नई दिल्ली : रेल मंत्रालय (ministry of railways) ने बड़ा फैसला लिया है. असिस्टेंट गार्ड को अब 'असिस्टेंट पैसेंजर ट्रेन मैनेजर' के नाम से जाना जाएगा. गुड्स गार्ड यानी मालगाड़ी में चलने वाले गार्ड को अब गुड्स ट्रेन मैनेजर का दर्जा दिया गया है.
सीनियर गुड्स गार्ड यानी मालगाड़ी में चलने वाले वरिष्ठ गार्ड नए आदेश के बाद सीनियर गुड्स ट्रेन मैनेजर के नाम से जाने जाएंगे. रेल मंत्रालय के तहत आने वाले रेलवे बोर्ड ने सीनियर पैसेंजर गार्ड का नाम बदलकर सीनियर पैसेंजर ट्रेन मैनेजर करने का फैसला लिया है. भारतीय रेल ने मेल और एक्सप्रेस श्रेणी की ट्रेनों के गार्ड का नाम भी बदल दिया है. अब मेल एक्सप्रेस गार्ड को मेल एक्सप्रेस ट्रेन मैनेजर का दर्जा दिया गया है.
भारतीय रेलवे (Indian Railways) के ट्विटर अकाउंट पर दी गई जानकारी के मुताबिक, पद के नाम में बदलाव का वेतनमान पर कोई असर नहीं होगा. इस बारे में रेलवे बोर्ड (railway board) की तरफ से सभी रेलवे के जनरल मैनेजर्स को पत्र जारी किया गया है. रेलवे कर्मचारी यूनियन की तरफ से पिछले काफी समय से इस बदलाव की मांग की जा रही थी.
ऑल इंडिया गार्ड काउंसिल के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजेश गुप्ता ने बताया कि पदनाम काम के मुताबिक नहीं थे. इसलिए बदलने की मांग की गई थी. आदेश जारी होने के बाद सभी रेलकर्मी खुश हैं. हालांकि राजेश गुप्ता के मुताबिक, रेलवे में सहायक गार्ड नामक कोई पद नहीं है. इसलिए इसे विलोपित किया जाना चाहिए.
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रेलवे बोर्ड (railway board) के फैसले से कर्मचारियों की सालों पुरानी मांग पूरी हुई है. साल 2004 से गार्ड का पदनाम (railway guard designation revision) बदलने की मांग की जा रही थी. इसके पीछे तर्क दिया जा रहा था कि गार्ड का काम सिर्फ सिग्नल के लिए झंडी और टार्च दिखाना नहीं है.