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Rahul Gandhi के 50% आरक्षण के बैरियर को समाप्त करने की मांग पर बोले नीतीश- 'देश भर में जातीय जनगणना जरूरी'

50% आरक्षण के बैरियर को समाप्त करने की मांग पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि अभी तो पूरे देश में इसको (जातिगत जनगणना) होने दीजिए. हमको लगता है जातीय गणना होगी उसके बाद हम लोग केंद्र को रिपोर्ट भेज देंगे. केंद्र का भी दायित्व होता है. राहुल गांधी की SC-ST के आरक्षण की मांग पर नीतीश कुमार ने गोलमोल जवाब दिया है. वहीं सुशील मोदी ने कांग्रेस पर सवालों की बौछार कर दी.

cm nitish kumar on rahul gandhi Etv Bharat
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Published : Apr 17, 2023, 5:50 PM IST

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बीजेपी सांसद सुशील मोदी का बयान.

पटना: जातिगत जनगणना और 50% आरक्षण के बैरियर को समाप्त करने की मांग पर देश में सियासत शुरू है. राहुल गांधी ने भी 50% आरक्षण सीमा समाप्त करने की मांग की है. हालांकि उसपर बिहार के सीएम नीतीश कुमार फिलहाल कुछ भी बोलने से बचते दिखे. उन्होंने कहा कि अभी इसपर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. मुझे लगता है पूरे देश में जातिगत जनगणना की जाएगी. तब हम केंद्र को रिपोर्ट भेज देंगे. रिपोर्ट के आधार पर सारी चीजों पर फैसला लेना तो केंद्र का काम है.

पढ़ें- Karnataka Assembly Election 2023 : राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए अडाणी को 'भ्रष्टाचार का प्रतीक' बताया

50 प्रतिशत आरक्षण बैरियर पर सीएम नीतीश की प्रतिक्रिया: जातिगत जनगणना को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हम लोग तो बार-बार कहते रहे कि ठीक से होना चाहिए .बिहार में तो हम लोग सर्वसम्मति प्रस्ताव पास करवाए और जब केंद्र सरकार ने कह दिया कि हम लोग नहीं करेंगे आप लोग अपना करना चाहते हैं तो करवाइए तो, उसी के आधार पर ऑल पार्टी मीटिंग किए. उसी मीटिंग के आधार पर बिहार में जातीय गणना अभी हो रहा है. बख्तियारपुर में जाकर हमने इसकी शुरुआत कर दी है. मैंने भी अपना पूरा डिटेल्स भरा है. आबादी की संख्या तो हम लोग जानेंगे ही साथ ही आर्थिक स्थिति क्या है उसकी भी जानकारी ले रहे हैं.

"कोई भी जात हो, अपर कास्ट, दलित, बैकवर्ड, मुस्लिम, आर्थिक स्थिति खराब होगी तो हम लोग उनके उत्थान के लिए काम करेंगे. कई राज्यों के लोग देखना चाहते हैं कि कैसे हो रहा है. मैंने कहा है कि पहले यहां कर लीजिए, उसके बाद दूसरे राज्यों को भी बता दीजिएगा."- नीतीश कुमार, सीएम, बिहार

बोले सीएम नीतीश- 'यह तो बाद की बात है': राहुल गांधी की ओर से 50% आरक्षण के बैरियर को समाप्त करने की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी तो पूरे देश में इसको (जातिगत जनगणना) होने दीजिए. हमको लगता है जातीय गणना होगी उसके बाद हम लोग केंद्र को रिपोर्ट भेज देंगे.केंद्र का भी दायित्व होता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जनगणना हर 10 साल का होता था लेकिन अब तो नहीं हो रहा है. बारह तेरह साल हो गया. साथ ही उन्होंने केंद्र से मांग की कि अब आगे जब भी जनगणना कराएं तो जातीय जनगणना ही करा दें. जब सब जगह से रिपोर्ट आ जाएगा तो केंद्र का काम है देखना आगे क्या करना है.

सुशील कुमार मोदी का पलटवार: वहीं कांग्रेस की आरक्षण और व्यापक स्तर पर जातीय जनगणना की मांग पर बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सह राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि इन लोगों ने आजतक किसी OBC को प्रधानमंत्री नहीं बनाया है. देवगौड़ा पीएम बने तो एक साल के भीतर ही सरकार को गिरा दिया. पिछड़ा वर्ग आयोग के संवैधानिक दर्जा दिए जाने की रिपोर्ट को भी कांग्रेसियों ने गंभीरता से कभी नहीं लिया. जबकि इसको लेकर तीन बार रिपोर्ट सौंपी गई थी. पिछड़ा वर्ग आयोग को नरेंद्र मोदी जब पहली बार प्रधानमंत्री बने तब संवैधानिक दर्ज दिया घया था. मंडल कमीशन का इन लोगों (कांग्रेस) ने विरोध किया.

"राजीव गांधी ने संसद के फ्लोर पर मंडल कमीशन का विरोध क्यों किया था. मंडल कमीशन किसने बनाया था और इसकी रिपोर्ट को 10 साल तक ठंडे बस्ते में किसने डालकर रखा. काका कालेलकर कमीशन की रिपोर्ट 1955 में आई थी,उसे क्यों लागू नहीं किया गया. जब मौका था तो कुछ नहीं किया और अब जातिगत जनगणना की बात करते हैं. छत्तीसगढ़ में क्यों नहीं कराया."- सुशील कुमार मोदी, राज्यसभा सांसद

राहुल गांधी ने क्या कहा था? : कर्नाटक के कोलार में राहुल गांधी ने चुनावी सभी को संबोधित करते हुए कहा था कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आरक्षण पर से 50 प्रतिशत का बैरियर हटा देना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा था कि अगर विकास की राह में देश प्रदेश को बढ़ाना है तो प्रत्येक वर्ग की जनसंख्या को जानना महत्वपूर्ण है.

पीएम मोदी को कांग्रेस अध्यक्ष का पत्र: कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम नरेंद्र मोदी को रविवार को एक पत्र लिखा था. पत्र के जरिए खरगे ने पूरे देश में जातिगत जनगणना कराने की मांग की थी. उन्होंने पत्र में लिखा है कि 2011-12 में यूपीए सरकार ने सामाजित, आर्थिक और जातीय गणना कराई थी. उसके आंकड़े जारी किए जाए. हमने 2014 में भी आंकड़े जारी करने की मांग की थी जिसे पूरा नहीं किया गया.

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और बीजेपी सांसद सुशील मोदी का बयान.

पटना: जातिगत जनगणना और 50% आरक्षण के बैरियर को समाप्त करने की मांग पर देश में सियासत शुरू है. राहुल गांधी ने भी 50% आरक्षण सीमा समाप्त करने की मांग की है. हालांकि उसपर बिहार के सीएम नीतीश कुमार फिलहाल कुछ भी बोलने से बचते दिखे. उन्होंने कहा कि अभी इसपर कुछ भी कहना जल्दबाजी होगी. मुझे लगता है पूरे देश में जातिगत जनगणना की जाएगी. तब हम केंद्र को रिपोर्ट भेज देंगे. रिपोर्ट के आधार पर सारी चीजों पर फैसला लेना तो केंद्र का काम है.

पढ़ें- Karnataka Assembly Election 2023 : राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए अडाणी को 'भ्रष्टाचार का प्रतीक' बताया

50 प्रतिशत आरक्षण बैरियर पर सीएम नीतीश की प्रतिक्रिया: जातिगत जनगणना को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि हम लोग तो बार-बार कहते रहे कि ठीक से होना चाहिए .बिहार में तो हम लोग सर्वसम्मति प्रस्ताव पास करवाए और जब केंद्र सरकार ने कह दिया कि हम लोग नहीं करेंगे आप लोग अपना करना चाहते हैं तो करवाइए तो, उसी के आधार पर ऑल पार्टी मीटिंग किए. उसी मीटिंग के आधार पर बिहार में जातीय गणना अभी हो रहा है. बख्तियारपुर में जाकर हमने इसकी शुरुआत कर दी है. मैंने भी अपना पूरा डिटेल्स भरा है. आबादी की संख्या तो हम लोग जानेंगे ही साथ ही आर्थिक स्थिति क्या है उसकी भी जानकारी ले रहे हैं.

"कोई भी जात हो, अपर कास्ट, दलित, बैकवर्ड, मुस्लिम, आर्थिक स्थिति खराब होगी तो हम लोग उनके उत्थान के लिए काम करेंगे. कई राज्यों के लोग देखना चाहते हैं कि कैसे हो रहा है. मैंने कहा है कि पहले यहां कर लीजिए, उसके बाद दूसरे राज्यों को भी बता दीजिएगा."- नीतीश कुमार, सीएम, बिहार

बोले सीएम नीतीश- 'यह तो बाद की बात है': राहुल गांधी की ओर से 50% आरक्षण के बैरियर को समाप्त करने की मांग पर मुख्यमंत्री ने कहा कि अभी तो पूरे देश में इसको (जातिगत जनगणना) होने दीजिए. हमको लगता है जातीय गणना होगी उसके बाद हम लोग केंद्र को रिपोर्ट भेज देंगे.केंद्र का भी दायित्व होता है. मुख्यमंत्री ने कहा कि जनगणना हर 10 साल का होता था लेकिन अब तो नहीं हो रहा है. बारह तेरह साल हो गया. साथ ही उन्होंने केंद्र से मांग की कि अब आगे जब भी जनगणना कराएं तो जातीय जनगणना ही करा दें. जब सब जगह से रिपोर्ट आ जाएगा तो केंद्र का काम है देखना आगे क्या करना है.

सुशील कुमार मोदी का पलटवार: वहीं कांग्रेस की आरक्षण और व्यापक स्तर पर जातीय जनगणना की मांग पर बिहार के पूर्व डिप्टी सीएम सह राज्यसभा सांसद सुशील कुमार मोदी ने पलटवार किया है. उन्होंने कहा कि इन लोगों ने आजतक किसी OBC को प्रधानमंत्री नहीं बनाया है. देवगौड़ा पीएम बने तो एक साल के भीतर ही सरकार को गिरा दिया. पिछड़ा वर्ग आयोग के संवैधानिक दर्जा दिए जाने की रिपोर्ट को भी कांग्रेसियों ने गंभीरता से कभी नहीं लिया. जबकि इसको लेकर तीन बार रिपोर्ट सौंपी गई थी. पिछड़ा वर्ग आयोग को नरेंद्र मोदी जब पहली बार प्रधानमंत्री बने तब संवैधानिक दर्ज दिया घया था. मंडल कमीशन का इन लोगों (कांग्रेस) ने विरोध किया.

"राजीव गांधी ने संसद के फ्लोर पर मंडल कमीशन का विरोध क्यों किया था. मंडल कमीशन किसने बनाया था और इसकी रिपोर्ट को 10 साल तक ठंडे बस्ते में किसने डालकर रखा. काका कालेलकर कमीशन की रिपोर्ट 1955 में आई थी,उसे क्यों लागू नहीं किया गया. जब मौका था तो कुछ नहीं किया और अब जातिगत जनगणना की बात करते हैं. छत्तीसगढ़ में क्यों नहीं कराया."- सुशील कुमार मोदी, राज्यसभा सांसद

राहुल गांधी ने क्या कहा था? : कर्नाटक के कोलार में राहुल गांधी ने चुनावी सभी को संबोधित करते हुए कहा था कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के आरक्षण पर से 50 प्रतिशत का बैरियर हटा देना चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा था कि अगर विकास की राह में देश प्रदेश को बढ़ाना है तो प्रत्येक वर्ग की जनसंख्या को जानना महत्वपूर्ण है.

पीएम मोदी को कांग्रेस अध्यक्ष का पत्र: कांग्रेस के अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने पीएम नरेंद्र मोदी को रविवार को एक पत्र लिखा था. पत्र के जरिए खरगे ने पूरे देश में जातिगत जनगणना कराने की मांग की थी. उन्होंने पत्र में लिखा है कि 2011-12 में यूपीए सरकार ने सामाजित, आर्थिक और जातीय गणना कराई थी. उसके आंकड़े जारी किए जाए. हमने 2014 में भी आंकड़े जारी करने की मांग की थी जिसे पूरा नहीं किया गया.

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