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Manish Kashyap Case: जानिए कौन है मनीष कश्यप? जिस पर तमिलनाडु हिंसा का फर्जी वीडियो वायरल करने का है आरोप - 2020 में मनीष कश्यप ने चुनाव लड़ा था

बिहार समेत देशभर में इन दिनों मनीष कश्यप सुर्खियों में है. तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों की पिटाई मामले में फर्जी वीडियो प्रचारित करने के मामले में उसे आर्थिक अपराध इकाई ने 3 दिनों की रिमांड पर लिया है. सोशल मीडिया में मनीष के प्रशंसक उसके समर्थन में लगातार पोस्ट कर रहे हैं. कुछ दिनों से मनीष ट्विटर पर ट्रेंड कर रहा हैं. ऐसे में जानते हैं कि आखिर मनीष कश्यप कौन है? एक यूट्यूबर, राजनेता, एक्टिविस्ट, इंजीनियर या पत्रकार?

यूट्यूबर मनीष कश्यप
यूट्यूबर मनीष कश्यप
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Published : Mar 22, 2023, 9:01 AM IST

पटना: तमिलनाडु हिंसा का फर्जी वीडियो वायरल करने के आरोप में जेल में बंद 35 वर्षीय मनीष कश्यप पश्चिमी चंपारण (बेतिया) के मझौलिया ब्लॉक के एक छोटे से गांव डुमरी महनवा का रहने वाला है. बिहार और देश भर में एक यूट्यूबर के तौर पर अत्यधिक चर्चित हैं और उसके समर्थक 'सन ऑफ बिहार' के नाम से जानते हैं. मनीष कश्यप 'सच तक' नाम से एक यूट्यूब चैनल चलाता है और दावा करता है कि यह एक न्यूज चैनल है. उसके इस यूट्यूबर चैनल पर लगभग 6 करोड़ की संख्या में सब्सक्राइबर हैं. वहीं फेसबुक पर भी 4 करोड़ के ऊपर फॉलोअर्स हैं. मनीष की लोकप्रियता का आलम यह है कि कोई भी वह वीडियो सोशल मीडिया पर डालते हैं तो तुरंत वायरल हो जाता है.

ये भी पढ़ें: Youtuber Manish Kashyap: बिहार और तमिलनाडु में इतने केस दर्ज, सभी में सजा हो तो पूरी जिंदगी जेल में बितेगा

इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद बना यूट्यूबर: मनीष की शिक्षा की बात करें तो मनीष कश्यप ने अपनी प्राथमिक शिक्षा अपने गांव के ही स्कूल से की. 2009 में उसने 12वीं की पढ़ाई पूरी की. 12वीं के बाद वह इंजीनियरिंग करने चला गया. मनीष ने महाराष्ट्र के सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय पुणे से सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री 2016 में प्राप्त की और इंजीनियरिंग की डिग्री के बाद जॉब करने के बजाए बिहार लौट आया.

पटना बाढ़ से आया था चर्चा में: मनीष उस समय काफी फेमस हुआ, जब पटना में बाढ़ आई थी और घुटने भर पानी में हाफ पैंट पहनकर खड़ा होकर पानी में चलते हुए तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के खिलाफ नारेबाजी कर रहा था. उस समय लोकल मीडिया में उसका यह वीडियो काफी लोकप्रिय हुआ. इसके बाद मनीष ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठानी शुरू की और यूट्यूब पर न्यूज चैनल बनाया और बिहार में सरकारी योजनाओं में हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ करे लहजे में खूब वीडियो पोस्ट किए.

जनहित से जुड़े मुद्दों को खूब उठाया: यूट्यूब न्यूज चैनल के माध्यम से जब एक एक्टिविस्ट पत्रकार के तौर पर मनीष प्रसिद्ध हुआ तो देश के विभिन्न हिस्सों में जाकर अपने चैनल के तहत पत्रकारिता करने लगा. जहां कमियां नजर आती, उसे उजागर करता. जहां कुछ अच्छा दिखता, उसका खूब प्रचार-प्रसार भी करता रहा.

2020 में मनीष कश्यप ने चुनाव लड़ा था : हालांकि इसी बीच मनीष को प्रसिद्धि का नशा चढ़ा और वह इस प्रसिद्धि को भुनाने के लिए 2020 के विधानसभा चुनाव में उतर गया. हालांकि मनीष को इस चुनावी समर में हार नसीब हुई लेकिन फिर भी वह अपना दमखम दिखाने में सफल रहा. मनीष ने पश्चिमी चंपारण के चनपटिया विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया और कुल 9239 वोट प्राप्त कर तीसरे नंबर पर रहा.

तेजस्वी पर मनीष कश्यप का हमला: हाल के दिनों में वह सन ऑफ बिहार के बैनर तले प्रदेश के आर्थिक तबके से कमजोर छात्र-छात्राओं को अच्छी उच्च शिक्षा दिलाने की मुहिम से जुड़ा हुआ है, जिसमें बिहार और देश के कई प्रसिद्ध शिक्षाविद और विभिन्न विधाओं के गणमान्य लोग जुड़े हुए हैं. मनीष के समर्थक मानते हैं कि तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के पिटाई का न्यूज जैसे सामने आई, उसके बाद मनीष ने जिस प्रकार प्रदेश के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ जो स्टेटमेंट जारी किया और सरकार गिराने का अल्टीमेटम दे दिया, यही उसकी दुर्गति का प्रमुख कारण बना.

पटना: तमिलनाडु हिंसा का फर्जी वीडियो वायरल करने के आरोप में जेल में बंद 35 वर्षीय मनीष कश्यप पश्चिमी चंपारण (बेतिया) के मझौलिया ब्लॉक के एक छोटे से गांव डुमरी महनवा का रहने वाला है. बिहार और देश भर में एक यूट्यूबर के तौर पर अत्यधिक चर्चित हैं और उसके समर्थक 'सन ऑफ बिहार' के नाम से जानते हैं. मनीष कश्यप 'सच तक' नाम से एक यूट्यूब चैनल चलाता है और दावा करता है कि यह एक न्यूज चैनल है. उसके इस यूट्यूबर चैनल पर लगभग 6 करोड़ की संख्या में सब्सक्राइबर हैं. वहीं फेसबुक पर भी 4 करोड़ के ऊपर फॉलोअर्स हैं. मनीष की लोकप्रियता का आलम यह है कि कोई भी वह वीडियो सोशल मीडिया पर डालते हैं तो तुरंत वायरल हो जाता है.

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इंजीनियरिंग की पढ़ाई के बाद बना यूट्यूबर: मनीष की शिक्षा की बात करें तो मनीष कश्यप ने अपनी प्राथमिक शिक्षा अपने गांव के ही स्कूल से की. 2009 में उसने 12वीं की पढ़ाई पूरी की. 12वीं के बाद वह इंजीनियरिंग करने चला गया. मनीष ने महाराष्ट्र के सावित्रीबाई फुले विश्वविद्यालय पुणे से सिविल इंजीनियरिंग की डिग्री 2016 में प्राप्त की और इंजीनियरिंग की डिग्री के बाद जॉब करने के बजाए बिहार लौट आया.

पटना बाढ़ से आया था चर्चा में: मनीष उस समय काफी फेमस हुआ, जब पटना में बाढ़ आई थी और घुटने भर पानी में हाफ पैंट पहनकर खड़ा होकर पानी में चलते हुए तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी के खिलाफ नारेबाजी कर रहा था. उस समय लोकल मीडिया में उसका यह वीडियो काफी लोकप्रिय हुआ. इसके बाद मनीष ने भ्रष्टाचार के खिलाफ आवाज उठानी शुरू की और यूट्यूब पर न्यूज चैनल बनाया और बिहार में सरकारी योजनाओं में हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ करे लहजे में खूब वीडियो पोस्ट किए.

जनहित से जुड़े मुद्दों को खूब उठाया: यूट्यूब न्यूज चैनल के माध्यम से जब एक एक्टिविस्ट पत्रकार के तौर पर मनीष प्रसिद्ध हुआ तो देश के विभिन्न हिस्सों में जाकर अपने चैनल के तहत पत्रकारिता करने लगा. जहां कमियां नजर आती, उसे उजागर करता. जहां कुछ अच्छा दिखता, उसका खूब प्रचार-प्रसार भी करता रहा.

2020 में मनीष कश्यप ने चुनाव लड़ा था : हालांकि इसी बीच मनीष को प्रसिद्धि का नशा चढ़ा और वह इस प्रसिद्धि को भुनाने के लिए 2020 के विधानसभा चुनाव में उतर गया. हालांकि मनीष को इस चुनावी समर में हार नसीब हुई लेकिन फिर भी वह अपना दमखम दिखाने में सफल रहा. मनीष ने पश्चिमी चंपारण के चनपटिया विधानसभा क्षेत्र से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया और कुल 9239 वोट प्राप्त कर तीसरे नंबर पर रहा.

तेजस्वी पर मनीष कश्यप का हमला: हाल के दिनों में वह सन ऑफ बिहार के बैनर तले प्रदेश के आर्थिक तबके से कमजोर छात्र-छात्राओं को अच्छी उच्च शिक्षा दिलाने की मुहिम से जुड़ा हुआ है, जिसमें बिहार और देश के कई प्रसिद्ध शिक्षाविद और विभिन्न विधाओं के गणमान्य लोग जुड़े हुए हैं. मनीष के समर्थक मानते हैं कि तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के पिटाई का न्यूज जैसे सामने आई, उसके बाद मनीष ने जिस प्रकार प्रदेश के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के खिलाफ जो स्टेटमेंट जारी किया और सरकार गिराने का अल्टीमेटम दे दिया, यही उसकी दुर्गति का प्रमुख कारण बना.

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