पटना: पटना में 23 जून को होने वाली विपक्षी एकता की बैठक में 18 पार्टियां शामिल होंगी. रविवार को इसकी जानकारी जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष ललन सिंह ने दी. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पीएम कैंडिडेट नहीं बनेंगे. वह तो विपक्षी एकजुटता के मुहिम के अगुवा हैं. बीजेपी से सत्ता से बाहर होती हो तो चुनाव के बाद प्रधानमंत्री का सर्वसम्मति से चयन होगा. इस बैठक में फारूक अब्दुल्ला की पार्टी और महबूबा मुफ्ती की पार्टी भी शामिल होंगी.
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पीएम बनाने के लिए नारेबाजी पर जताई आपत्ति: पटना में जदयू मिलन समारोह में सीएम नीतीश कुमार को पीएम बनाने के लेकर नारेबाजी शुरू हुई. इसपर ललन सिंह ने कार्यकर्ताओं और नेताओं के संबोधित करते हुए कहा कि नीतीश कुमार पीएम बनाने के लिए नारेबाजी न करें. इससे विपक्षी एकता कमजोर होती है. नीतीश कुमार प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी के दावेदार नहीं है. उन्होंने कहा कि 23 जून को होने वाली बैठक में 18 पार्टियां शामिल होंगी. इस बैठक में फारूख अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती भी शामिल होंगी.
लोकतंत्र आज खतरे में है: उन्होंने भाजपा पर हमलावर होते हुए कहा कि अभी देश में इमरजेंसी की स्थिति है. लोकतंत्र आज खतरे में है, क्योंकि बोलने की स्वतंत्रता नहीं है. ललन सिंह ने कहा कि यदि सत्ता में बीजेपी रही तो आजादी के बाद देश का जो भी इतिहास सब कुछ अपने नाम से बदल देंगे. आने वाली पीढ़ी यह जाने कि देश में कुछ भी कोई देखा है तो नरेंद्र मोदी ने ही देखा है. ललन सिंह ने कहा कि ये लोग आरक्षण के विरोधी हैं. देश में कोई भी संवैधानिक संस्था स्वतंत्र नहीं है सब को डरा कर रखे हैं.
"नीतीश कुमार प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार नहीं है. वह तो विपक्षी एकजुटता के मुहिम के अगुवा है.वर्तमान में देश का संविधान ही खतरे में हैं. सभी संवैधानिक संस्थाओं पर भारतीय जनता पार्टी का कब्जा है. बोलने तक की आजादी पर पाबंदी है". -ललन सिंह,राष्ट्रीय अध्यक्ष जदयू