पटनाः बिहार शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक को पटना हाईकोर्ट के जज पीबी बजनथ्री की खंडपीठ ने अवमानना के एक मामले में बीते 13 जुलाई को हर हाल में कोर्ट में पेश होने का आदेश दिया था. केके पाठक ने हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने तथ्यों का अवलोकन कर अंतरिम आदेश तक इस पर रोक लगा दी थी.
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कई बार कोर्ट उपस्थित होने का दिया आदेशः दरअसल ये मामला सात साल पुराना है. जब नालंदा जिले के निवासी शिक्षक को प्रोन्नत कर प्रधानाध्यापक बनाया गया था. लेकिन उन्हें वेतन नियमित शिक्षक का नहीं मिला. जिसके बाद शिक्षक ने अदालत में अर्जी लगाई कि आदेश के बावजूद उन्हें नियमित शिक्षक का वेतन नहीं देकर नियोजित शिक्षक का वेतन दिया गया. इसी सिलसिले में शिक्षा विभाग से जानकारी लेने के लिए पटना हाईकोर्ट ने केके पाठक को कई बार उपस्थित होने का आदेश दिया था.
कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए केके पाठकः वहीं केके पाठक 13 जुलाई को भी पटना कोर्ट मे उपस्थित नहीं हुए और कोर्ट को वकील के माध्यम से सलाह दी कि उन्होंने 16 जून 2023 को ऑर्डर पर अमल करवा दिया है, इस आधार पर भौतिक हाजिरी से छूट दी जाए, लेकिन पटना कोर्ट ने इसे अवमानना करारा दिया.
वारंट के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में चुनौती में दी थी चुनौतीः वहीं, केके पाठक के इस रवैये को अदालत ने अवमानना करार देते हुए उनके खिलाफ जमानती वारंट जारी करने का निर्देश दिया. जिसके बाद केके पाठक ने जारी जमानती वारंट को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी और उन्हें वहां से राहत मिल गई. अब उसी मामले पर आज दोबारा सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी.