नई दिल्ली: गुजरात उच्च न्यायालय ने आज 'मोदी उपनाम' मानहानि मामले में कांग्रेस नेता राहुल गांधी की पुनर्विचार याचिका पर बड़ा फैसला सुनाया है. हाईकोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दी है. उनकी सजा बरकरार रहेगी. गुजरात हाई कोर्ट का कहना है कि ट्रायल कोर्ट का दोषी ठहराने का आदेश उचित है, उक्त आदेश में हस्तक्षेप करने की कोई जरूरत नहीं है. इसलिए आवेदन खारिज किया जाता है.
-
Gujarat High Court upholds Sessions Court's order denying stay on conviction of Rahul Gandhi in the defamation case against 'Modi surname' remark. pic.twitter.com/Qzw15PE0Ij
— ANI (@ANI) July 7, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
">Gujarat High Court upholds Sessions Court's order denying stay on conviction of Rahul Gandhi in the defamation case against 'Modi surname' remark. pic.twitter.com/Qzw15PE0Ij
— ANI (@ANI) July 7, 2023Gujarat High Court upholds Sessions Court's order denying stay on conviction of Rahul Gandhi in the defamation case against 'Modi surname' remark. pic.twitter.com/Qzw15PE0Ij
— ANI (@ANI) July 7, 2023
क्या था मामला - 13 अप्रैल 2019 को कर्नाटक के कोलार में एक रैली में राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर कटाक्ष करते हुए कहा था, 'सभी चोरों का सामान्य उपनाम मोदी कैसे है ?' राहुल ने कहा, 'नीरव मोदी, ललित मोदी, नरेंद्र मोदी का सरनेम कॉमन क्यों है?' राहुल गांधी के इस बयान को आधार बनाकर भाजपा विधायक पूर्णेश मोदी ने उनके खिलाफ आपराधिक मानहानि का केस दर्ज कराया था.
इसी मामले में राहुल गांधी को सजा सुनाई गई थी. हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद राहुल गांधी की संसद की सदस्यता भी बहाल नहीं हो सकेगी. उनके चुनाव लड़ने पर भी ब्रेक लग गया है. हालांकि, हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ राहुल गांधी सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे.
हाईकोर्ट ने फैसले में क्या कहा - गुजरात हाईकोर्ट ने अपने फैसले में टिप्पणी की है कि राहुल गांधी के खिलाफ कम से कम 10 अन्य आपराधिक मामले भी लंबित हैं. कोर्ट ने कहा कि राहुल गांधी जिस आधार पर राहत पाने की उम्मीद कर रहे हैं, वह आधार सही नहीं है. लोअर कोर्ट के फैसले पर रोक लगाना कोई रूल नहीं है, हां अपवाद हो सकता है, लेकिन यह मामला उस कैटेगरी में नहीं आता है. कोर्ट ने कहा कि 10 अन्य आपराधिक मामलों के अलावा राहुल गांधी के खिलाफ वीर सावरकर के पोते ने भी मामला दर्ज किया है. कोर्ट ने यह भी कहा कि राहुल की सजा पर रोक नहीं लगाने से, उनके खिलाफ अन्याय नहीं होगा.
इसी साल मई में गुजरात हाईकोर्ट ने राहुल गांधी की याचिका पर अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था. उस समय भी कोर्ट ने राहुल गांधी को कोई अंतरिम राहत नहीं दी थी.
राहुल गांधी ने 25 अप्रैल को सूरत सत्र अदालत के आदेश को चुनौती देते हुए गुजरात हाईकोर्ट का रुख किया था, जिसने आपराधिक मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था.
हाईकोर्ट में 29 अप्रैल को सुनवाई के दौरान, राहुल गांधी की ओर से पेश वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कुछ दस्तावेजों को रिकॉर्ड पर पेश करने के लिए समय मांगा था, जिसके बाद अदालत ने सुनवाई दो मई तक के लिए स्थगित कर दी थी.
सूरत सत्र अदालत ने 20 अप्रैल को राहुल गांधी की उस याचिका को खारिज कर दिया था जिसमें 2019 के आपराधिक मानहानि मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने की मांग की गई थी.
-
Gujarat High Court says that the Trial Court conviction order is proper, there is no need to interfere with the said order. Therefore, the application is dismissed.
— ANI (@ANI) July 7, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
The Court further noted that at least 10 criminal cases are pending against Rahul Gandhi.
">Gujarat High Court says that the Trial Court conviction order is proper, there is no need to interfere with the said order. Therefore, the application is dismissed.
— ANI (@ANI) July 7, 2023
The Court further noted that at least 10 criminal cases are pending against Rahul Gandhi.Gujarat High Court says that the Trial Court conviction order is proper, there is no need to interfere with the said order. Therefore, the application is dismissed.
— ANI (@ANI) July 7, 2023
The Court further noted that at least 10 criminal cases are pending against Rahul Gandhi.
सूरत कोर्ट की टिप्पणी -अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रॉबिन पी मोगेरा ने अपने फैसले में सांसद और देश की दूसरी सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टी के पूर्व प्रमुख के रूप में गांधी के कद का हवाला दिया था और कहा था कि उन्हें अधिक सावधान रहना चाहिए था. उन्होंने प्रथम दृष्टया साक्ष्यों और निचली अदालत की टिप्पणियों का हवाला दिया और कहा कि इससे पता चलता है कि गांधी ने समान उपनाम वाले लोगों की तुलना चोरों से करने के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ कुछ अपमानजनक टिप्पणियां कीं.
-
#WATCH | Gujarat High Court to pronounce its verdict today on Rahul Gandhi’s plea seeking stay on conviction in the defamation case against him.
— ANI (@ANI) July 7, 2023 " class="align-text-top noRightClick twitterSection" data="
Karnataka Deputy CM DK Shivakumar says, "Some conspiracy is going on against our leader. We are just waiting for the Court's verdict… pic.twitter.com/uHpBqBh7fs
">#WATCH | Gujarat High Court to pronounce its verdict today on Rahul Gandhi’s plea seeking stay on conviction in the defamation case against him.
— ANI (@ANI) July 7, 2023
Karnataka Deputy CM DK Shivakumar says, "Some conspiracy is going on against our leader. We are just waiting for the Court's verdict… pic.twitter.com/uHpBqBh7fs#WATCH | Gujarat High Court to pronounce its verdict today on Rahul Gandhi’s plea seeking stay on conviction in the defamation case against him.
— ANI (@ANI) July 7, 2023
Karnataka Deputy CM DK Shivakumar says, "Some conspiracy is going on against our leader. We are just waiting for the Court's verdict… pic.twitter.com/uHpBqBh7fs
न्यायाधीश मोगेरा ने कहा कि मामले में शिकायतकर्ता, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक पूर्णेश मोदी का उपनाम भी मोदी है. उन्होंने कहा, 'शिकायतकर्ता (एक) पूर्व मंत्री भी हैं और सार्वजनिक जीवन में शामिल हैं और इस तरह की अपमानजनक टिप्पणियों से निश्चित रूप से उनकी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचा होगा और समाज में उन्हें पीड़ा का सामना करना पड़ा होगा.' न्यायाधीश ने जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के तहत अयोग्यता मानदंडों का हवाला दिया और कहा कि सांसद के रूप में निष्कासन या अयोग्यता को गांधी के लिए अपरिवर्तनीय या अपूरणीय क्षति नहीं कहा जा सकता है.
निचली अदालत ने पूर्णेश मोदी द्वारा दायर मामले में 23 मार्च को कांग्रेस नेता को भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 499 और 500 (मानहानि) के तहत दो साल जेल की सजा सुनाई थी.
ये भी पढ़ें- राहुल गांधी के खिलाफ दायर मानहानि मामले में गुजरात उच्च न्यायालय कल सुनाएगा फैसला
संसद सदस्यता खत्म - आपराधिक मानहानि मामले में निचली अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के बाद, राहुल गांधी को लोकसभा सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था. वह केरल के वायनाड से लोकसभा के लिए चुने गए थे.