हैदराबाद: वैसे तो हर उम्र में भविष्य की चिंता सताती है लेकिन बुढ़ापे की फिक्र हर किसी को होती है. हर कोई उम्र के इस पड़ाव को चिंतामुक्त होकर जीना चाहता है और ये तभी होगा जब जेब में पैसा होगा. खासकर रिटायरमेंट के बाद कमाई के जरिये लगभग खत्म होने से ये चिंता और अधिक सताने लगती है. ऐसी स्थिति में हर कोई वो विकल्प ढूंढता है जिसमें पूंजी पर अच्छा रिटर्न भी मिले और पैसा सुरक्षित भी रहे. अगर आपकी उम्र 60 साल है तो पोस्ट ऑफिस की एक बचत योजना (saving Scheme for senior citizens) आपकी चिंता दूर कर सकती है. वरिष्ठ नागरिकों के लिए खास इस योजना के बारे में आपको बताते (know everything about SCSS) हैं.
वरिष्ठ नागरिक बचत योजना (Senior Citizen Savings Scheme)
पोस्ट ऑफिस (Indian Post) की सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम (Post Office Senior Citizen Savings Scheme) ऐसी ही एक विकल्प है. जो आपको अच्छा खासा रिटर्न देने के साथ-साथ आपकी जमा पूंजी की सुरक्षित भी करता है. इस पोस्ट ऑफिस स्कीम के (Post Office scheme benefits) कई फायदे हैं. वैसे इस योजना (SCSS Account) के लिए पोस्ट ऑफिस के साथ-साथ बैंक में भी खाता खोल सकते हैं.
सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम की खास बातें (Senior Citizen Savings Scheme detail)
- सीनियर सिटिजन सेविंग स्कीम में खाता खुलवाने के लिए आपकी उम्र 60 साल या उससे अधिक होनी चाहिए. वैसे इस योजना के तहत उम्र को लेकर कुछ अपवाद भी हैं.
- 55 से 60 साल के आयु वर्ग के बीच के सेवानिवृत्त नागरिक रिटायरमेंट बेनिफिट मिलने के 1 महीने के भीतर निवेश करने की शर्त पर अपना खाता इस योजना के तहत खुलवा सकते हैं. तय वक्त से पहले रिटायरमेंट लेने यानी VRS लेने पर ऐसा किया जा सकता है.
- 50 वर्ष से अधिक और 60 वर्ष से कम आयु के सेवानिवृत्त रक्षा कर्मचारी भी रिटायरमेंट लाभ प्राप्त होने के 1 महीने के भीतर SCSS खाता खोल सकते हैं.
- इस योजना में फिलहाल 7.4 फीसदी की दर से ब्याज मिलता है. जो कई बचत योजनाओं से अधिक है. ये ब्याज तिमाही आधार पर दिया जाता है और भारत सरकार इसकी दरें हर तिमाही में संशोधित करती हैं. 31 दिसंबर को खत्म होने वाली तिमाही के बाद सरकार फिर से ब्याज दरों में संशोधन कर सकती है, जिसके बाद ये दर कम या ज्यादा या फिर 7.4 ही रह सकती है.
- न्यूनतम 1000 रुपये के साथ इस स्कीम में खाता खुलवा सकते हैं.
- इस योजना की अधिकतम सीमा 15 लाख रुपये हैं. यानी इससे ज्यादा आप इस योजना के तहत जमा नहीं करवा सकते.
- आप अपने खाते के अलावा पति या पत्नी के साथ ज्वाइंट अकाउंट भी खुलवा सकते हैं लेकिन सभी खातों को मिलाकर अधिकतम जमा राशि 15 लाख से अधिक नहीं हो सकती. ज्वाइंट अकाउंट के मामले में उम्र की सीमा सिर्फ पहले खाताधारक के लिए लागू होगी.
- SCSS नियमों के अनुसार मूलधन पर मिलने वाली ब्याज की राशि पर ब्याज नहीं मिलेगा. यानी हर तिमाही पर निश्चित ब्याज तो मिलेगा लेकिन अगर खाताधारक इस ब्याज राशि को खाते से नहीं निकालता है तो इस राशि पर कोई ब्याज नहीं मिलेगा.
- उदाहरण के लिए अगर आप इसमें एक मुश्त 10 लाख रुपये का निवेश करते हैं. तो 5 साल में आपको 3,70,000 रुपये का ब्याज मिलेगा. यानि कुल 13,70,000 रुपये मिलेंगे.
- SCSS में निवेश पर इनकम टैक्स एक्ट के सेक्शन 80 सी के तहत छूट मिलती है. लेकिन किसी वित्तीय वर्ष में सभी SCSS खातों में कुल ब्याज 50,000 रुपये से अधिक है तो इस राशि पर टैक्स लगेगा. ऐसे मामलों में, भुगतान किए गए कुल ब्याज से टीडीएस काट लिया जाता है.
- इस योजना का मैच्योरिटी पीरियड 5 साल है लेकिन अगर आप चाहें तो इस समय सीमा को बढ़ा भी सकते हैं. इसे मैच्योरिटी के बाद 3 साल के लिए सिर्फ एक बार ही बढ़ाया जा सकता है. ऐसी स्थिति में मैच्योरिटी (5 साल पूरा होने) के वक्त इस योजना पर मिल रही ब्याज दर का लाभ आगामी वर्षों में मिलेगा.
- इस योजना में आप एक या अधिक नॉमिनी का भी उल्लेख कर सकते हैं. भविष्य में किसी नॉमिनी का नाम हटा या बदल भी सकते हैं.
- SCSS खाते से एक से ज्यादा बार निकासी की अनुमति नहीं है. इसमें निवेश के बाद हम तिमाही पर ब्याज मिलता है. जबकि मूलधन (Principal amount) का भुगतान पांच साल की समाप्ति यानी मैच्योरिटी पर या फिर इसे तीन साल और अधिक बढ़ाने पर 8 साल की समाप्ति के बाद ही किया जाएगा.
क्या तय समय से पहले खाता बंद नहीं कर सकते ? (SCSS Premature closure Rules)
कई बार हमें आपात स्थिति में पैसों की जरूरत पड़ती है तो हम अपने निवेश या बचत योजनाओं का रुख करते हैं. भले वो परिपक्व (Matured) नहीं हुई हों, लेकिन जरूरत के वक्त हम अपने निवेश और बचत (investment and saving) से पैसा निकालते हैं. ऐसे में कई लोगों का सवाल होगा कि क्या SCSS से भी तय वक्त से पहले यानि 5 साल से पहले पैसे निकाल सकते हैं. हां, आप ऐसा कर सकते हैं लेकिन इसके लिए 1% से 1.5% तक का नुकसान उठाना पड़ सकता है.
- SCSS खाताधारक कभी भी खाता बंद कर सकते हैं. लेकिन अगर आप पहले साल में खाता बंद करते हैं तो आपको कोई ब्याज नहीं मिलेगा. तिमाही आधार पर मिलने वाले किसी ब्याज का भुगतान अगर हो चुका है तो उसकी वसूली मूलधन से की जाएगी. यानी आपके मूलधन से आपको मिले ब्याज की रकम काट ली जाएगी.
- अगर खाता एक साल के बाद और दो साल से पहले बंद किया जाता है तो मूल राशि से 1.5% के बराबर राशि काट ली जाती है.
- अगर खाता दो साल बाद और 5 साल से पहले कभी भी बंद कर लिया जाता है तो मूल राशि में से 1% के बराबर राशि काट ली जाती है.
- 5 साल की परिपक्वता के बाद भी अगर आप 3 साल के लिए योजना का विस्तार देते हैं. तो विस्तार की तिथि के एक साल बाद यानि कुल 6 वर्ष बाद आप कभी भी पैसा निकालना चाहें तो कोई कटौती नहीं होगी.
ये भी पढ़ें: मनी मार्केट में निवेश के हैं कई विकल्प, जानिए अपना पैसा कहां लगाएं ?