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Bihar Caste Census: जातीय जनगणना पर बिहार सरकार को बड़ा झटका, अंतरिम रोक हटाने से सुप्रीम कोर्ट का इंकार

बिहार में जाति आधारित गणना पर पटना हाइकोर्ट की अंतरिक रोक फिलहाल जारी रहेगी. आज सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद राहत देने से इंकार कर दिया है. अब 3 जुलाई को उच्च न्यायालय में ही इस मामले की अगली सुनवाई होगी.

जातीय जनगणना पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
जातीय जनगणना पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई
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Published : May 18, 2023, 9:08 AM IST

Updated : May 19, 2023, 8:16 PM IST

जातीय जनगणना पर बिहार सरकार को सुप्रीम झटका

पटना: बिहार में जातीय जनगणना पर राज्य सरकार को बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने पटना उच्च न्यायालय के अंतरिम रोक को हटाने से इंकार कर दिया है. न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की पीठ ने कहा कि इस बात की जांच करनी होगी कि क्या यह कवायद सर्वेक्षण की आड़ में जनगणना तो नहीं है. हाइकोर्ट ने जातीय जनगणना को असंवैधानिक बताते हुए रोक लगाने का आदेश दिया था और 3 जुलाई को सुनवाई की तारीख तय की थी. जिसके विरोध में बिहार सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था.

ये भी पढ़ें: Bihar Caste Census: जातीय गणना पर कानून बनाने की तैयारी में सरकार! SC पर टिकी नजरें

पीठ ने कहा, ‘‘हम निर्देश देते हैं कि इस याचिका को 14 जुलाई को सूचीबद्ध किया जाये। यदि किसी भी कारण से, रिट याचिका की सुनवाई अगली तारीख से पहले शुरू नहीं होती है, तो हम याचिकाकर्ता (बिहार) के वरिष्ठ वकील की दलीलें सुनेंगे।’’ पीठ ने कहा, ‘‘हम यह स्पष्ट कर रहे हैं, यह ऐसा मामला नहीं है जहां हम आपको अंतरिम राहत दे सकते हैं’’

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जातीय जनगणना पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई: बिहार सरकार की याचिका को उच्चतम न्यायालय की संबंधित पीठ ने प्रधान न्यायाधीश डीवी चंद्रचूड़ के समक्ष सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया था, जिससे एक उपयुक्त पीठ का गठन हो सके. अदालत ने इस पर सुनवाई के लिए दो सदस्यीय नई बेंच का गठन कर दिया है. जस्टिस अभय ओक और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की अदालत आज इस मामले में सुनवाई करेगी. ऐसे में देखना होगा कि शीर्ष अदालत इस पर क्या फैसला लेती है.

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जातीय जनगणना पर पटना हाइकोर्ट की रोक: जाति आधारित गणना के खिलाफ याचिका पर सुनवाई के दौरान पटना हाइकोर्ट ने माना था कि राज्य सरकार के पास इसे कराने का कोई वैधानिक क्षेत्राधिकार नहीं है. अदालन ने इसे लोगों की निजता का उल्लंघन भी माना था. कोर्ट ने इस पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश जारी करते हुए 3 जुलाई को सुनवाई की अगली तारीख तय की थी. जिसके बाद बिहार सरकार इस पर शीघ्र सुनवाई के लिए अर्जी दी लेकिन 9 मई को कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए साफ कर दिया कि 3 जुलाई को ही सुनवाई होगी. इसी के खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.

जातीय जनगणना पर बिहार सरकार को सुप्रीम झटका

पटना: बिहार में जातीय जनगणना पर राज्य सरकार को बड़ा झटका लगा है. सुप्रीम कोर्ट ने पटना उच्च न्यायालय के अंतरिम रोक को हटाने से इंकार कर दिया है. न्यायमूर्ति अभय एस. ओका और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की पीठ ने कहा कि इस बात की जांच करनी होगी कि क्या यह कवायद सर्वेक्षण की आड़ में जनगणना तो नहीं है. हाइकोर्ट ने जातीय जनगणना को असंवैधानिक बताते हुए रोक लगाने का आदेश दिया था और 3 जुलाई को सुनवाई की तारीख तय की थी. जिसके विरोध में बिहार सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाया था.

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पीठ ने कहा, ‘‘हम निर्देश देते हैं कि इस याचिका को 14 जुलाई को सूचीबद्ध किया जाये। यदि किसी भी कारण से, रिट याचिका की सुनवाई अगली तारीख से पहले शुरू नहीं होती है, तो हम याचिकाकर्ता (बिहार) के वरिष्ठ वकील की दलीलें सुनेंगे।’’ पीठ ने कहा, ‘‘हम यह स्पष्ट कर रहे हैं, यह ऐसा मामला नहीं है जहां हम आपको अंतरिम राहत दे सकते हैं’’

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जातीय जनगणना पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई: बिहार सरकार की याचिका को उच्चतम न्यायालय की संबंधित पीठ ने प्रधान न्यायाधीश डीवी चंद्रचूड़ के समक्ष सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया था, जिससे एक उपयुक्त पीठ का गठन हो सके. अदालत ने इस पर सुनवाई के लिए दो सदस्यीय नई बेंच का गठन कर दिया है. जस्टिस अभय ओक और न्यायमूर्ति राजेश बिंदल की अदालत आज इस मामले में सुनवाई करेगी. ऐसे में देखना होगा कि शीर्ष अदालत इस पर क्या फैसला लेती है.

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जातीय जनगणना पर पटना हाइकोर्ट की रोक: जाति आधारित गणना के खिलाफ याचिका पर सुनवाई के दौरान पटना हाइकोर्ट ने माना था कि राज्य सरकार के पास इसे कराने का कोई वैधानिक क्षेत्राधिकार नहीं है. अदालन ने इसे लोगों की निजता का उल्लंघन भी माना था. कोर्ट ने इस पर अंतरिम रोक लगाने का आदेश जारी करते हुए 3 जुलाई को सुनवाई की अगली तारीख तय की थी. जिसके बाद बिहार सरकार इस पर शीघ्र सुनवाई के लिए अर्जी दी लेकिन 9 मई को कोर्ट ने याचिका को खारिज करते हुए साफ कर दिया कि 3 जुलाई को ही सुनवाई होगी. इसी के खिलाफ राज्य सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है.

Last Updated : May 19, 2023, 8:16 PM IST
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