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वैक्सीन सर्टिफिकेट पर पीएम की तस्वीर पर मांझी को ऐतराज, दिया बयान

कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी की तस्वीर पर सियासत शुरू हो गई है. विपक्ष तो सवाल उठा ही रहा था. अब एनडीए के सहयोगी दल भी सवाल उठाने लगे हैं.

वैक्सीन सर्टिफिकेट पर पीएम की तस्वीर पर मांझी को ऐतराज
वैक्सीन सर्टिफिकेट पर पीएम की तस्वीर पर मांझी को ऐतराज
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Published : May 24, 2021, 12:37 PM IST

पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी 'हम' भले ही एनडीए का हिस्सा हो पर गाहे-बगाहे वह केंद्र सरकार पर हमला करने से नहीं चूकते. हम पार्टी प्रमुख मांझी ने इस बार कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट पर तस्वीर को लेकर हमला किया है.

मांझी का केन्द्र सरकार पर हमला
मांझी का केन्द्र सरकार पर हमला

जीतन राम मांझी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि वैक्सीन सर्टिफिकेट पर यदि तस्वीर लगाने का इतना ही शौक है तो कोरोना से हो रही मृत्यु के डेथ सर्टिफिकेट पर भी तस्वीर लगाई जाए. यह न्याय संगत होगा.

  • को-वैक्सीन का दूसरा डोज़ के उपरांत मुझे प्रमाण-पत्र दिया गया जिसमें प्रधानमंत्री की तस्वीर लगी है।
    देश में संवैधानिक संस्थाओं के सर्वेसर्वा राष्ट्रपति हैं इस नाते उसमें राष्ट्रपति की तस्वीर होनी चाहिए,वैसे तस्वीर ही लगानी है तो राष्ट्रपति के अलावा P.M स्थानीय C.M की भी तस्वीर हो।

    — Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) May 23, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

'राष्ट्रपति और CM की हो तस्वीर'

इससे पहले रविवार को जीतन राम मांझी ने कोरोना वैक्सीन लेने के बाद ट्वीट करते हुए लिखा था कि को-वैक्सीन के दूसरा डोज के बाद मुझे सर्टिफिकेट दिया गया जिसमें प्रधानमंत्री की तस्वीर लगी है. देश में संवैधानिक संस्थाओं के सर्वेसर्वा राष्ट्रपति हैं. इस नाते राष्ट्रपति की तस्वीर होनी चाहिए, वैसे तस्वीर लगानी ही है तो राष्ट्रपति के अलावा पीएम या स्थानीय सीएम की लगाएं.

दानिश रिजवान
दानिश रिजवान

'आदिवासी समाज के लोगों के मन में खौफ'

वहीं, मांझी के ट्वीट के बाद पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि हमारी पार्टी का मानना है कि देश के संवैधानिक संस्थाओं के सुप्रीमो राष्ट्रपति होते हैं. इस नाते वैक्सीन के सर्टिफिकेट पर राष्ट्रपति की ही तस्वीर होनी चाहिए. सरकारी डाटा कहता है कि इस देश के 1 फीसदी दलित आदिवासी समाज को वैक्सीनेशन नहीं दिया गया है. उनमें खौफ है, ऐसी स्थिति में देश के महामहिम राष्ट्रपति दलित हैं. दलितों में विश्वास जगेगा इसलिए वैक्सीन के सर्टिफिकेट पर महामहिम राष्ट्रपति की ही तस्वीर होनी चाहिए.

ये भी पढ़ें- टीके के सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी की फोटो देख मांझी ने उठाए सवाल, कहा- PM और स्थानीय CM की भी हो तस्वीर

दानिश रिजवान ने मांग की है कि यदि वैक्सीन के सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी की तस्वीर है तो उनके साथ राष्ट्रपति और स्थानीय सीएम की भी तस्वीर होनी चाहिए. अगर सर्टिफिकेट पर तस्वीर लगाने का यदि इतना शौक है तो जिनकी मौत कोरोना संक्रमण की वजह से हुई है, उनके डेथ सर्टिफिकेट पर भी तस्वीर होनी चाहिए.

'वाहवाही लूटें आप और गाली सुने कोई और'

दानिश रिजवान ने कहा है कि कोरोना टीकाकरण और फोटो लगाकर यदि आप वाहवाही लूटना चाह रहे हैं, चेहरा चमका रहे हैं. तो मैं कहना चाहता हूं की वाहवाही लूटें आप और गाली सुने कोई और. यह अब राजनीति में नहीं चलेगा.

रविवार को मांझी ने लिया था दूसरा डोज

ऐसे में देखने वाली बात होगी कि मांझी के ट्वीट के बाद जदयू और बीजेपी की तरफ से क्या प्रतिक्रिया आती है. बता दें, रविवार को गया के महकार स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर जीतन राम मांझी ने कोरोना की दूसरी डोज ली.

पटना: बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी की पार्टी 'हम' भले ही एनडीए का हिस्सा हो पर गाहे-बगाहे वह केंद्र सरकार पर हमला करने से नहीं चूकते. हम पार्टी प्रमुख मांझी ने इस बार कोरोना वैक्सीन सर्टिफिकेट पर तस्वीर को लेकर हमला किया है.

मांझी का केन्द्र सरकार पर हमला
मांझी का केन्द्र सरकार पर हमला

जीतन राम मांझी ने ट्वीट करते हुए लिखा कि वैक्सीन सर्टिफिकेट पर यदि तस्वीर लगाने का इतना ही शौक है तो कोरोना से हो रही मृत्यु के डेथ सर्टिफिकेट पर भी तस्वीर लगाई जाए. यह न्याय संगत होगा.

  • को-वैक्सीन का दूसरा डोज़ के उपरांत मुझे प्रमाण-पत्र दिया गया जिसमें प्रधानमंत्री की तस्वीर लगी है।
    देश में संवैधानिक संस्थाओं के सर्वेसर्वा राष्ट्रपति हैं इस नाते उसमें राष्ट्रपति की तस्वीर होनी चाहिए,वैसे तस्वीर ही लगानी है तो राष्ट्रपति के अलावा P.M स्थानीय C.M की भी तस्वीर हो।

    — Jitan Ram Manjhi (@jitanrmanjhi) May 23, 2021 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data=" ">

'राष्ट्रपति और CM की हो तस्वीर'

इससे पहले रविवार को जीतन राम मांझी ने कोरोना वैक्सीन लेने के बाद ट्वीट करते हुए लिखा था कि को-वैक्सीन के दूसरा डोज के बाद मुझे सर्टिफिकेट दिया गया जिसमें प्रधानमंत्री की तस्वीर लगी है. देश में संवैधानिक संस्थाओं के सर्वेसर्वा राष्ट्रपति हैं. इस नाते राष्ट्रपति की तस्वीर होनी चाहिए, वैसे तस्वीर लगानी ही है तो राष्ट्रपति के अलावा पीएम या स्थानीय सीएम की लगाएं.

दानिश रिजवान
दानिश रिजवान

'आदिवासी समाज के लोगों के मन में खौफ'

वहीं, मांझी के ट्वीट के बाद पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि हमारी पार्टी का मानना है कि देश के संवैधानिक संस्थाओं के सुप्रीमो राष्ट्रपति होते हैं. इस नाते वैक्सीन के सर्टिफिकेट पर राष्ट्रपति की ही तस्वीर होनी चाहिए. सरकारी डाटा कहता है कि इस देश के 1 फीसदी दलित आदिवासी समाज को वैक्सीनेशन नहीं दिया गया है. उनमें खौफ है, ऐसी स्थिति में देश के महामहिम राष्ट्रपति दलित हैं. दलितों में विश्वास जगेगा इसलिए वैक्सीन के सर्टिफिकेट पर महामहिम राष्ट्रपति की ही तस्वीर होनी चाहिए.

ये भी पढ़ें- टीके के सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी की फोटो देख मांझी ने उठाए सवाल, कहा- PM और स्थानीय CM की भी हो तस्वीर

दानिश रिजवान ने मांग की है कि यदि वैक्सीन के सर्टिफिकेट पर पीएम मोदी की तस्वीर है तो उनके साथ राष्ट्रपति और स्थानीय सीएम की भी तस्वीर होनी चाहिए. अगर सर्टिफिकेट पर तस्वीर लगाने का यदि इतना शौक है तो जिनकी मौत कोरोना संक्रमण की वजह से हुई है, उनके डेथ सर्टिफिकेट पर भी तस्वीर होनी चाहिए.

'वाहवाही लूटें आप और गाली सुने कोई और'

दानिश रिजवान ने कहा है कि कोरोना टीकाकरण और फोटो लगाकर यदि आप वाहवाही लूटना चाह रहे हैं, चेहरा चमका रहे हैं. तो मैं कहना चाहता हूं की वाहवाही लूटें आप और गाली सुने कोई और. यह अब राजनीति में नहीं चलेगा.

रविवार को मांझी ने लिया था दूसरा डोज

ऐसे में देखने वाली बात होगी कि मांझी के ट्वीट के बाद जदयू और बीजेपी की तरफ से क्या प्रतिक्रिया आती है. बता दें, रविवार को गया के महकार स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर जाकर जीतन राम मांझी ने कोरोना की दूसरी डोज ली.

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