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शिक्षा विभाग में जारी की उर्दू और सामान्य स्कूलों के लिए अलग अवकाश कैलेंडर, हो रहा पुरजोर विरोध

Bihar Government School Holidays 2024 : बिहार का शिक्षा विभाग एक बार फिर से सुर्खियों में है. वजह है कि शिक्षा विभाग ने इस बार पहली बार विद्यालयों के लिए दो अलग-अलग अवकाश कैलेंडर जारी किए हैं. इसके बाद से स्कूल शिक्षक संघ व विपक्ष ने इसका विरोध शुरू कर दिया है. इन अवकाश कैलेंडर में कई छुट्टियां गायब भी कर दी गई है. पढ़ें पूरी खबर..

बिहार शिक्षा विभाग
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : Nov 28, 2023, 7:55 PM IST

पटना: बिहार शिक्षा विभाग ने मंगलवार को साल 2024 के लिए उर्दू विद्यालयों के लिए अलग और सामान्य विद्यालयों के लिए अलग अवकाश कैलेंडर जारी किया है. उर्दू विद्यालयों के अवकाश कैलेंडर में ईद, बकरीद और मोहर्रम की छुट्टियों में इजाफा किया गया है. वहीं सामान्य विद्यालयों के अवकाश कैलेंडर में हिंदू परंपरा के कई पर्व तीज, जिउतिया, रक्षाबंधन जैसे अवकाश रद्द कर दिए गए हैं.

शिक्षक संघ और विपक्ष कर रहा विरोध : शिक्षा विभाग की इस पहल की शिक्षक संगठन और विपक्ष निंदा कर रही है. भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि बिहार सरकार मुस्लिम तुष्टिकरण कर रही है. हिंदुओं को अपमानित करने की कोशिश की जा रही है. हिंदू पर्व त्योहार की छुट्टियां रद्द की गई है और दीपावली, दशहरा, छठ जैसे त्योहारों की छुट्टियों में कटौती की गई है. उन्होंने सरकार के इस फैसले का घोर विरोध करते हुए इस फैसले को तुरंत वापस लेने की अपील की है.

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गर्मी छुट्टी में भी स्कूल आएंगे शिक्षक : वहीं प्रदेश के तमाम शिक्षक संगठन भी इस फैसले का कर विरोध कर रहे हैं. बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने कहा कि विभाग ने शिक्षकों के नियमानुकूल छुट्टियों को भी रद्द कर दिया है. इससे सभी शिक्षकों में रोष व्याप्त है. नए अवकाश तालिका में शिक्षकों को ग्रीष्मावकाश के दौरान भी शैक्षणिक प्रशासनिक कार्यालय कार्य निष्पादित करने के लिए कहा गया है. जो बिहार सेवा संहिता में शिक्षकों के विश्रामावकाशी कैडर होने के विपरीत है.

'बिहार सेवा संहिता में स्पष्ट उल्लेख है कि विश्रामावकाशी कैडर के कर्मी 14 दिन अर्जित अवकाश एवं 19 दिन का ग्रीष्मावकाश का उपभोग करते हैं. जबकि राज्य सरकार के अन्य कर्मी को 33 दिन का अर्जित अवकाश मिलता है.'- मनोज कुमार सिंह, कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष, बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ

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'शिक्षकों के साथ हो रहा अन्याय': मनोज कुमार सिंह ने कहा कि नियम के मुताबिक अगर अन्य कर्मियों की भांति शिक्षकों का अवकाश रद्द किया जाता है, तो वैसी स्थिति में शिक्षकों को भी 14 दिन के बदले 33 दिन का अर्जीत अवकाश दिया जाना चाहिए. जिसकी घोषणा किए बगैर सरकार ने ग्रीष्मावकाश रद्द करने की घोषणा की जो सरासर गलत है और शिक्षकों के साथ अन्याय पूर्ण व्यवहार है. जिसे शिक्षक कभी भी बर्दाश्त नहीं करेंगे.

'रविवार को छुट्टी घोषित करना गलत' : बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के राज्य अध्यक्ष बृजनंदन शर्मा ने कहा है कि शिक्षकों के साथ अन्याय पूर्ण व्यवहार विभाग द्वारा किया जा रहा है. जिसे शिक्षक कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि रविवार को सार्वजनिक अवकाश रहने के बावजूद विभाग ने अवकाश तालिका में गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस, भीमराव अंबेडकर जयंती एवं चेहल्लुम का अवकाश रविवार को घोषित किया है, जो बिल्कुल गलत है.

"सार्वजनिक अवकाश रहने के कारण रविवार की छुट्टी को अन्य छुट्टी में नहीं गिना जा सकता है. नई अवकाश तालिका में मकर संक्रांति, महाशिवरात्रि, रामनवमी, मजदूर दिवस, वट सावित्री पूजा, रक्षाबंधन, श्री कृष्ण जन्माष्टमी, तीज, अनंत चतुर्दशी, जीवित्पुत्रिका व्रत, भैया दूज और गोवर्धन पूजा की छुट्टी नहीं दी गई है. वहीं दुर्गा पूजा दीपावली छठ की छुट्टी में कटौती कर दी गई है जो कहीं से उचित नहीं है."- बृजनंदन शर्मा, अध्यक्ष, बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ

शनिवार को पूरे दिन स्कूल संचालन का निर्देश : बृजनंदन शर्मा ने कहा कि यह अवकाश तालिका पूरी तरह महिला विरोधी है. क्योंकि विद्यालयों में महिलाओं की संख्या अधिक है. विद्यालय के खुले रहने के कारण उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा. 2024 के लिए जारी अवकाश तालिका में इतना ही नहीं बल्कि शनिवार को सामान्य और गुरुवार को उर्दू विद्यालय के लिए पूरे दिन विद्यालय संचालित करने का आदेश दिया गया है. जबकि आजादी के बाद से सामान्य स्कूल शनिवार को और उर्दू विद्यालय गुरुवार को मध्यांतर तक संचालित किए जाते रहे हैं.

'अवकाश तालिका शिक्षा के अधिकार के उलट': बृजनंदन शर्मा ने कहा कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 में वर्ग 1 से वर्ग 5 तक की कक्षा को 200 दिन एवं वर्ग 6 से वर्ग 8 तक की कक्षा 220 दिन चलने की बात कही गई है. वर्तमान अवकाश तालिका में इस बात का ध्यान नहीं दिया गया है. निदेशक माध्यमिक शिक्षा बिहार पटना के पत्रांक 2694 दिनांक 27 नवंबर 2023 बिहार सरकार द्वारा जारी अवकाश तालिका बिहार सेवा संहिता एवं शिक्षा के अधिकार अधिनियम के भी प्रतिकूल है.

उपर्युक्त संदर्भ में बिहार के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ ने मांग की है कि यथाशीघ्र इस मामले में अपने स्तर से हस्तक्षेप कर शिक्षा विभाग बिहार सरकार द्वारा जारी 2024 के अवकाश तालिका को यथाशीघ्र रद्द करते हुए अवकाश के लिए पूर्व से निर्धारित नियमन के अनुसार विभाग को नई अवकाश तालिका जारी करने का आदेश देने की कृपा करनी चाहिए.

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शिक्षक संघ और विपक्ष कर रहा विरोध : शिक्षा विभाग की इस पहल की शिक्षक संगठन और विपक्ष निंदा कर रही है. भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता और केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने कहा है कि बिहार सरकार मुस्लिम तुष्टिकरण कर रही है. हिंदुओं को अपमानित करने की कोशिश की जा रही है. हिंदू पर्व त्योहार की छुट्टियां रद्द की गई है और दीपावली, दशहरा, छठ जैसे त्योहारों की छुट्टियों में कटौती की गई है. उन्होंने सरकार के इस फैसले का घोर विरोध करते हुए इस फैसले को तुरंत वापस लेने की अपील की है.

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गर्मी छुट्टी में भी स्कूल आएंगे शिक्षक : वहीं प्रदेश के तमाम शिक्षक संगठन भी इस फैसले का कर विरोध कर रहे हैं. बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष मनोज कुमार सिंह ने कहा कि विभाग ने शिक्षकों के नियमानुकूल छुट्टियों को भी रद्द कर दिया है. इससे सभी शिक्षकों में रोष व्याप्त है. नए अवकाश तालिका में शिक्षकों को ग्रीष्मावकाश के दौरान भी शैक्षणिक प्रशासनिक कार्यालय कार्य निष्पादित करने के लिए कहा गया है. जो बिहार सेवा संहिता में शिक्षकों के विश्रामावकाशी कैडर होने के विपरीत है.

'बिहार सेवा संहिता में स्पष्ट उल्लेख है कि विश्रामावकाशी कैडर के कर्मी 14 दिन अर्जित अवकाश एवं 19 दिन का ग्रीष्मावकाश का उपभोग करते हैं. जबकि राज्य सरकार के अन्य कर्मी को 33 दिन का अर्जित अवकाश मिलता है.'- मनोज कुमार सिंह, कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष, बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ

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'शिक्षकों के साथ हो रहा अन्याय': मनोज कुमार सिंह ने कहा कि नियम के मुताबिक अगर अन्य कर्मियों की भांति शिक्षकों का अवकाश रद्द किया जाता है, तो वैसी स्थिति में शिक्षकों को भी 14 दिन के बदले 33 दिन का अर्जीत अवकाश दिया जाना चाहिए. जिसकी घोषणा किए बगैर सरकार ने ग्रीष्मावकाश रद्द करने की घोषणा की जो सरासर गलत है और शिक्षकों के साथ अन्याय पूर्ण व्यवहार है. जिसे शिक्षक कभी भी बर्दाश्त नहीं करेंगे.

'रविवार को छुट्टी घोषित करना गलत' : बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ के राज्य अध्यक्ष बृजनंदन शर्मा ने कहा है कि शिक्षकों के साथ अन्याय पूर्ण व्यवहार विभाग द्वारा किया जा रहा है. जिसे शिक्षक कभी बर्दाश्त नहीं करेंगे. उन्होंने कहा कि रविवार को सार्वजनिक अवकाश रहने के बावजूद विभाग ने अवकाश तालिका में गणतंत्र दिवस, स्वतंत्रता दिवस, भीमराव अंबेडकर जयंती एवं चेहल्लुम का अवकाश रविवार को घोषित किया है, जो बिल्कुल गलत है.

"सार्वजनिक अवकाश रहने के कारण रविवार की छुट्टी को अन्य छुट्टी में नहीं गिना जा सकता है. नई अवकाश तालिका में मकर संक्रांति, महाशिवरात्रि, रामनवमी, मजदूर दिवस, वट सावित्री पूजा, रक्षाबंधन, श्री कृष्ण जन्माष्टमी, तीज, अनंत चतुर्दशी, जीवित्पुत्रिका व्रत, भैया दूज और गोवर्धन पूजा की छुट्टी नहीं दी गई है. वहीं दुर्गा पूजा दीपावली छठ की छुट्टी में कटौती कर दी गई है जो कहीं से उचित नहीं है."- बृजनंदन शर्मा, अध्यक्ष, बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ

शनिवार को पूरे दिन स्कूल संचालन का निर्देश : बृजनंदन शर्मा ने कहा कि यह अवकाश तालिका पूरी तरह महिला विरोधी है. क्योंकि विद्यालयों में महिलाओं की संख्या अधिक है. विद्यालय के खुले रहने के कारण उन्हें काफी परेशानी का सामना करना पड़ेगा. 2024 के लिए जारी अवकाश तालिका में इतना ही नहीं बल्कि शनिवार को सामान्य और गुरुवार को उर्दू विद्यालय के लिए पूरे दिन विद्यालय संचालित करने का आदेश दिया गया है. जबकि आजादी के बाद से सामान्य स्कूल शनिवार को और उर्दू विद्यालय गुरुवार को मध्यांतर तक संचालित किए जाते रहे हैं.

'अवकाश तालिका शिक्षा के अधिकार के उलट': बृजनंदन शर्मा ने कहा कि शिक्षा के अधिकार अधिनियम 2009 में वर्ग 1 से वर्ग 5 तक की कक्षा को 200 दिन एवं वर्ग 6 से वर्ग 8 तक की कक्षा 220 दिन चलने की बात कही गई है. वर्तमान अवकाश तालिका में इस बात का ध्यान नहीं दिया गया है. निदेशक माध्यमिक शिक्षा बिहार पटना के पत्रांक 2694 दिनांक 27 नवंबर 2023 बिहार सरकार द्वारा जारी अवकाश तालिका बिहार सेवा संहिता एवं शिक्षा के अधिकार अधिनियम के भी प्रतिकूल है.

उपर्युक्त संदर्भ में बिहार के मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर बिहार राज्य प्राथमिक शिक्षक संघ ने मांग की है कि यथाशीघ्र इस मामले में अपने स्तर से हस्तक्षेप कर शिक्षा विभाग बिहार सरकार द्वारा जारी 2024 के अवकाश तालिका को यथाशीघ्र रद्द करते हुए अवकाश के लिए पूर्व से निर्धारित नियमन के अनुसार विभाग को नई अवकाश तालिका जारी करने का आदेश देने की कृपा करनी चाहिए.

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