भी फूल का इस्तेमाल किया जा सकता है, इसके साथ ही दिन के आधार पर भी गणेशके पसंदीदा पुष्प बताए गए हैं. ऐसा कहा जाता है कि मंगलवार के दिन गेंदें का फूल, बुधवार को गुड़हल और गुरुवार को दूर्वा का फूल चढ़ाना चाहिए. इसके अलावा सोमवार और शुक्रवार को सफेद रंग के फूल, शनिवार को नीले रंग के फूल, रविवार को सफेद रंग के फूल चढ़ाने की मान्यता है. तो इस बार भगवान गणेश की पूजा करते वर्त उनके सुमुख नाम का ध्यान जरूर करें.