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कोर्ट मैरिज के लिए लड़की की उम्र 21 साल, लेकिन मां बाप की सहमति पर 18 साल हो : खाप

हरियाणा की सर्व खाप पंचायत ने सर्व सम्मति से कहा है कि अदालत में विवाह के लिए लड़कियों की आयु 21 साल होनी चाहिए लेकिन माता-पिता की सहमति से 18 साल की उम्र में भी शादी मान्य होना चाहिए.

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Published : Dec 23, 2021, 9:13 PM IST

Khap Panchayat
खाप पंचायत (फाइल फोटो)

जींद : देश भर में लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल करने के केंद्र सरकार की ओर से पेश विधेयक के बीच हरियाणा की सर्व खाप पंचायत ने सर्व सम्मति से कहा है कि अदालत में विवाह के लिए लड़कियों की आयु 21 साल होनी चाहिए लेकिन माता-पिता की सहमति से 18 साल की उम्र में भी शादी मान्य होना चाहिए.

हिंदू विवाह अधिनियम में संशोधन के लिए यहां खाप महापंचायत का आयोजन किया गया. इसमें प्रदेश भर से खाप पंचायतों ने हिस्सा लिया. इस महापंचायत में दो मुद्दों पर चर्चा की गयी, जिसमें एक गांव एवं गोत्र में विवाह को निषेध करना तथा लड़की की शादी की उम्र 18 वर्ष से 21 वर्ष किए जाने संबधी विधेयक शामिल है.

इस महापंचायत में खाप पंचायतों के प्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार से मांग की कि एक गांव और एक गोत्र में शादी पर कानूनी रोक लगाई जाए. इसमें कहा गया कि केंद्र सरकार द्वारा लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल करने के फैसले से खाप पंचायतों को दिक्कत नहीं है मगर उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि अगर अभिभावक अपनी बेटी की शादी जरूरी होने पर 18 साल की उम्र में करना चाहें तो इसके लिए उन्हें अनुमति होनी चाहिए.

ये भी पढ़ें - खाप पंचायत से अंतरजातीय विवाह और क्रॉस ब्रीडिंग को बढ़ावा : भाजपा सांसद

खाप प्रतिनिधियों के अनुसार, छह घंटे तक चली महापंचायत में यह प्रस्ताव पारित किया गया कि हिंदू विवाह अधिनियम में संशोधन कर एक गांव और एक गोत्र में शादी पर कानूनी रोक लगाई जाए. महापंचायत में एक गोत्र के लड़के और लड़की की शादी को अमान्य करार दिया गया. इसके अलावा महाविद्यालय और विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली लड़कियों से शादी की उम्र के निर्धारण के लिए उनकी राय जानी जाएगी और उनकी जो राय होगी उसे महत्व दिया जाए.

महापंचायत में केंद्र सरकार द्वारा लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल करने के फैसले पर मंथन करते हुए प्रस्ताव पारित किया कि 21 साल की उम्र अदालत में विवाह (कोर्ट मैरिज) के मामले में ठीक है, हालांकि इसके लिये माता-पिता की सहमति आवश्यक है. इसमें यह भी कहा गया है कि अगर माता-पिता या अभिभावक जरूरी होने पर लड़की की शादी 18 साल की उम्र करना चाहें तो यह भी मान्य होना चाहिए.

इस खाप नेता सुबे समैण ने खाप महापंचायत को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार यह प्रतिबंध भी लगाए कि कोई भी शादी माता-पिता की सहमति के बगैर नहीं हो सकती. इस महापंचायत को अन्य खाप नेताओं ने भी संबोधित किया.

(पीटीआई-भाषा)

जींद : देश भर में लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल करने के केंद्र सरकार की ओर से पेश विधेयक के बीच हरियाणा की सर्व खाप पंचायत ने सर्व सम्मति से कहा है कि अदालत में विवाह के लिए लड़कियों की आयु 21 साल होनी चाहिए लेकिन माता-पिता की सहमति से 18 साल की उम्र में भी शादी मान्य होना चाहिए.

हिंदू विवाह अधिनियम में संशोधन के लिए यहां खाप महापंचायत का आयोजन किया गया. इसमें प्रदेश भर से खाप पंचायतों ने हिस्सा लिया. इस महापंचायत में दो मुद्दों पर चर्चा की गयी, जिसमें एक गांव एवं गोत्र में विवाह को निषेध करना तथा लड़की की शादी की उम्र 18 वर्ष से 21 वर्ष किए जाने संबधी विधेयक शामिल है.

इस महापंचायत में खाप पंचायतों के प्रतिनिधियों ने केंद्र सरकार से मांग की कि एक गांव और एक गोत्र में शादी पर कानूनी रोक लगाई जाए. इसमें कहा गया कि केंद्र सरकार द्वारा लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल करने के फैसले से खाप पंचायतों को दिक्कत नहीं है मगर उन्होंने केंद्र सरकार से मांग की है कि अगर अभिभावक अपनी बेटी की शादी जरूरी होने पर 18 साल की उम्र में करना चाहें तो इसके लिए उन्हें अनुमति होनी चाहिए.

ये भी पढ़ें - खाप पंचायत से अंतरजातीय विवाह और क्रॉस ब्रीडिंग को बढ़ावा : भाजपा सांसद

खाप प्रतिनिधियों के अनुसार, छह घंटे तक चली महापंचायत में यह प्रस्ताव पारित किया गया कि हिंदू विवाह अधिनियम में संशोधन कर एक गांव और एक गोत्र में शादी पर कानूनी रोक लगाई जाए. महापंचायत में एक गोत्र के लड़के और लड़की की शादी को अमान्य करार दिया गया. इसके अलावा महाविद्यालय और विश्वविद्यालय में पढ़ने वाली लड़कियों से शादी की उम्र के निर्धारण के लिए उनकी राय जानी जाएगी और उनकी जो राय होगी उसे महत्व दिया जाए.

महापंचायत में केंद्र सरकार द्वारा लड़कियों की शादी की उम्र 21 साल करने के फैसले पर मंथन करते हुए प्रस्ताव पारित किया कि 21 साल की उम्र अदालत में विवाह (कोर्ट मैरिज) के मामले में ठीक है, हालांकि इसके लिये माता-पिता की सहमति आवश्यक है. इसमें यह भी कहा गया है कि अगर माता-पिता या अभिभावक जरूरी होने पर लड़की की शादी 18 साल की उम्र करना चाहें तो यह भी मान्य होना चाहिए.

इस खाप नेता सुबे समैण ने खाप महापंचायत को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार यह प्रतिबंध भी लगाए कि कोई भी शादी माता-पिता की सहमति के बगैर नहीं हो सकती. इस महापंचायत को अन्य खाप नेताओं ने भी संबोधित किया.

(पीटीआई-भाषा)

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