भागलपुर: समाज में बेटा और बेटी के बीच का फर्क अक्सर सामने आ जाता है. आर्थिक स्थिति खराब होने के बावजूद माता-पिता बेटे को पढ़ाने के लिए पूरी ताकत लगा देते हैं. वहीं बेटी को पराया धन समझते हुए जल्द से जल्द शादी करने की फिराक में रहते हैं. कुछ ऐसा ही मामला भागलपुर के कहलगांव का है. एक लड़की जो बीए पार्ट 2 में पढ़ रही है, उसकी शादी वो भी मर्जी के खिलाफ कराने की पूरी तैयारी चल रही थी. इसी बीच लड़की महिला थाने पहुंच गई और काफी देर तक यहां हाईवोल्टेज ड्रामा चलता रहा. मामला 11 मई की शाम का है.
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दुल्हन बनने से पहले थाना पहुंची लड़की: पुलिस के सामने लड़की ने अपनी आप बीती सुनाई. रोते हुए लड़की ने कहा कि मैं पढ़ना चाहती हूं, लेकिन जबरदस्ती मेरी शादी करवाई जा रही है. भागलपुर महिला थाना की थानाध्यक्ष कुमारी नीता ने लड़की की पूरी बात सुनी और फिर उसके परिजनों को थाने बुलाया गया. उसके बाद लड़की ने जो बातें बताई वह सुनकर थाने के सभी पुलिसकर्मी सन्न रह गए.
"लड़की शादी नहीं करना चाह रही है. मां-पिताजी उसकी शादी कराना चाह रहे हैं. लड़की थाने आई और बोली कि मैडम हम अभी शादी नहीं करना चाहते हैं. मेरे पिताजी मेरी जबरदस्ती शादी करना चाह रहे हैं. हमने लड़की के मां-पिताजी को थाने बुलाया और समझा-बुझाकर लड़की को हैंडओवर कर दिया है."- कुमारी नीता,थानाध्यक्ष,भागलपुर महिला थाना
"मैं शादी नहीं करना चाहती लेकिन मेरे पिता दबाव बना रहे हैं. एक दिन उन्होंने मुझे दुपट्टा से गला दबाकर मारने की कोशिश भी की. मेरे दूसरे लड़कों से गंदे संबंधों का आरोप भी लगाते हैं. मां भी उन्हीं का साथ देती है. मैं आगे पढ़कर अगर अफसर बनना चाहती हूं तो इसमें गलत क्या है."- पीड़ित लड़की
'शादी हुई तो दे दूंगी जान': महिला थाने पहुंचे माता-पिता को इस बात की चिंता है कि शादी तय हो गई है, कार्ड छप गए हैं और रिश्तेदारों को वितरित भी कर दिया गया है, समाज में मजाक बन जाएगा. वहीं लड़की ने पढ़ाई जारी रखने के लिए थाने में आवेदन भी दिया है. आवेदन में लिखा गया है कि मेरे अभिभावक जबरदस्ती मेरी शादी कराने की कोशिश कर रहे हैं. मैं अपने पैरों पर खड़ा होकर अफसर बनना चाहती हूं. अगर मेरी शादी जबरदस्ती मर्जी के खिलाफ की गई तो मैं अपनी जान दे दूंगी. महिला थाने में यह हाई वोल्टेज ड्रामा घंटों चलता रहा और पुलिस कर्मी भी लड़की के पढ़ाई के जुनून को देख दंग थे. सभी उसके जज्बे की तारीफ करते नहीं थक रहे थे.
पिता ने कहा- 'ठीक है आगे पढ़ाऊंगा': बता दें कि लड़की के पिता खुद एक शिक्षक हैं. लेकिन पिता ने थाने में बताया कि मेरी आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है कि मैं बेटी को आगे पढ़ा सकूं. इसलिए शादी करा रहा था. वहीं थाने में मामला पहुंचने के बाद बेटी की जिद्द के आगे परिजनों को झुकना पड़ा. पिता ने मामले को तूल पकड़ता देख कहा कि ठीक है मैं अपनी बेटी को पढ़ाऊंगा. घंटों के हाई वोल्टेज ड्रामे के बाद लड़की और उसके घरवालों को समझा बुझाकर घर वापस भेज दिया गया है.
शिक्षा के लिए लड़कियों का संघर्ष जारी: इस घटना ने समाज के सामने एक बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. जो पिता पेशे से खुद शिक्षक है अगर वही पढ़ाई का मोल नहीं समझेगा तो दूसरे माता पिता की सोच कैसे बदलेगी? महिलाओं के उत्थान और शिक्षा के लिए बनाई जा रही योजनाएं क्या उनतक पहुंच रही हैं? समाजिक ताना बाना आखिर कब तक ढकोसलों पर चलेगा? आज भी लड़की को शिक्षा प्राप्त करने के लिए पूरे समाज के साथ ही अपने अभिभावकों से भी अकेले लड़ना क्यों पड़ रहा है? ऐसे कुछ बड़े सवाल हैं जिनका जवाब अगर मिल जाए तो शायद किसी बेटी को थाने में जाकर अपने ही माता-पिता की शिकायत नहीं करनी पड़ेगी. फिलहाल भागलपुर की इस बेटी की शादी को रोक दिया गया है. इसकी हिम्मत दूसरी लड़कियों के लिए मिसाल और प्रेरणास्त्रोत बन गई है.