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भारत और दक्षिण कोरिया के बीच 28 बिलियन अमेरिकी डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार हुआ : राजदूत चांग जे-बोक

भारत-कोरिया बिजनेस पार्टनरशिप फोरम 2023 में भारत में दक्षिण कोरिया के राजदूत चांग जे-बोक ने संबोधित किया. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच 600 कोरियाई कंपनियों ने 28 अरब अमेरिकी डॉलर का व्यापार हुआ है. पढ़िए पूरी खबर...

india korea business partnership forum
भारत कोरिया बिजनेस पार्टनरशिप फोरम 2023
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 7, 2023, 6:53 PM IST

नई दिल्ली: भारत में दक्षिण कोरिया के राजदूत चांग जे-बोक (Chang Jae-Bok) ने मंगलवार को कहा कि 28 अरब अमेरिकी डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार और 600 कोरियाई कंपनियों का मेक इन इंडिया में योगदान मजबूत द्विपक्षीय संबंधों का प्रमाण है. उन्होंने छठे भारत-कोरिया बिजनेस पार्टनरशिप फोरम 2023 के दौरान कहा कि वित्त, लॉजिस्टिक्स, हरित हाइड्रोजन और इलेक्ट्रिक वाहनों में भारत-कोरिया सहयोग महत्वपूर्ण वादा करता है.
इस बीच, बदलती वैश्विक व्यवस्था में कोरिया को भारत का विश्वसनीय भागीदार बताते हुए भारत सरकार के उद्योग और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) के सचिव राजेश कुमार सिंह ने कहा कि उत्पादक जुड़ाव को मजबूत करने के लिए द्विपक्षीय व्यापार समझौते को उन्नत किया जाएगा. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच और डिजिटल और हरित संक्रमण में तेजी लाने में मदद करने के लिए कोरियाई कंपनियों से भारत के सेमीकंडक्टर और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों में निवेश करने का आग्रह किया.

सिंह ने भारतीय परिसंघ द्वारा आयोजित भारत-कोरिया बिजनेस पार्टनरशिप फोरम में कहा कि हमने इस सुझाव पर ध्यान दिया है कि द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए भारत-कोरिया व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) को उन्नत करने की जरूरत है. उन्होंने आगे कहा कि भारत पीएलआई जैसी योजनाओं के माध्यम से एक अधिक मजबूत विनिर्माण आधार में बदलाव लाने की कोशिश कर रहा है. इसके तहत अर्थव्यवस्था के 14 क्षेत्रों के साथ-साथ हाई-टेक क्षेत्रों में प्रोत्साहन के रूप में 26 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक प्रदान किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि जैसे कि सेमी-कंडक्टर जहां हम वैश्विक सेमी-कंडक्टर निर्माताओं को भारत में आकर्षित करने के लिए 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का प्रोत्साहन प्रदान कर रहे हैं. सिंह ने कहा कि कई कोरियाई कंपनियों के भारत में उनके सबसे बड़े अनुसंधान एवं विकास केंद्र हैं जिन्हें हम वैश्विक क्षमता केंद्र कहते हैं. वे घरेलू बाजारों में अग्रणी बनकर उभरे हैं और दुनिया के लिए उपलब्ध कराए गए बुनियादी ढांचे का भी लाभ उठाया है.

इसी कड़ी में कोरिया के व्यापार, उद्योग और ऊर्जा मंत्रालय के उप व्यापार मंत्री ब्युंग नाए यांग ने अपने संबोधन में भारत को कोरिया का एक महत्वपूर्ण आर्थिक सहयोग भागीदार बताया. उन्होंने कहा कि कोरिया ईवी, बैटरी, डिजिटल/जैव प्रौद्योगिकी सहित भविष्य के उद्योगों में उत्कृष्ट क्षमताओं का दावा करता है. कोरिया की मेक हिस्ट्री पहल के साथ मेक इन इंडिया को जोड़कर हमारे दोनों देश इष्टतम सहयोग भागीदार के रूप में एक तालमेल प्रभाव पैदा करेंगे. इस अवसर पर कोरिया में भारत के राजदूत अमित कुमार ने दोहराया कि भारत-कोरिया विशेष रणनीतिक साझेदारी को व्यापक और गहरा करने के प्रयासों से जीवन विज्ञान, इलेक्ट्रिक वाहन, अर्धचालक, हरित हाइड्रोजन, इलेक्ट्रॉनिक्स, बुनियादी ढांचे, नवीकरणीय ऊर्जा में अधिक सहयोग को बढ़ावा मिलेगा.

इसके अलावा सतत विकास, प्रौद्योगिकी और नवाचार, स्टार्टअप और सांस्कृतिक आदान-प्रदान किया जाएगा. उन्होंने कहा कि व्यापार, निवेश, बुनियादी ढांचे, ऊर्जा और नई प्रौद्योगिकियों पर द्विपक्षीय वार्ता का उद्देश्य द्विपक्षीय व्यापार को 28 अरब डॉलर के मौजूदा स्तर से बढ़ाना और दोतरफा निवेश को 13 अरब डॉलर से बढ़ाना था. 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का भारत का लक्ष्य कोरियाई व्यवसायों को मदद कर सकता है. इसमें विशेष रूप से सेमीकंडक्टर और रक्षा, रसायन, ऑटो, खाद्य प्रसंस्करण, आईटी/आईटीईएस, ईवीएस जैसे उच्च तकनीक विनिर्माण के क्षेत्र शामिल हैं. भारत-कोरिया बैठक के बाद विनिर्माण और नए और उभरते क्षेत्रों पर क्षेत्रीय सत्र हुए जिसमें भारत और कोरिया के वरिष्ठ उद्योग प्रतिनिधियों ने ऑटोमोटिव, सटीक इलेक्ट्रॉनिक्स, प्रौद्योगिकी स्टार्टअप, चिकित्सा प्रौद्योगिकियों, बुनियादी ढांचे सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग और निवेश को बढ़ावा देने पर अपने दृष्टिकोण साझा किए.

ये भी पढ़ें - South Korean envoy : 'उत्तर कोरिया रूस को हथियार मुहैया कराता है तो यह खतरनाक होगा'

नई दिल्ली: भारत में दक्षिण कोरिया के राजदूत चांग जे-बोक (Chang Jae-Bok) ने मंगलवार को कहा कि 28 अरब अमेरिकी डॉलर का द्विपक्षीय व्यापार और 600 कोरियाई कंपनियों का मेक इन इंडिया में योगदान मजबूत द्विपक्षीय संबंधों का प्रमाण है. उन्होंने छठे भारत-कोरिया बिजनेस पार्टनरशिप फोरम 2023 के दौरान कहा कि वित्त, लॉजिस्टिक्स, हरित हाइड्रोजन और इलेक्ट्रिक वाहनों में भारत-कोरिया सहयोग महत्वपूर्ण वादा करता है.
इस बीच, बदलती वैश्विक व्यवस्था में कोरिया को भारत का विश्वसनीय भागीदार बताते हुए भारत सरकार के उद्योग और आंतरिक व्यापार विभाग (DPIIT) के सचिव राजेश कुमार सिंह ने कहा कि उत्पादक जुड़ाव को मजबूत करने के लिए द्विपक्षीय व्यापार समझौते को उन्नत किया जाएगा. उन्होंने कहा कि दोनों देशों के बीच और डिजिटल और हरित संक्रमण में तेजी लाने में मदद करने के लिए कोरियाई कंपनियों से भारत के सेमीकंडक्टर और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों में निवेश करने का आग्रह किया.

सिंह ने भारतीय परिसंघ द्वारा आयोजित भारत-कोरिया बिजनेस पार्टनरशिप फोरम में कहा कि हमने इस सुझाव पर ध्यान दिया है कि द्विपक्षीय संबंधों को और मजबूत करने के लिए भारत-कोरिया व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (सीईपीए) को उन्नत करने की जरूरत है. उन्होंने आगे कहा कि भारत पीएलआई जैसी योजनाओं के माध्यम से एक अधिक मजबूत विनिर्माण आधार में बदलाव लाने की कोशिश कर रहा है. इसके तहत अर्थव्यवस्था के 14 क्षेत्रों के साथ-साथ हाई-टेक क्षेत्रों में प्रोत्साहन के रूप में 26 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक प्रदान किया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि जैसे कि सेमी-कंडक्टर जहां हम वैश्विक सेमी-कंडक्टर निर्माताओं को भारत में आकर्षित करने के लिए 10 बिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक का प्रोत्साहन प्रदान कर रहे हैं. सिंह ने कहा कि कई कोरियाई कंपनियों के भारत में उनके सबसे बड़े अनुसंधान एवं विकास केंद्र हैं जिन्हें हम वैश्विक क्षमता केंद्र कहते हैं. वे घरेलू बाजारों में अग्रणी बनकर उभरे हैं और दुनिया के लिए उपलब्ध कराए गए बुनियादी ढांचे का भी लाभ उठाया है.

इसी कड़ी में कोरिया के व्यापार, उद्योग और ऊर्जा मंत्रालय के उप व्यापार मंत्री ब्युंग नाए यांग ने अपने संबोधन में भारत को कोरिया का एक महत्वपूर्ण आर्थिक सहयोग भागीदार बताया. उन्होंने कहा कि कोरिया ईवी, बैटरी, डिजिटल/जैव प्रौद्योगिकी सहित भविष्य के उद्योगों में उत्कृष्ट क्षमताओं का दावा करता है. कोरिया की मेक हिस्ट्री पहल के साथ मेक इन इंडिया को जोड़कर हमारे दोनों देश इष्टतम सहयोग भागीदार के रूप में एक तालमेल प्रभाव पैदा करेंगे. इस अवसर पर कोरिया में भारत के राजदूत अमित कुमार ने दोहराया कि भारत-कोरिया विशेष रणनीतिक साझेदारी को व्यापक और गहरा करने के प्रयासों से जीवन विज्ञान, इलेक्ट्रिक वाहन, अर्धचालक, हरित हाइड्रोजन, इलेक्ट्रॉनिक्स, बुनियादी ढांचे, नवीकरणीय ऊर्जा में अधिक सहयोग को बढ़ावा मिलेगा.

इसके अलावा सतत विकास, प्रौद्योगिकी और नवाचार, स्टार्टअप और सांस्कृतिक आदान-प्रदान किया जाएगा. उन्होंने कहा कि व्यापार, निवेश, बुनियादी ढांचे, ऊर्जा और नई प्रौद्योगिकियों पर द्विपक्षीय वार्ता का उद्देश्य द्विपक्षीय व्यापार को 28 अरब डॉलर के मौजूदा स्तर से बढ़ाना और दोतरफा निवेश को 13 अरब डॉलर से बढ़ाना था. 5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर की अर्थव्यवस्था बनाने का भारत का लक्ष्य कोरियाई व्यवसायों को मदद कर सकता है. इसमें विशेष रूप से सेमीकंडक्टर और रक्षा, रसायन, ऑटो, खाद्य प्रसंस्करण, आईटी/आईटीईएस, ईवीएस जैसे उच्च तकनीक विनिर्माण के क्षेत्र शामिल हैं. भारत-कोरिया बैठक के बाद विनिर्माण और नए और उभरते क्षेत्रों पर क्षेत्रीय सत्र हुए जिसमें भारत और कोरिया के वरिष्ठ उद्योग प्रतिनिधियों ने ऑटोमोटिव, सटीक इलेक्ट्रॉनिक्स, प्रौद्योगिकी स्टार्टअप, चिकित्सा प्रौद्योगिकियों, बुनियादी ढांचे सहित विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग और निवेश को बढ़ावा देने पर अपने दृष्टिकोण साझा किए.

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