हैदराबाद: देशभर में आयकर विभाग के छापों की ख़बरें हर दूसरे दिन अखबार और टीवी की सुर्खियां बनते हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये छापे क्यों पड़ते हैं और इस छापेमारी के दौरान क्या-क्या होता है. इस तरह की रेड के दौरान विभाग के क्या अधिकार होते हैं और जिसके घर या दफ्तर में छापेमारी होती है उसके क्या अधिकार होते हैं? इन सभी सवालों का जवाब आपको ईटीवी भारत देगा.
क्यों और किसके आदेश पर होती है ये छापेमारी ?
आयकर विभाग (income tax department), केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (central board of direct taxes) और प्रवर्तन निदेशालय (enforcement directorate) वित्त मंत्रालय के तहत आते हैं. ये संस्थाएं आयकर ना भरने वाले, टैक्स चोरी करने और विदेशी लेन-देन के नियमों का उल्लंघन करने वालों पर नजर रखते हैं. ये विभाग टैक्स चोरी करने वाले लोगों और संस्थानों की सूची बनाते हैं और लगातार उनकी गतिविधियों पर नजर रखते हैं.
कई बार संस्थाएं या कोई व्यक्ति विशेष काला धन (black money) रखने के आरोप लगता हैं. काला धन यानि वो पैसा जिसपर टैक्स अदायगी नहीं हुई है, जिसे अवैध रूप से रखा गया है. कई बार विभाग को सूत्रों या मुखबिर के जरिये किसी व्यक्ति या संस्था के टैक्स चोरी या आय से अधिक संपत्ति के बारे में पता चलता है. जिसके बाद विभाग अपने स्तर पर जानकारियां इकट्ठा करता है और सूत्रों की दी गई जानकारी की दोहरी जांच (double check) करता है.
पूरी तैयारी करने के बाद विभाग की तरफ से संबंधित व्यक्ति या संस्थान के हर ठिकाने जैसे घर, दफ्तर, गोदाम, शो रूम जैसी जगहों पर छापेमारी की जाती है. इस तरह की रेड से पहले आयकर आयुक्त (income tax commissioner) से इजाजत लेनी पड़ती है. आयकर विभाग की जो टीम रेड करती है, विभाग का एक आला अफसर उसकी अगुवाई करता है.
रेड के दौरान क्या-क्या होता है?
इनकम टैक्स की रेड हमेशा उस वक्त पड़ती है जब किसी को इसकी भनक ना हो. खास बात ये है कि रेड के बारे में विभाग के ही गिने चुने अधिकारियों को जानकारी होती है ताकि रेड की जानकारी को गुप्त रखा जा सके.
- इस तरह के छापेमारी ज्यादातर सुबह-सुबह या देर रात को होती है. इससे उन लोगों को संभलने का मौका भी नहीं मिल पाता जहां रेड होनी है.
- रेड के लिए आई टीम के पास एक वारंट होता है. जो रेड करने आई टीम को किसी व्यक्ति या संस्था विशेष के परिसर के किसी भी स्थान की तलाशी की ताकत देता है.
- घर, दफ्तर या गोदाम जहां भी रेड होनी है वहां विभाग की टीम को घुसने से नहीं रोक सकते.
- छापेमारी के दौरान किसी भी अनहोनी को रोकने के लिए विभाग के अधिकारियों के साथ पुलिस और कभी-कभी अर्ध सैनिक बल भी उपस्थित रहते हैं.
- रेड कुछ घंटों से लेकर कुछ दिनों तक चल सकती है. इस दौरान रेड वाले घर या दफ्तर में मौजूद किसी भी शख्स को बाहर जाने की इजाजत नहीं होती है.
- अगर रेड किसी दफ्तर पर पड़ी है तो शिफ्ट खत्म होने पर भी कर्मचारियों को बाहर नहीं जाने दिया जाता.
- इस दौरान किसी से फोन पर भी बात नहीं कर सकते, रेड के दौरान सबसे पहले मोबाइल जब्त कर लिए जाते हैं और लैंडलाइन कनेक्शन काट दिए जाते हैं.
- फोन, लैपटॉप, कंप्यूटर, स्टोरेज डिस्क, पैन ड्राइव जैसी चीजें जब्त कर ली जाती हैं. घर से बाहर और बाहर से किसी के अंदर आने की भी मनाही होती है.
- घर में मौजूद ऐसी नकदी, गहने या ऐसी कीमती वस्तु जिसके कागजात या बिल ना हों उसे जब्त कर लिया जाता है.
- छापेमारी के दौरान घर में मौजूद सभी लोगों को अपने रिश्तों के बारे में अधिकारियों को जानकारी देनी होती है.
- संपत्ति से जुड़े दस्तावेज, जानकारी यहां तक कि तिजोरी या लॉकर की चाबी तक अधिकारियों को मुहैया करवानी पड़ती है. चाबी ना होने पर अधिकारी ताला तोड़ सकते हैं.
- रेड के दौरान किसी दस्तावेज या सबूत को मिटाने, फाड़ने या नष्ट करने की कोशिश भारी पड़ सकती है.
छापेमारी के दौरान क्या जब्त नहीं किया जाता
इस तरह की छापेमारी के दौरान आयकर विभाग की टीम जब्त किए गए माल को भी अपने साथ ले जा सकती है. लेकिन कुछ ऐसी भी चीजे हैं जिन्हें वो जब्त नहीं कर सकते.
- ऐसी नकदी को जब्त नहीं कर सकते जिसका लेखा-जोखा उस कंपनी या शख्स के पास मौजूद हो, जहां रेड पड़ी है.
- स्टॉक के रूप में रखे गए वो गहने जिनकी जानकारी इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करते वक्त दी गई है तो इन्हें जब्त नहीं किया जा सकता.
- प्रॉपर्टी टैक्स जमा नहीं करने पर घर की शादी शुदा महिलाएं 500 ग्राम सोना अपने पास रख सकती हैं, अविवाहित लड़कियां 250 ग्राम और हर पुरुष 100 ग्राम सोना अपने पास रख सकते हैं. रेड के दौरान इससे अधिक सोना मिलने पर ही उसे जब्त किया जाता है.
जिसके ठिकानों पर रेड हो रही है, छापेमारी के वक्त उसके भी हैं अधिकार
- छापेमारी के लिए आई टीम से रेड के वारंट या उनके पहचान पत्रों की जांच का अधिकार उस शख्स के पास है जिसके घर, दफ्तर, गोदान या ठिकानों पर रेड होनी है.
- तलाशी अभियान के दौरान महिलाओं की तलाशी आयकर विभाग की महिला कर्मी ही ले सकती हैं.
- रेड के दौरान किसी को भी बाहर जाने की अनुमति नहीं होगी लेकिन बच्चों को स्कूल जाने दिया जाएगा. स्कूल बैग की जांच के बाद बच्चे स्कूल जा सकते हैं.
- आयकर टीम ने जो भी बयान दर्ज किए हैं उसकी एक प्रति (copy) मांगने का अधिकार है, क्योंकि ये बयान उसके खिलाफ इस्तेमाल हो सकता है.
- रेड के दौरान घर से बरामद कैश, गहने आदि जिस भी सामान को आयकर टीम अपने साथ ले जा रही है उसकी एक सूची तैयार की जाती है. उस सूची की एक प्रति मांगने का अधिकार है.
- इस पूरी छापेमारी के दौरान एक बीच के पक्ष का भी प्रावधान है. जिसके लिए दो सम्मानित स्थानीय लोगों को गवाह के तौर पर बुलाया जा सकता है.
- आपातकालीन स्थिति में (emergency) डॉक्टर को बुलाने की भी इजाजत होती है.
सिनेमा के पर्दे पर भी हिट है ये छापेमारी
इनकम टैक्स या सीबीआई की छापेमारी अखबार और खबरिया चैनलों की सुर्खियां तो बनती ही हैं बल्कि ये छापेमारी फिल्मी पर्दे पर भी काफी पसंद की जाती है. सीबीआई छापेमारी पर बनी अक्षय कुमार स्टारर 'स्पेशल 26' हो या फिर अजय देवगन स्टारर 'रेड' फिल्मी पर्दे पर इन्हें दर्शकों का खूब प्यार मिला. इन फिल्मों को बनाते वक्त असल में होने वाली रेड या छापेमारी से जुड़ी बारिकियों का ध्यान भी रखा गया. ताकि लोगों के बीच इस तरह की छापेमारी को लेकर बढ़ती उत्सुकता को भुनाया जा सके.
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