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श्री बूढ़ा अमरनाथजी तीर्थ के लिए पुंछ से पवित्र छड़ी यात्रा शुरू

श्री अमरनाथ यात्रा 2022 के मद्देनजर आज अखाड़ा मंदिर पुंछ से साधु-संतों के साथ पवित्र छड़ी यात्रा बूढ़ा अमरनाथ तीर्थ स्थान के लिए निकली. यहां सदियों से चली आ रही परंपरा को निभाते हुए वैदिक मंत्रोच्चारण व पूजन के बाद छड़ी यात्रा निकली.

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Published : Aug 10, 2022, 10:20 AM IST

Chhari Yatra starts from Poonch for Shri Budha Amarnath ShrineEtv Bharat
श्री बूढ़ा अमरनाथजी तीर्थ के लिए पुंछ से पवित्र छड़ी यात्रा शुरूEtv Bharat

जम्मू: भगवान शिव की पवित्र गदा 'छड़ी मुबारक' को मंगलवार को पारंपरिक पहलगाम मार्ग से जम्मू क्षेत्र के पुंछ जिले में स्थित बूढ़ा अमरनाथ जी की गुफा तक ले जाया गया. भगवान शिव को समर्पित बूढ़ा अमरनाथ को चट्टानी बाबा अमरनाथ मंदिर के नाम से भी जाना जाता है और यह जम्मू से 290 किलोमीटर उत्तर पश्चिम में स्थित है. इस पवित्र छड़ी यात्रा का नेतृत्व आचार्य श्री श्री महामंडलेश्वर स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती महाराज ने किया और इसे पुंछ में दशनामी अखाड़ा मंदिर परिसर से मंडी के राजपुरा क्षेत्र में श्री बूढ़ा अमरनाथ मंदिर तक ले जाया गया.

पुंछ अखाड़ा मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच विशेष पूजा और हवन के बाद यात्रा की शुरुआत हुई. इस अवसर पर उपायुक्त इंदर जीत, डीआईजी राजौरी पुंछ रेंज, डॉ मोहम्मद हसीब मुगल और एसएसपी रोहित बसकोत्रा और भाजपा जम्मू-कश्मीर के अध्यक्ष और पूर्व विधायक रविंदर रैना भी मौजूद थे. पूजा और हवन के बाद स्वामी ने एक भव्य धार्मिक सभा को संबोधित किया.

ये भी पढ़ें- जम्मू कश्मीर : पुंछ के अखाड़ा मंदिर से साधु-संतो के साथ निकली छड़ी यात्रा

समुद्र तल से 4,600 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह मंदिर पुंछ के मंडी क्षेत्र में सुरम्य वातावरण के बीच स्थित है. ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव का यह प्राचीन मंदिर हिमालय में उस स्थान पर स्थित है, जहां लंका के राजा रावण के दादा ऋषि पुलत्स्य ने कई दशकों तक शिव की पूजा की थी. पीर पंजाल (हिमालय) के लोरन-मंडी पहाड़ों से पुंछ और पीओके तक बहने वाली पुलस्त नदी का नाम इस महान संत के नाम पर रखा गया है. छड़ी मुबारक दो दिनों तक मंदिर में रहेगा और रक्षा बंधन के अगले दिन वापस लाया जाएगा.

जम्मू: भगवान शिव की पवित्र गदा 'छड़ी मुबारक' को मंगलवार को पारंपरिक पहलगाम मार्ग से जम्मू क्षेत्र के पुंछ जिले में स्थित बूढ़ा अमरनाथ जी की गुफा तक ले जाया गया. भगवान शिव को समर्पित बूढ़ा अमरनाथ को चट्टानी बाबा अमरनाथ मंदिर के नाम से भी जाना जाता है और यह जम्मू से 290 किलोमीटर उत्तर पश्चिम में स्थित है. इस पवित्र छड़ी यात्रा का नेतृत्व आचार्य श्री श्री महामंडलेश्वर स्वामी विश्वात्मानंद सरस्वती महाराज ने किया और इसे पुंछ में दशनामी अखाड़ा मंदिर परिसर से मंडी के राजपुरा क्षेत्र में श्री बूढ़ा अमरनाथ मंदिर तक ले जाया गया.

पुंछ अखाड़ा मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चार के बीच विशेष पूजा और हवन के बाद यात्रा की शुरुआत हुई. इस अवसर पर उपायुक्त इंदर जीत, डीआईजी राजौरी पुंछ रेंज, डॉ मोहम्मद हसीब मुगल और एसएसपी रोहित बसकोत्रा और भाजपा जम्मू-कश्मीर के अध्यक्ष और पूर्व विधायक रविंदर रैना भी मौजूद थे. पूजा और हवन के बाद स्वामी ने एक भव्य धार्मिक सभा को संबोधित किया.

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समुद्र तल से 4,600 फीट की ऊंचाई पर स्थित यह मंदिर पुंछ के मंडी क्षेत्र में सुरम्य वातावरण के बीच स्थित है. ऐसा कहा जाता है कि भगवान शिव का यह प्राचीन मंदिर हिमालय में उस स्थान पर स्थित है, जहां लंका के राजा रावण के दादा ऋषि पुलत्स्य ने कई दशकों तक शिव की पूजा की थी. पीर पंजाल (हिमालय) के लोरन-मंडी पहाड़ों से पुंछ और पीओके तक बहने वाली पुलस्त नदी का नाम इस महान संत के नाम पर रखा गया है. छड़ी मुबारक दो दिनों तक मंदिर में रहेगा और रक्षा बंधन के अगले दिन वापस लाया जाएगा.

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