अहमदाबाद : गुजरात कांग्रेस पार्टी का आंतरिक विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है. हार्दिक पटेल ने अपने ट्विटर अकाउंट से 'गुजरात कांग्रेस कार्यकारी अध्यक्ष' शब्द को हटा दिया है. उनके प्रोफाइल में इस बदलाव के कई मायने निकाले जा रहे हैं. हार्दिक ने दो दिन पहले अप्रत्यक्ष तरीके से गुजरात सरकार की तारीफ भी की थी. वह कई मौकों पर कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व से नाराजगी जाहिर कर चुके हैं, खासकर राज्य नेतृत्व से. हालांकि, उनकी नाराजगी को दूर करने के लिए गुजरात कांग्रेस ने उन्हें बातचीत का निमंत्रण दिया था.
गुजरात कांग्रेस ने पिछले सप्ताह ही मतभेदों को सुलझाने के लिए अपने हार्दिक पटेल को बातचीत का आमंत्रण दिया था. गुजरात प्रदेश कांग्रेस कमेटी (जीपीसीसी) के प्रमुख जगदीश ठाकोर ने गत बुधवार को यह जानकारी दी थी. ठाकोर ने कहा, 'हार्दिक पटेल ने ट्वीट किया. मुझे उनके ट्वीट के बारे में जैसे ही पता चला, मैंने उन्हें तुरंत फोन किया और कहा कि आइए, बैठें, और आपकी जो भी शिकायतें हैं, उस पर बात करें.' तब गुजरात कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि जब भी उन्हें पार्टी के खिलाफ उनका बयान मिला, उन्होंने फोन पर उनसे मिलने और मामले पर चर्चा करने के लिए कहा. ठाकोर ने कहा कि पटेल ने अपनी पिछली व्यस्तताओं से मुक्त होते ही उनसे मिलने का आश्वासन दिया है.
ठाकोर ने कहा कि मतभेदों को सुलझाने का सबसे अच्छा तरीका बातचीत है और उन्हें तथा पार्टी आलाकमान इस पर विश्वास है. आपको बता दें कि हार्दिक पटेल एक प्रमुख पाटीदार नेता हैं, जिन्होंने अपने समुदाय के लिए नौकरियों और शिक्षा में आरक्षण की मांग को लेकर राज्यव्यापी आंदोलन का नेतृत्व किया था.