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मुस्लिम कारीगर रमजान में बना रहे रामनवमी के लिए झंडे, दे रहे आपसी भाईचारे का संदेश

गया जिले के मुस्लिम कारीगर रामनवमी पर झंडा बनाते हुए गंगा-जमुनी तहजीब का संदेश दे रहे हैं. ये मुस्लिम कारीगर रोजा रखते हुए भी रामनवमी के लिए झंडा तैयार कर रहे हैं.

gaya muslim artisan makes flag of ram navami
गया के मुस्लिम कारीगर बनाते हैं राम नवमी का झंडा
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Published : Apr 5, 2022, 10:52 AM IST

Updated : Apr 5, 2022, 2:19 PM IST

गया: बिहार का गया जिला हमेशा से गंगा-जमुनी तहजीब का उद्गम स्थल रहा है. यहां मुस्लिम और हिंदू दोनों समुदाय आपसी भाईचारे के साथ हर त्योहार मनाते हैं. जहां एक तरफ मुस्लिम कारीगर रामनवमी पर झंडा बना रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ, गैर मुस्लिम लोग ईद के मौके पर इससे संबंधित सामानों की बिक्री करते हैं. देश के कई हिस्सों में जहां संघर्ष और हिंसा की कई घटनाएं हुई हैं वहीं गया के मुस्लिम कारीगर रोजा रखते हुए भी रामनवमी के लिए झंडा तैयार कर रहे हैं.

मुस्लिम कारीगर बनाते हैं राम नवमी का झंडा

गया शहर का केपी रोड और गोदाम क्षेत्र, व्यावसायिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण हैं. यहां के गोदाम क्षेत्र में मुस्लिम कारिगरों की बहुत कम दुकानें हैं लेकिन वे 60 सालों से रामनवमी के अवसर पर झंडा बनाते आ रहे हैं. यहां के मोहम्मद राशिद ने बताया कि, रमजान और ईद की ही तरह, हमें राम नवमी का भी इंतजार रहता है. लेकिन मजहबी नफरत की खबरों से हमें काफी दुख भी होता है. उन्होंने यह भी बताया कि वह और उनके भाई मोहम्मद सलीम इन झंडों को बनाने का काम 60 सालों से कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कई गैर मुस्लिम दुकानदारों ने इन झंडों को बनाना बंद कर दिया लोग अब भी उनके पास ये झंडे लेने के लिए आते हैं.

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रामनवमी के तैयार झंडे

यह भी पढ़ें-प्रयागराज : हिंदू नववर्ष पर दिखी हिंदू-मुस्लिम एकता की मिसाल

अब राशिद और सलीम के बच्चे भी इसी काम को करने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं. राशिद बताते हैं कि वे इस काम को पैसे कमाने के लिए के लिए नहीं, बल्कि सेवा भाव के लिए करते हैं. इसपर इसी बाजार के दुकानदार, राम मनोहर ने कहा कि रोजा रखते हुए भी रामनवमी के लिए झंडे बनाना हिंदू-मुस्लिम भाईचारे का प्रतीक है.

गया: बिहार का गया जिला हमेशा से गंगा-जमुनी तहजीब का उद्गम स्थल रहा है. यहां मुस्लिम और हिंदू दोनों समुदाय आपसी भाईचारे के साथ हर त्योहार मनाते हैं. जहां एक तरफ मुस्लिम कारीगर रामनवमी पर झंडा बना रहे हैं तो वहीं दूसरी तरफ, गैर मुस्लिम लोग ईद के मौके पर इससे संबंधित सामानों की बिक्री करते हैं. देश के कई हिस्सों में जहां संघर्ष और हिंसा की कई घटनाएं हुई हैं वहीं गया के मुस्लिम कारीगर रोजा रखते हुए भी रामनवमी के लिए झंडा तैयार कर रहे हैं.

मुस्लिम कारीगर बनाते हैं राम नवमी का झंडा

गया शहर का केपी रोड और गोदाम क्षेत्र, व्यावसायिक दृष्टि से काफी महत्वपूर्ण हैं. यहां के गोदाम क्षेत्र में मुस्लिम कारिगरों की बहुत कम दुकानें हैं लेकिन वे 60 सालों से रामनवमी के अवसर पर झंडा बनाते आ रहे हैं. यहां के मोहम्मद राशिद ने बताया कि, रमजान और ईद की ही तरह, हमें राम नवमी का भी इंतजार रहता है. लेकिन मजहबी नफरत की खबरों से हमें काफी दुख भी होता है. उन्होंने यह भी बताया कि वह और उनके भाई मोहम्मद सलीम इन झंडों को बनाने का काम 60 सालों से कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि कई गैर मुस्लिम दुकानदारों ने इन झंडों को बनाना बंद कर दिया लोग अब भी उनके पास ये झंडे लेने के लिए आते हैं.

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रामनवमी के तैयार झंडे

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अब राशिद और सलीम के बच्चे भी इसी काम को करने में दिलचस्पी दिखा रहे हैं. राशिद बताते हैं कि वे इस काम को पैसे कमाने के लिए के लिए नहीं, बल्कि सेवा भाव के लिए करते हैं. इसपर इसी बाजार के दुकानदार, राम मनोहर ने कहा कि रोजा रखते हुए भी रामनवमी के लिए झंडे बनाना हिंदू-मुस्लिम भाईचारे का प्रतीक है.

Last Updated : Apr 5, 2022, 2:19 PM IST

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