पटना: बिहार के सहरसा जिले के सोनबरसा विधानसभी सीट से लगातार तीसरी बार चुनाव जीतने वाले जेडीयू विधायक रत्नेश सदा मंत्री बनेंगे. उनको मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जीतनराम मांझी के बेटे संतोष सुमन के इस्तीफे के बाद सीएम आवास बुलाया और उनसे बातचीत की. उसके बाद राजभवन से समय मांगा गया है. राजभवन से 16 जून को सुबह 10:30 बजे का समय मिला है. वह अनुसूचित जाति-जनजाति विभाग के मंत्री बनेंगे.
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रत्नेश सदा नीतीश कैबिनेट में शामिल होंगे!: रत्नेश सदा पिछले 13 सालों से विधायक हैं. फिलहाल बिहार विधानसभा में सत्ता पक्ष के सचेतक भी हैं. जनता दल यूनाइटेड में 'बाबा' के नाम से चर्चित रत्नेश नीतीश कुमार के नजदीकियों में से एक माने जाते हैं. जीतनराम मांझी मुसहर समाज से आते हैं तो नीतीश कुमार ने उनकी काट के लिए मुसहर समाज से आने वाले रत्नेश सदा को मंत्री बनाने का फैसला किया है. वैसे रत्नेश कभी शरद यादव के भी नजदीकी माने जाते थे. शरद यादव ने ही उनको राजनीति में लाया था.
तीन बार के विधायक हैं रत्नेश: रत्नेश सदा की कुछ खासियत भी है. संस्कृत से उन्होंने स्नातक तक की पढ़ाई की है और अपने क्षेत्र में होम्योपैथी का इलाज भी करते रहे हैं. विधायक बनने से पहले लंबे समय तक होम्योपैथी डॉक्टर की भूमिका अपने क्षेत्र में निभाते रहे हैं. रत्नेश सदा सहरसा जिले के रहने वाले हैं और सोनबरसा से ही लगातार चुनाव लड़ते रहे हैं. अपने क्षेत्र में काफी लोकप्रिय भी हैं.
मांझी पर भड़के रत्नेश सदा: रत्नेश सदा ने फोन से हुई बातचीत में कहा कि अभी मंत्री को लेकर मुझे कोई सूचना नहीं दी गई है. जब सूचना दी जाएगी तो आप लोगों को भी जानकारी दे देंगे. जीतनराम मांझी पर निशाना साधते हुए कहा कि मांझी महत्वाकांक्षी व्यक्ति हैं. उन्हें मुख्यमंत्री तक बनाया गया. उनके बेटे को मंत्री बनाया गया लेकिन जुमलेबाज के चक्कर में पड़ गए हैं. आने वाले दिनों में उनका बुरा हाल होने वाला है. अपने समाज के लिए भी उन्होंने कोई लकीर नहीं खींच पाई.
डैमेज कंट्रोल की कोशिश में नीतीश: हम संरक्षक जीतनराम मांझी के बेटे संतोष सुमन के मंत्री पद से इस्तीफा देने के बाद नीतीश कुमार ने उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव, मंत्री विजेंद्र यादव, विजय कुमार चौधरी और ललन सिंह के साथ बैठक की. जहां रत्नेश सदा के नाम पर मुहर लगी. जो जानकारी मिल रही है, उसके अनुसार केवल रत्नेश सदा ही गुरुवार को मंत्री पद की शपथ लेंगे. हालांकि बिहार में आरजेडी के दो मंत्री पद और कांग्रेस कोटे से एक मंत्री पद खाली है लेकिन कांग्रेस की तरफ से दो मंत्री पद की मांग हो रही है. 23 जून को विपक्षी दलों की बैठक है. इसीलिए उससे पहले मांझी से मिले झटके के बाद डैमेज कंट्रोल के लिए रत्नेश सदा को मंत्री पद की शपथ दिलाई जा रही है.