गोपालगंजः भारतीय क्रिकेटर और तेज गेंदबाज मुकेश कुमार (Indian cricketer Mukesh Kumar) किसी पहचान के मोहताज नहीं हैं. बिहार के गोपालगंज के रहने वाले मुकेश कुमार अपने नाम कई उपलब्धि हासिल कर चुके हैं. हाल में मुकेश कुमार को आईपीएल ऑक्सन (IPL Auction 2023) में 5.5 करोड़ में खरीदा गया था. इसके बाद मुकेश कुमार को भारतीय टीम के टी-20 में भी शामिल किया गया. इसके साथ ही कई सफलता मुकेश कुमार के साथ है. इनदिनों मुकेश कुमार अपने गांव गोपालगंज के काकड़कुण्ड अपने मां से मिलने के लिए आए हैं.
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मुकेश कुमार से खास बातचीतः मुकेश कुमार का गृह जिला में भव्य स्वागत किया गया. मुकेश गांव में ही क्रिकेट खेलकर आज इस मुकाम तक पहुंचे हैं. बुधवार को मुकेश गृह जिला पहुंचते ही मिंज स्टेडियम में पहुंचे. जहां उन्होंने अपनी यादें ताजा की. मुकेश जब गांव में रहते थे तो मिंज स्टेडियम क्रिकेट खेलते थे. उन्होंने मिंज स्टेडियम का भ्रमण किया. इस दौरान वे भावुक भी हुए. इस दौरान महिला फुटबॉल खिलाड़ियों को अपने हाथों से जूते प्रदान कर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की. इस दौरान मुकेश कुमार ने ईटीवी भारत के संवाददाता से खास बाचचीत में यहां की याद को ताजा किया. पेश है बातचीत के अंश...
आपकी सफलता के पीछे का सफर कैसा रहा?: सक्सेस के पीछे बहुत मेहनत लगती है, रात दिन जगना पड़ता है. ये बाते हर किसी को पता नहीं होता है कि इस सफलता के पीछे कितनी मेहनत है, लेकिन जो मेहनत किया है वहीं आज यहां तक पहुंचा है. आज मैं अपने जिला में आया हूं, बहुत अच्छा लग रहा है. यहां आकर मेरी यादें ताजा हो गईं.
मिंज स्टेडियम में खेलते थे, यहां से यादें जुड़ी हैः जब मिंज स्टेडियम में गया तो बहुत ही अच्छा लगा. ऐसा लगा कि फिर से मैं मैच खेलने के लिए एंट्री कर रहा हूं. यहां की यादे हमेशा आती है. कभी-कभी अकेला बैठता हूं तो मुझे यहीं की बातें याद आती है. पहले मैं कहा था और आज यहां पहुंचा हूं. यहां के जिला प्रशासन का बहुत-बहुत धन्यवाद है जिन्होंने हमे सम्मान दिया. यहां का माहौल बहुत अच्छा है.
25 किमी दूर साइकिल से क्रिकेट खेलने जाते थेः वो उस समय का दौर था. मैं बहुत बार साइकिल से क्रिकेट खेलने जाता था. उस समय साइकिल ही सवारी थी तो मैं उसी से जाता था. साइकिल चलाने से मेरा एक्सरसाइज भी हो जाता था और मैच भी खेल लेता था. उस समय बचपन था, जो आज भी यादें बनी हुई है.
यहां तक पहुंचने में किसका योगदान रहा?: मुझे यहां तक पहुंचाने के लिए परिवार वालों का ज्यादा योगदान रहा, क्योंकि परिवार के बिना कोई सफल नहीं हो सकता है. यहां के सुभाष भैया, अमित भैया और आरके सर का भी बहुत बड़ा योगदान रहा. लेकिन बात कहूं कि कामयाबी के पीछे का तो मेरी मां का सबसे बड़ा हाथ और मेरे गुरुदेव का भी हाथ रहा.
पिता चलाते थे ऑटोः बता दें कि मुकेश कुमार साधारण परिवार से आते हैं. पिता काशीनाथ सिंह कोलकाता में ऑटो चलाने का काम करते थे, माता गृहिणी हैं. काशीनाथ ने ऑटो चलाकर ही उन्होंने अपने बेटे को क्रिकेटर बनाने का काम किया. मुकेश कुमार दाई हाथ के तेज गेंदबाज हैं. आईपीएल ऑक्सन में दिल्ली कैपिटल्स ने 5.50 करोड़ में खरादी था. इसके बाद उन्हें टी-20 में भी शामिल किया गया है.