हैदराबाद : बिटकॉइन, डॉगकॉइन, शीबा इनू और इथेरियम जैसी सफल क्रिप्टो करेंसी के उठापटक के खबर से निवेशक परेशान हैं. मगर क्या आपको पता है कि एक क्रिप्टोकरेंसी के जरिये एक ठग महिला ने दुनिया भर को निवेशकों को 12 बिलियन डॉलर का चूना लगाया था. इस बड़ी रकम को खुलेआम लूटने वाली लेडी का नाम है, रुजा इग्नातोवा (Ruja Ignatova). उसे पूरी दुनिया में क्रिप्टो करेंसी क्वीन कहा जाने लगा था. आज उसे एफबीआई और एमआई5 के अलावा दुनिया की इंटेलिजेंस तलाश रही है.
बुल्गारिया में जन्मी रुजा इग्नातोवा (Ruja Ignatova) ने ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की थी. उसने जर्मनी की एक यूनिवर्सिटी से पीएचडी की. रुजा ने मैकेंजी ऐंड कंपनी के साथ काम किया. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक, रुजा इग्नातोवा 2012 से ही आर्थिक अपराध में शामिल थीं. जब वह अपने पिता की कंपनी के साथ घोटाला किया था. इस मामले में उसे 14 महीने की सजा सुनाई गई थी. इसके बाद 2013 में भी रूजा ने मल्टिलेवल मार्केटिंग स्कीम बिग कॉइन में भी शामिल थी.
2014 में रूजा इग्नातोवा (Ruja Ignatova) ने वन कॉइन को लॉन्च किया. निवेशकों को यह बताया गया कि यह पूर्वी यूरोपीय देश बुल्गारिया की एक क्रिप्टोकरेंसी स्टार्ट-अप है. उसने दावा किया कि बिटकॉइन का मुकाबला के लिए क्रिप्टोकरेंसी को खोजा है, जिसका नाम रखा गया वन कॉइन. इसके बाद उसने पूरी दुनिया में सेमीनार किए और लोगों को निवेश के लिए राजी कर लिया. मीडिया में रूजा एक सक्सेस वुमन के तौर पर सराही जाने लगी.
उसने वनकॉइन के प्रचार भी खूब पैसे खर्च किए. साथ ही लोगों को भरोसा दिलाया कि आने वाले समय में वनकॉइन में निवेश की गई रकम को डॉलर और यूरो में वापस लिया जा सकता है. 2014 से 2016 महज तीन साल में रूजा इग्नातोवा ने दुनिया भर से करीब 12 बिलियन डॉलर बटोरे. 2016 में एक दौर आया कि वनकॉइन क्रिप्टोकरेंसी की डिमांड के सामने बिटकॉइन की चमक फीकी पड़ गई थी. 2017 में 36 साल की रूजा इग्नातोवा ने एक नई स्कीम लाने की घोषणा की. इसके बाद वह अचानक लापता हो गई. एफबीआई जैसी एजेंसियां आज तक उसके बारे में पता नहीं लगा सकी है. वह बुल्गारिया में है या जर्मनी में, किसी को क्रिप्टोकरेंसी क्वीन रूजा इग्नातोवा के बारे में कोई जानकारी नहीं है.
जब 2014 में रूजा वनकॉइन के बारे में दुनिया को बता रही थी, तब किसी ने इसके तकनीकी पहलू के बारे में नहीं सोचा था. लोग बिटकॉइन की सफलता से चकाचौंध होकर वनकॉइन में मुनाफा वसूली की तैयारी कर रहे थे. सच यह था कि रूजा जिस वनकॉइन की मालिक होने का दावा करती थी, उसका ब्लॉकचेन ही नहीं बना था. इस बात का खुलासा एफबीआई ने 2019 में किया.
क्रिप्टोकरेंसी की एक खास विधि से ऑनलाइन माइनिंग की जाती है. क्रिप्टो करेंसी का वर्चुअल सिक्का माइनिंग के जरिये बनता है. इसके लिए माइनर को जटिल क्रिप्टोग्राफिक मैथमेटिकल पहेली सुलझानी होती है. बिटकॉइन ऑनलाइन माइनिंग पूल का मेंबर को मैथ्स से जुड़े समीकरण सुलझाने की इजाजत दी जाती है. रूजा इग्नातोवा ने निवेशकों की इस तकनीकी अज्ञानता का फायदा उठाया था.
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