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कोरोना काल में सबसे ज्यादा निवेश, बदल रहा है बिहार, हमारी उम्मीदें बरकरार : शाहनवाज हुसैन

बिहार सरकार में उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि खादी, गांधीजी का पसंदीदा परिधान था. उन्होंने खादी को देश में बढ़ावा देने की बात की थी और उसी नीति पर भाजपा की सरकार चल रही है. ईटीवी भारत की वरिष्ठ संवाददाता अनामिका रत्ना ने विभिन्न मुद्दों पर बिहार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन से खास बातचीत की.

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Published : Oct 1, 2021, 11:46 PM IST

नई दिल्ली : बिहार सरकार में उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि खादी का सम्मान देश में मोदी सरकार के आने के बाद बढ़ा है और अब यह सिर्फ नेताओं का परिधान नहीं हुई बल्कि लोग शौक से खादी पहन रहे हैं. उन्होंने यह भी दावा किया कि बिहार में अब बड़े-बड़े उद्योगपतियों ने उद्योग लगाने में इच्छा जताई है. अब बिहार के श्रमिकों को बिहार में ही रोजगार की व्यवस्था की जा रही है और बिहार बदल रहा है.

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और बिहार सरकार में उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि खादी भारतीय जनता पार्टी की सरकार के लिए कोई एक परिधान या वस्त्र नहीं बल्कि यह एक विचार है. एक विचारधारा है जो गांधीजी से जुड़ी और पार्टी के तमाम नेता खादी का हमेशा से सम्मान करते आए हैं और खादी उद्योग और इससे जुड़े बुनकरों के लिए बिहार की सरकार काफी कुछ कर रही है.

बदल रहा है बिहार, हमारी उम्मीदें बरकरार : शाहनवाज हुसैन

उन्होंने कहा की खादी उद्योग से जुड़े लोगों को आर्थिक सहायता और बुनकरों कोरोना काल में 10000 रूपये की मदद भी दी गई. बुनकरों के मदद के लिए कोरोना काल के दौरान केंद्र सरकार से सबसे ज्यादा सहायता प्राप्त हुई और उसका पूरा इस्तेमाल किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बुनकरों को आर्थिक मदद दी जा रही है ताकि खादी का और प्रचार-प्रसार बड़े पैमाने पर किया जा सके.

उन्होंने कहा कि बीजेपी के लिए खादी कोई कपड़ा नहीं बल्कि विचारधारा है. बाकी पार्टियां मात्र गांधी जयंती के दिन ही गांधी जी को याद करती हैं और खादी पहनते हैं लेकिन बीजेपी पूरे साल खादी से संबंधित और खादी को बढ़ावा देने के लिए कुछ ना कुछ कार्यक्रम चलाती रहती है. गांधी जी का सम्मान मात्र 2 अक्टूबर को नहीं बल्कि पूरे साल उनकी विचारधारा को पार्टी अपनी कार्य प्रणालियों में उतारती है.

इस सवाल पर कि बिहार सरकार के आप उद्योग मंत्री हैं, गांधी जयंती पर खादी से संबंधित क्या विशेष प्रयोजन किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि खादी से संबंधित उनका मंत्रालय बिहार की राजधानी पटना में प्रदर्शनी लगा रहा है और सभी विधायकों को पत्र लिखा है कि वह आए और उस प्रदर्शनी को देखें. हुसैन ने कहा कि गांधीजी का सबसे ज्यादा इस्तेमाल उनके नाम का इस्तेमाल कांग्रेस ने किया और अपने नाम के पीछे उन्होंने गांधी लगा लिया. वे मात्र 2 अक्टूबर को ही गांधीजी को याद करते हैं जबकि बीजेपी की सरकार पूरे साल गांधी जी से संबंधित कुछ न कुछ कार्यक्रम चलाती रहती है.

कहा कि खादी और गांधीजी का बिहार और गुजरात दोनों का ही रिश्ता काफी पुराना है. उन्होंने कहा कि यदि गुजरात में लोग गांधीजी को याद करते हैं तो बिहार भी उससे कम नहीं है क्योंकि खादी का पूरा आंदोलन ही बिहार से शुरू हुआ था. एक सवाल पर कि कोरोना काल में सबसे ज्यादा प्रवासी मजदूर बिहार के थे और वह अलग-अलग राज्यों से बिहार लौट गए उन्हें उनके ही राज्य में रोजगार मिले इसके लिए उद्योग मंत्रालय वहां का क्या कर रहा है.

इस पर बिहार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि जब कोरोना काल के दौरान मजदूर पलायन कर बिहार की तरह वापस आ रहे थे तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक अच्छा काम किया. उन्होंने जगह-जगह क्लस्टर बनवा दिए थे और इन मजदूरों को जब स्कूलों में ठहराया गया था तो वहीं पर एक सर्वे किया गया और उनसे यह जानने की कोशिश की गई थी कि वह किन-किन रोजगार से जुड़े हैं.

इसमें यह बात निकलकर सामने आए की पलायन करने वाले 56 फीसदी मजदूर टेक्सटाइल उद्योग से जुड़े थे. उसके बाद से ही उद्योग मंत्रालय वहां पर टेक्सटाइल पॉलिसी लेकर आया है और इन मजदूरों को उसी के तहत आर्थिक सहायता और रोजगार भी दिए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुझे यह बताने में खुशी होगी कि कोरोना काल के दौरान सबसे ज्यादा निवेश करीब 35 हजार करोड रुपए का हुआ है.

शाहनवाज हुसैन ने कहा कि जब इथेनॉल पॉलिसी आई तो सबसे ज्यादा प्रपोजल बिहार से आए और जो सबसे ज्यादा बीड हुआ, वह बिहार के इन्वेस्टर्स ने किया. उन्होंने कहा कि इथेनॉल का उत्पादन सबसे ज्यादा बिहार में हो सकता है क्योंकि बिहार में पानी की बहुतायत है. हमने पेट्रोलियम मंत्री से मिलकर यह मांग भी की है कि बिहार सिर्फ उपभोक्ता नहीं बल्कि उत्पादक भी होना चाहिए. कहा कि इथेनॉल बनाने के लिए बिहार में पानी है, मक्का है और मजदूर हैं.

इस सवाल पर कि यदि आप बिहार में निवेश का दावा कर रहे हैं तो क्या यह मान कर चला जाए कि आने वाले दिनों में बिहार में भी लोग उद्योग लगाएंगे और इंडस्ट्री का हब बनेगा. इस सवाल का जवाब देते हुए बिहार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि इसकी पूरी कोशिश की जा रही है. बिहार आने वाले भविष्य में एक इंडस्ट्री का हब बनने जा रहा है और हम अपने मजदूरों को वहीं पर काम देने की कोशिश करेंगे ताकि वह राज्य से बाहर ना जा सकें.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री भी बिहार से काफी लगाव रखते हैं और केंद्र की भी मदद समय-समय पर मिलती रही है. इस सवाल पर कि बिहार में पहले लोग उद्योग नहीं लगाना चाहते थे और बिहार को इन्वेस्टर्स नहीं मिलते थे. आज की क्या स्थिति है उन्होंने कहा कि वह अलग-अलग राज्यों में जाकर मुख्यमंत्रियों से भी मिले हैं अलग-अलग व्यापारियों और उद्योगपतियों से भी उनकी मुलाकात हुई है. सबने बिहार में इन्वेस्टमेंट करने की इच्छा जताई है.

इस सवाल पर कि क्या इन तमाम कामों में आपको विपक्षियों का साथ मिल रहा है क्योंकि विपक्ष अपनी अलग मांगों पर अड़ा हुआ है. जिसमें जाति आधारित जनगणना की मांग की जा रही है. बिहार के उद्योग मंत्री का कहना है कि विपक्षी पार्टियों और अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों को अपनी राजनीति चलानी है और उन्हें जो सूट करता है वह अपनी राजनीति के हिसाब से करेंगे.

यह भी पढ़ें-यूपी सरकार की 'ODOP' योजना की ब्रांड एंबेसडर होंगी कंगना, लखनऊ में हुई CM योगी से मुलाकात

लेकिन जहां तक बिहार में रोजगार और उद्योग का सवाल है तो बिहार बदल रहा है और बिहार में लोग अब इन्वेस्टमेंट करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री ने बिहार के उद्योग मंत्री बनाकर भेजा है और उनका काम है वहां पर उद्योग लगाना है. वे बड़ी उम्मीद रखते हैं कि आने वाले दिनों में और भी ज्यादा उद्योगपति निवेश करेंगे और एक उम्मीद के साथ ही वह आगे बढ़ रहे हैं.

नई दिल्ली : बिहार सरकार में उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि खादी का सम्मान देश में मोदी सरकार के आने के बाद बढ़ा है और अब यह सिर्फ नेताओं का परिधान नहीं हुई बल्कि लोग शौक से खादी पहन रहे हैं. उन्होंने यह भी दावा किया कि बिहार में अब बड़े-बड़े उद्योगपतियों ने उद्योग लगाने में इच्छा जताई है. अब बिहार के श्रमिकों को बिहार में ही रोजगार की व्यवस्था की जा रही है और बिहार बदल रहा है.

भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता और बिहार सरकार में उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि खादी भारतीय जनता पार्टी की सरकार के लिए कोई एक परिधान या वस्त्र नहीं बल्कि यह एक विचार है. एक विचारधारा है जो गांधीजी से जुड़ी और पार्टी के तमाम नेता खादी का हमेशा से सम्मान करते आए हैं और खादी उद्योग और इससे जुड़े बुनकरों के लिए बिहार की सरकार काफी कुछ कर रही है.

बदल रहा है बिहार, हमारी उम्मीदें बरकरार : शाहनवाज हुसैन

उन्होंने कहा की खादी उद्योग से जुड़े लोगों को आर्थिक सहायता और बुनकरों कोरोना काल में 10000 रूपये की मदद भी दी गई. बुनकरों के मदद के लिए कोरोना काल के दौरान केंद्र सरकार से सबसे ज्यादा सहायता प्राप्त हुई और उसका पूरा इस्तेमाल किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि बुनकरों को आर्थिक मदद दी जा रही है ताकि खादी का और प्रचार-प्रसार बड़े पैमाने पर किया जा सके.

उन्होंने कहा कि बीजेपी के लिए खादी कोई कपड़ा नहीं बल्कि विचारधारा है. बाकी पार्टियां मात्र गांधी जयंती के दिन ही गांधी जी को याद करती हैं और खादी पहनते हैं लेकिन बीजेपी पूरे साल खादी से संबंधित और खादी को बढ़ावा देने के लिए कुछ ना कुछ कार्यक्रम चलाती रहती है. गांधी जी का सम्मान मात्र 2 अक्टूबर को नहीं बल्कि पूरे साल उनकी विचारधारा को पार्टी अपनी कार्य प्रणालियों में उतारती है.

इस सवाल पर कि बिहार सरकार के आप उद्योग मंत्री हैं, गांधी जयंती पर खादी से संबंधित क्या विशेष प्रयोजन किए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि खादी से संबंधित उनका मंत्रालय बिहार की राजधानी पटना में प्रदर्शनी लगा रहा है और सभी विधायकों को पत्र लिखा है कि वह आए और उस प्रदर्शनी को देखें. हुसैन ने कहा कि गांधीजी का सबसे ज्यादा इस्तेमाल उनके नाम का इस्तेमाल कांग्रेस ने किया और अपने नाम के पीछे उन्होंने गांधी लगा लिया. वे मात्र 2 अक्टूबर को ही गांधीजी को याद करते हैं जबकि बीजेपी की सरकार पूरे साल गांधी जी से संबंधित कुछ न कुछ कार्यक्रम चलाती रहती है.

कहा कि खादी और गांधीजी का बिहार और गुजरात दोनों का ही रिश्ता काफी पुराना है. उन्होंने कहा कि यदि गुजरात में लोग गांधीजी को याद करते हैं तो बिहार भी उससे कम नहीं है क्योंकि खादी का पूरा आंदोलन ही बिहार से शुरू हुआ था. एक सवाल पर कि कोरोना काल में सबसे ज्यादा प्रवासी मजदूर बिहार के थे और वह अलग-अलग राज्यों से बिहार लौट गए उन्हें उनके ही राज्य में रोजगार मिले इसके लिए उद्योग मंत्रालय वहां का क्या कर रहा है.

इस पर बिहार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि जब कोरोना काल के दौरान मजदूर पलायन कर बिहार की तरह वापस आ रहे थे तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक अच्छा काम किया. उन्होंने जगह-जगह क्लस्टर बनवा दिए थे और इन मजदूरों को जब स्कूलों में ठहराया गया था तो वहीं पर एक सर्वे किया गया और उनसे यह जानने की कोशिश की गई थी कि वह किन-किन रोजगार से जुड़े हैं.

इसमें यह बात निकलकर सामने आए की पलायन करने वाले 56 फीसदी मजदूर टेक्सटाइल उद्योग से जुड़े थे. उसके बाद से ही उद्योग मंत्रालय वहां पर टेक्सटाइल पॉलिसी लेकर आया है और इन मजदूरों को उसी के तहत आर्थिक सहायता और रोजगार भी दिए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि मुझे यह बताने में खुशी होगी कि कोरोना काल के दौरान सबसे ज्यादा निवेश करीब 35 हजार करोड रुपए का हुआ है.

शाहनवाज हुसैन ने कहा कि जब इथेनॉल पॉलिसी आई तो सबसे ज्यादा प्रपोजल बिहार से आए और जो सबसे ज्यादा बीड हुआ, वह बिहार के इन्वेस्टर्स ने किया. उन्होंने कहा कि इथेनॉल का उत्पादन सबसे ज्यादा बिहार में हो सकता है क्योंकि बिहार में पानी की बहुतायत है. हमने पेट्रोलियम मंत्री से मिलकर यह मांग भी की है कि बिहार सिर्फ उपभोक्ता नहीं बल्कि उत्पादक भी होना चाहिए. कहा कि इथेनॉल बनाने के लिए बिहार में पानी है, मक्का है और मजदूर हैं.

इस सवाल पर कि यदि आप बिहार में निवेश का दावा कर रहे हैं तो क्या यह मान कर चला जाए कि आने वाले दिनों में बिहार में भी लोग उद्योग लगाएंगे और इंडस्ट्री का हब बनेगा. इस सवाल का जवाब देते हुए बिहार के उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन ने कहा कि इसकी पूरी कोशिश की जा रही है. बिहार आने वाले भविष्य में एक इंडस्ट्री का हब बनने जा रहा है और हम अपने मजदूरों को वहीं पर काम देने की कोशिश करेंगे ताकि वह राज्य से बाहर ना जा सकें.

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री भी बिहार से काफी लगाव रखते हैं और केंद्र की भी मदद समय-समय पर मिलती रही है. इस सवाल पर कि बिहार में पहले लोग उद्योग नहीं लगाना चाहते थे और बिहार को इन्वेस्टर्स नहीं मिलते थे. आज की क्या स्थिति है उन्होंने कहा कि वह अलग-अलग राज्यों में जाकर मुख्यमंत्रियों से भी मिले हैं अलग-अलग व्यापारियों और उद्योगपतियों से भी उनकी मुलाकात हुई है. सबने बिहार में इन्वेस्टमेंट करने की इच्छा जताई है.

इस सवाल पर कि क्या इन तमाम कामों में आपको विपक्षियों का साथ मिल रहा है क्योंकि विपक्ष अपनी अलग मांगों पर अड़ा हुआ है. जिसमें जाति आधारित जनगणना की मांग की जा रही है. बिहार के उद्योग मंत्री का कहना है कि विपक्षी पार्टियों और अलग-अलग राजनीतिक पार्टियों को अपनी राजनीति चलानी है और उन्हें जो सूट करता है वह अपनी राजनीति के हिसाब से करेंगे.

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लेकिन जहां तक बिहार में रोजगार और उद्योग का सवाल है तो बिहार बदल रहा है और बिहार में लोग अब इन्वेस्टमेंट करना चाहते हैं. उन्होंने कहा कि उन्हें प्रधानमंत्री ने बिहार के उद्योग मंत्री बनाकर भेजा है और उनका काम है वहां पर उद्योग लगाना है. वे बड़ी उम्मीद रखते हैं कि आने वाले दिनों में और भी ज्यादा उद्योगपति निवेश करेंगे और एक उम्मीद के साथ ही वह आगे बढ़ रहे हैं.

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