गया: आज गया में पितृपक्ष मेला का अंतिम दिन है. पितृपक्ष मेले के आखिरी दिन देश के पहले चीफ डिफेंस ऑफ स्टाफ जनरल बिपिन रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत के मोक्ष की कामना को लेकर उनके परिवार के सदस्यों ने गया में पिंडदान किया. पिंडदान करने जनरल रावत के छोटे भाई और दोनों बेटियां भी पहुंची थीं. सभी ने विष्णुपद मंदिर में विधि-विधान के साथ पिंडदान किया.
ये भी पढ़ें: Gaya Pitru Paksha Mela के 16वें दिन वैतरणी स्नान, गोदान और तर्पण का विधान, 21 कुल का होता है उद्धार
जनरल बिपिन रावत का पिंडदान: गया में पिंडदान के लिए जनरल बिपिन रावत के छोटे भाई और दोनों बेटियां पहुंची थीं. वहीं, मधुलिका रावत के भाई यशवर्धन सिंह और उनकी पत्नी भी पहुंचे थे. यशवर्धन सिंह मध्य प्रदेश के रहने वाले हैं. इस तरह गया पहुंचे परिवार के द्वारा जनरल बिपिन रावत और मधुलिका रावत के निमित्त मोक्ष को लेकर पिंडदान किया गया.
मोक्ष की कामना को लेकर पिंडदान: इस संबंध में मधुलिका रावत के भाई यशवर्धन सिंह ने बताया कि जनरल बिपिन रावत और मधुलिका रावत के मोक्ष कामना को लेकर गया में पिंडदान किया गया है. उन्होंने कहा कि पितृ श्राद्ध, पिंडदान श्राद्ध किया गया है. जनरल बिपिन रावत और मधुलिका रावत के निमित्त पिंडदान किया गया.
"8 दिसंबर 2021 को तमिलनाडु के कुन्नूर में MI 17 हेलीकॉप्टर क्रैश हुआ था, जिसमें जनरल बिपिन रावत और मधुलिका रावत की मौत हो गई थी. उनके मोक्ष की कामना को लेकर हम सभी परिवार के सदस्य पिंडदान करने पहुंचे हैं. गया में पिंडदान का पौराणिक महत्व है, इसलिए हमलोग भी आए हैं"- यशवर्धन सिंह, जनरल स्व. बिपिन रावत के रिश्तेदार
कैसे हुआ था बिपिन रावत का निधन?: 8 दिसंबर 2021 को भारतीय वायु सेना का एमआई-17वी5 हेलिकॉप्टर तमिलनाडु के कुन्नूर में क्रैश हो गया था. इस हेलिकॉप्टर में जनरल रावत और उनकी पत्नी मधुलिका रावत के अलावे सेना के अन्य लोग भी सवार थे. हादसे में 14 में से 13 लोगों की मौत हो गई थी. ये हेलिकॉप्टर सुलुर के आर्मी बेस निकला था और वेलिंगटन सैन्य ठिकाने की ओर बढ़ रही था. रावत 63 साल के थे. उनको एक जनवरी 2020 को देश का पहला चीफ डिफेंस ऑफ स्टाफ नियुक्त किया गया था.