पटनाः बिहार के महागठबंधन में एक बार फिर सियासी तकरार देखने को मिल रही है. दरअसल हुआ वही, जिसके कयास कुछ दिनों से लगाए जा रहे थे. जेडीयू से नाराज चल रहे जीतन राम मांझी के बेटे संतोष सुमन ने मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया है. अब सवाल ये है कि आखिर इस्तीफे की वजह क्या थी? इस सवाल पर संतोष सुमन ने जो कहा, उससे इस बात की तस्दीक हो जाती है कि हर राजनीतिक पार्टी अपने से छोटी पार्टी के अस्तित्व को खत्म कर देना चाहती है.
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नीतीश कैबिनेट से इस्तीफा क्यों दिया? : बिहार सरकार के पूर्व मंत्री संतोष सुमन ने कहा कि इस जंगल में बहुत तरह के लोग रहते हैं. बहुत तरह के जानवर रहते हैं. शेर भी रहते हैं. जंगल में छोटे जानवरो को पकड़ने की कोशिश की जाती है. कुछ बच जाते हैं, कुछ पकड़े जाते हैं. हम लोग आज तक बच रहे थे. जब ऐसा लगा कि नहीं बच पाएंगे तो अलग हो गए.
23 जून विपक्षी एकता की बैठक में शामिल होंगे? : मांझी के बेटे ने आगे कहा कि आप लोगों को पता है कि हम लोगों को विपक्षी एकता की बैठक में बुलाया ही नहीं गया. हमारी पार्टी को कोई कुछ समझ ही नहीं रहा तो कहां से बैठक में बुलाया जाएगा.
क्या NDA में जाने की तैयारी है? : जवाब में संतोष सुमन ने कहा कि अभी ऐसी कोई बात नहीं है. अभी कोई बातचीत किसी से नहीं हो रही है. हम इंडिपेंडेंट पार्टी है. अपना अस्तित्व बचाने के लिए सोचेंगे. आज भी महागठबंधन में रहना चाहते हैं. लेकिन आगे तय करेंगे क्या करना है.
इस्तीफा देने से पहले नीतीश से बात हुई? : उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार से हम पार्टी के सारे विधायकों की बात हुई. उससे पहले उनके साथ निजी बातचीत भी हुई है. उसके बाद भी लगातार मिलते रहे हैं. विजय चौधरी से भी मुलाकात हुई. एक दिन नहीं कई राउंड की बातचीत हुई है.
तो क्या आप महागठबंधन से बाहर हो गए? : मांझी के बेटे ने कहा कि इसका मतलब तो महागठबंधन के नेताओं को समझना होगा. मंत्री पद छोड़ने के बाद भी महागठबंधन में हम रहना चाहते हैं. लेकिन वहां दो बड़ी पार्टियां (आरजेडी-जेडीयू) है, अगर वे नहीं रखना चाहेंगी, आपको नहीं तव्वजों देगी, नहीं बुलाएगी, आपको पार्टी के रूप में नहीं मानेगी तो कैसे महागठबंधन में रहेंगे.
क्या नीतीश कहेंगे तो इस्तीफा वापस लेंगे? : इस सवाल पर संतोष सुमन ने कहा कि इस्तीफा वापस लेने का सवाल ही पैदा नहीं होता है. क्योंकि यह फैसला एक दिन में नहीं हुआ है. पार्टी के सभी नेताओं और कार्यकर्ताओं से बात करके और बहुत सोच समझकर फैसला लिया गया है.
लोकसभा की पांच सीटों की चर्चा क्यों? : ''हमने कहा था कि हमारी तैयारी 5 सीटों पर चुनाव लड़ने की है. लेकिन हमने कहा था कि इस पर बैठकर बात होनी चाहिए. एक पार्टी के रूप में हमारी पांच सीटों की मांग थी. हमने बात को रखा था. एक दो सीट कम भी होता तो विचार हो सकता था.''
अमित शाह से मिले थे जीतन राम मांझी: दरअसल, 13 अप्रैल को जीतन राम मांझी ने दिल्ली में गृहमंत्री अमित शाह से मुलकात की थी. कहा गया कि गृहमंत्री से मुलाकात कर मांझी ने माउंटेन मैन दशरथ मांझी को भारत रत्न देने की मांग की थी. इस मुलाकात के बाद कयास लगाए जाने लगे थे कि मांझी की एनडीए में फिर से वापसी हो सकती है.
क्या लालू यादव से बात हुई थी? : इस सवाल पर संतोष सुमन ने कहा कि हमारा गठबंधन नीतीश कुमार की पार्टी के साथ था. बाद में नीतीश कुमार महागठबंधन में शामिल हो गए. आरजेडी के साथ बात करने का कोई मतलब नहीं है. हमें लगा कि इस्तीफा देने का यह सही वक्त है. अब सुलह की कोई गुंजाइश नहीं है.
किसी से मिलना कोई गुनाह है क्या? : पूर्व मंत्री ने कहा कि जनहित के मुद्दों पर क्या किसी से नहीं मिल सकते हैं. दशरथ मांझी को भारत रत्न देने के लिए देश के गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात हुई थी. हम छोटी पार्टी है इसका मतलब किसी से मिलने से क्या बैरियर लगा दिया जाएगा?