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भारत-पाकिस्तान सीमा पर शांति कायम रखने पर बनी सहमति - नए सिरे से समझौता

भारत और पाकिस्तान के बीच एलओसी पर युद्धविराम को लेकर वर्ष 2003 में एक समझौता हुआ था, लेकिन इसके बावजूद बीते कई वर्षों से इस पर कोई अमल नहीं किया था, वहीं आज पर फिर भारत-पाकिस्तान LoC पर शांति कायम रखने के लिए एक समझौते पर सहमती जताई जा रही हैं. अब दोनों देश इस समझौते पर अमल करने के लिए तैयार हो गए हैं.

युद्धविराम समझौते
युद्धविराम समझौते
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Published : Feb 25, 2021, 1:15 PM IST

Updated : Feb 25, 2021, 4:21 PM IST

नई दिल्ली : भारत और पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) स्थिति की समीक्षा की और इससे संबंधित सभी समझौतों के कड़ाई से पालन करने के लिए सहमत हुए. भारतीय सेना ने गुरुवार को यह जानकारी दी. इसको लेकर नई दिल्ली और इस्लामाबाद में एक संयुक्त बयान जारी किया गया. इसमें कहा गया है कि भारत और पाकिस्तान के मिलिट्री ऑपरेशन के डायरेक्टर जनरलों (डीजीएमओ) ने हॉटलाइन से एक दूसरे से बात की.

भारत और पाकिस्तान नियंत्रण रेखा पर शांति बनाए रखने को लेकर एक विशेष समझौता होने को है. दोनों देश युद्धविराम समझौते पर अमल के लिए तैयार हो गए हैं. बता दें कि भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ के बीच हॉटलाइन पर बातचीत हुई है. बॉर्डर पर शांति बनाए रखने को लेकर यह खास बातचीत हुई है. युद्धविराम के लिए इंडिया-पाकिस्तान के बीच नए सिरे से समझौता हुआ है. बता दें कि कल (शुक्रवार) दोनों देशों के डीजीएमओ यानी डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन के बीच बात हुई, जिसमें युद्धविराम पर नए सिरे से सहमति बनी है.

पढ़ें- आत्मनिर्भर भारत : वॉट्सएप जैसा 'देसी' एप, एक अप्रैल से सेना करेगी इस्तेमाल

बता दें कि सभी समझौतों पर सख्ती से पालन करने पर यह सहमति बनी है. वहीं, दोनों देशों के बीच बातचीत में सीजफायर पर सभी समझौतों को सख्ती से पालन किए जाने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं, इस पर दोनों देशों का कहना है कि युद्धविराम का समझौता सख्ती से लागू होगा और दोनों देश इसे मानेंगे भी. भारत और पाकिस्तान के बीच 2003 से युद्धविराम लागू है, लेकिन दोनों तरफ से इसका उल्लंघन होता रहा है.

बयान में कहा गया, दोनों पक्षों ने नियंत्रण रेखा और अन्य सभी क्षेत्रों के बारे में स्वतंत्र, स्पष्ट और सौहार्दपूर्ण वातावरण में स्थिति की समीक्षा की. इसमें आगे कहा गया कि सीमापर स्थायी शांति प्राप्त करने के लिए दोनों देशों के डीजीएमओ एक-दूसरे के प्रमुख मुद्दों और चिंताओं पर ध्यान देने के लिए सहमत हुए, जिनमें शांति को भंग करने और हिंसा को बढ़ावा देने की प्रवृत्ति संबंधी चिंता भी शामिल है.

दोनों पक्षों ने एलओसी और अन्य सभी क्षेत्रों में 24 फरवरी और 25 फरवरी, 2021 की रात से सभी समझौतों, संघर्ष विराम के सख्ती से पालन के लिए सहमति व्यक्त की. बयान में कहा गया, दोनों पक्षों ने दोहराया है कि हॉटलाइन संपर्क और बॉर्डर फ्लैग मीटिंग के मौजूदा तंत्र का उपयोग किसी भी अप्रत्याशित स्थिति या गलतफहमी को हल करने के लिए किया जाएगा.

बुधवार को, भारतीय सेना प्रमुख जनरल एम.एम. नरवणे ने विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक वेबिनार में कहा था कि निश्चित रूप से जम्मू-कश्मीर में आंतरिक सुरक्षा की स्थिति में बहुत सुधार हुआ है. हालांकि, उन्होंने कहा कि पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंक अभी भी खतरा बना हुआ है.

नई दिल्ली : भारत और पाकिस्तान ने जम्मू-कश्मीर में नियंत्रण रेखा (एलओसी) स्थिति की समीक्षा की और इससे संबंधित सभी समझौतों के कड़ाई से पालन करने के लिए सहमत हुए. भारतीय सेना ने गुरुवार को यह जानकारी दी. इसको लेकर नई दिल्ली और इस्लामाबाद में एक संयुक्त बयान जारी किया गया. इसमें कहा गया है कि भारत और पाकिस्तान के मिलिट्री ऑपरेशन के डायरेक्टर जनरलों (डीजीएमओ) ने हॉटलाइन से एक दूसरे से बात की.

भारत और पाकिस्तान नियंत्रण रेखा पर शांति बनाए रखने को लेकर एक विशेष समझौता होने को है. दोनों देश युद्धविराम समझौते पर अमल के लिए तैयार हो गए हैं. बता दें कि भारत और पाकिस्तान के डीजीएमओ के बीच हॉटलाइन पर बातचीत हुई है. बॉर्डर पर शांति बनाए रखने को लेकर यह खास बातचीत हुई है. युद्धविराम के लिए इंडिया-पाकिस्तान के बीच नए सिरे से समझौता हुआ है. बता दें कि कल (शुक्रवार) दोनों देशों के डीजीएमओ यानी डायरेक्टर जनरल ऑफ मिलिट्री ऑपरेशन के बीच बात हुई, जिसमें युद्धविराम पर नए सिरे से सहमति बनी है.

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बता दें कि सभी समझौतों पर सख्ती से पालन करने पर यह सहमति बनी है. वहीं, दोनों देशों के बीच बातचीत में सीजफायर पर सभी समझौतों को सख्ती से पालन किए जाने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं, इस पर दोनों देशों का कहना है कि युद्धविराम का समझौता सख्ती से लागू होगा और दोनों देश इसे मानेंगे भी. भारत और पाकिस्तान के बीच 2003 से युद्धविराम लागू है, लेकिन दोनों तरफ से इसका उल्लंघन होता रहा है.

बयान में कहा गया, दोनों पक्षों ने नियंत्रण रेखा और अन्य सभी क्षेत्रों के बारे में स्वतंत्र, स्पष्ट और सौहार्दपूर्ण वातावरण में स्थिति की समीक्षा की. इसमें आगे कहा गया कि सीमापर स्थायी शांति प्राप्त करने के लिए दोनों देशों के डीजीएमओ एक-दूसरे के प्रमुख मुद्दों और चिंताओं पर ध्यान देने के लिए सहमत हुए, जिनमें शांति को भंग करने और हिंसा को बढ़ावा देने की प्रवृत्ति संबंधी चिंता भी शामिल है.

दोनों पक्षों ने एलओसी और अन्य सभी क्षेत्रों में 24 फरवरी और 25 फरवरी, 2021 की रात से सभी समझौतों, संघर्ष विराम के सख्ती से पालन के लिए सहमति व्यक्त की. बयान में कहा गया, दोनों पक्षों ने दोहराया है कि हॉटलाइन संपर्क और बॉर्डर फ्लैग मीटिंग के मौजूदा तंत्र का उपयोग किसी भी अप्रत्याशित स्थिति या गलतफहमी को हल करने के लिए किया जाएगा.

बुधवार को, भारतीय सेना प्रमुख जनरल एम.एम. नरवणे ने विवेकानंद इंटरनेशनल फाउंडेशन द्वारा आयोजित एक वेबिनार में कहा था कि निश्चित रूप से जम्मू-कश्मीर में आंतरिक सुरक्षा की स्थिति में बहुत सुधार हुआ है. हालांकि, उन्होंने कहा कि पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंक अभी भी खतरा बना हुआ है.

Last Updated : Feb 25, 2021, 4:21 PM IST
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