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Jyotiba Phule Jayanti: पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि, बोले- सामाजिक न्याय के 'चैम्पियन' थे महात्मा फुले - pm modi pays tributes to Jyotiba Phule

समाज सुधारक ज्योतिबा फुले (Jyotiba Phule Jayanti) का जन्म 11 अप्रैल, 1827 को महाराष्ट्र में हुआ था. उन्होंने सामाजिक भेदभाव के खिलाफ लड़ाई लड़ी. समाज के पिछड़े एवं वंचित वर्गों में शिक्षा को बढ़ावा देने और महिला सशक्तीकरण की दिशा में भी कई काम किए.

Jyotiba Phule Jayanti
समाज सुधारक ज्योतिबा फुले
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Published : Apr 11, 2022, 10:57 AM IST

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समाज सुधारक ज्योतिबा फुले की जयंती (Jyotiba Phule Jayanti) पर सोमवार को उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि वह बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे, जिन्होंने सामाजिक समानता, महिला सशक्तीकरण और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए अथक काम किए. पीएम मोदी ने कहा कि महात्मा फुले का सामाजिक न्याय के 'चैम्पियन' के रूप में व्यापक तौर पर सम्मान किया जाता है और वह असंख्य लोगों की उम्मीदों के स्रोत हैं.

  • Mahatma Phule is widely respected as a champion of social justice and source of hope for countless people. He was a multifaceted personality who worked tirelessly for social equality, women empowerment and boosting education. Tributes to him on his Jayanti. pic.twitter.com/i7GoMoY7v7

    — Narendra Modi (@narendramodi) April 11, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

आगामी 14 अप्रैल को संविधान निर्माता बाबा साहेब आंबेडकर की जयंती का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने आकाशवाणी के अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' की एक कड़ी के कुछ अंश भी साझा किए, जिसमें उन्होंने बाबा साहेब के साथ ही ज्योतिबा फुले को भी श्रद्धांजलि अर्पित की थी. बाबा साहेब और फुले समाज के वंचित और पिछड़े वर्ग से थे और उन्होंने समाज सुधार के लिए लड़ाई लड़ी. प्रधानमंत्री ने कहा, 'महात्मा फुले और बाबा साहेब आंबेडकर के महान योगदान के लिए भारत हमेशा उनका ऋणी रहेगा.'

यह भी पढ़ें- भारत को हिन्दू राष्ट्र बनाना है, विश्व को आर्य संस्कृति में ढालना है: कालीचरण महाराज

भारतीय जनता पार्टी ने महात्मा फुले की जयंती को व्यापक स्तर पर मनाने के लिए देशभर में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया है. पार्टी ने 14 अप्रैल को बाबा साहेब की जयंती को देशभर में मनाने के लिए भी कई कार्यक्रम तय किए हैं. वर्ष 1827 को महाराष्ट्र में जन्मे ज्योतिबा फुले ने सामाजिक भेदभाव के खिलाफ लड़ाई लड़ी. समाज के पिछड़े एवं वंचित वर्गों में शिक्षा को बढ़ावा देने और महिला सशक्तीकरण की दिशा में भी उन्होंने कई काम किए. उनकी पत्नी सावित्रीबाई फुले ने भी समाज के वंचित वर्गों के हित में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया.

(पीटीआई-भाषा)

नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने समाज सुधारक ज्योतिबा फुले की जयंती (Jyotiba Phule Jayanti) पर सोमवार को उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की और कहा कि वह बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे, जिन्होंने सामाजिक समानता, महिला सशक्तीकरण और शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए अथक काम किए. पीएम मोदी ने कहा कि महात्मा फुले का सामाजिक न्याय के 'चैम्पियन' के रूप में व्यापक तौर पर सम्मान किया जाता है और वह असंख्य लोगों की उम्मीदों के स्रोत हैं.

  • Mahatma Phule is widely respected as a champion of social justice and source of hope for countless people. He was a multifaceted personality who worked tirelessly for social equality, women empowerment and boosting education. Tributes to him on his Jayanti. pic.twitter.com/i7GoMoY7v7

    — Narendra Modi (@narendramodi) April 11, 2022 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

आगामी 14 अप्रैल को संविधान निर्माता बाबा साहेब आंबेडकर की जयंती का उल्लेख करते हुए प्रधानमंत्री ने आकाशवाणी के अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम 'मन की बात' की एक कड़ी के कुछ अंश भी साझा किए, जिसमें उन्होंने बाबा साहेब के साथ ही ज्योतिबा फुले को भी श्रद्धांजलि अर्पित की थी. बाबा साहेब और फुले समाज के वंचित और पिछड़े वर्ग से थे और उन्होंने समाज सुधार के लिए लड़ाई लड़ी. प्रधानमंत्री ने कहा, 'महात्मा फुले और बाबा साहेब आंबेडकर के महान योगदान के लिए भारत हमेशा उनका ऋणी रहेगा.'

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भारतीय जनता पार्टी ने महात्मा फुले की जयंती को व्यापक स्तर पर मनाने के लिए देशभर में विभिन्न प्रकार के कार्यक्रमों का आयोजन किया है. पार्टी ने 14 अप्रैल को बाबा साहेब की जयंती को देशभर में मनाने के लिए भी कई कार्यक्रम तय किए हैं. वर्ष 1827 को महाराष्ट्र में जन्मे ज्योतिबा फुले ने सामाजिक भेदभाव के खिलाफ लड़ाई लड़ी. समाज के पिछड़े एवं वंचित वर्गों में शिक्षा को बढ़ावा देने और महिला सशक्तीकरण की दिशा में भी उन्होंने कई काम किए. उनकी पत्नी सावित्रीबाई फुले ने भी समाज के वंचित वर्गों के हित में उनके साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम किया.

(पीटीआई-भाषा)

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