नई दिल्ली: भारत सरकार जल्द ही देश में स्टार्टअप इकोसिस्टम को बढ़ावा देने के लिए डिजिटल इंडिया स्टार्टअप हब को एक संस्थागत रूप देगी. उक्त बातें केंद्रीय सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर (Minister of State for Electronics and Information Technology Rajeev Chandrasekhar) ने रविवार को गुजरात विश्वविद्यालय में आयोजित ‘न्यू इंडिया: ए टेकेड ऑफ अपॉर्चुनिटीज फॉर यंग इंडियन्स’ कार्यक्रम में उपस्थित युवाओं को संबोधित करते हुए कहीं.
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार एक ट्रिलियन डिजिटल अर्थव्यवस्था तक पहुंचने के लिए जल्द ही स्टार्टअप हब स्थापित करेगा. इससे स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र को और बढ़ावा देने और राष्ट्रीय स्तर पर स्टार्टअप पहलों को केंद्र में समन्वयित करने में मदद मिलेगा. उन्होंने कहा कि कि हम स्टार्ट-अप को अपने इको-सिस्टम से जोड़ने का प्रयास कर रहे हैं ताकि स्टार्टअप द्वारा सरकारी खरीद को अभिनव समाधानों के साथ पूरा किया जा सके. उन्होंने कहा कि भारतीय स्टार्ट-अप और उद्यमी अर्थव्यवस्था को $ 5 ट्रिलियन लक्ष्य और डिजिटल अर्थव्यवस्था को $ 1 ट्रिलियन लक्ष्य की ओर ले जाएंगे. उन्होंने नवाचार और आगे बढ़ने का मंत्र देते हुए मंत्री ने छात्रों और स्टार्ट-अप से उभरती प्रौद्योगिकियों में कौशल हासिल करने का अनुरोध किया. साथ ही उन्होंने भारत की बढ़ती डिजिटल अर्थव्यवस्था के लिए सीखने के कौशल के महत्व पर प्रकाश डाला.
मंत्री ने दर्शकों द्वारा ब्लॉकचेन, क्रिप्टोकरेंसी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग जैसे तकनीकी मुद्दों से संबंधित पूछे गए सवालों के जवाब दिए. उन्होंने उन्हें ड्रोन प्रौद्योगिकी और अंतरिक्ष क्षेत्र पर भी जानकारी दी. केंद्रीय मंत्री चंद्रशेखर ने कहा कि भारत में सफल होने के लिए अब आपको किसी प्रसिद्ध उपनाम की आवश्यकता नहीं है. उन्होंने कहा कि कड़ी मेहनत, धैर्य, नवाचार ही सफलता के निर्धारक हैं. उन्होंने कहा कि यह नया भारत है जिसका निर्माण नरेंद्र मोदी कर रहे हैं. 2014 से पहले, उद्यमिता एक नियम या मानदंड के बजाय केवल एक अपवाद था, लेकिन अब युवा भारतीयों के लिए सफल होने का इससे बेहतर अवसर कभी नहीं हो सकता है.
उन्होंने कहा कि इसके पीछे का मुख्य उद्देश्य Startup, innovation को बढ़ावा देने के साथ स्टार्टअप को सरकारी खरीद प्रक्रिया से जुड़े सरकारी इकोसिस्टम से जोड़ना भी है. ताकि सरकारी खरीद प्रक्रिया से वे लाभान्वित हो सकें। साथ ही सरकार भी अपनी जरूरतों के अनुरूप बेहतर तकनीक व बेहतर उत्पाद को खरीद सकेगी. केन्द्र सरकार के कई मंत्रालय व विभाग स्टार्टअप से खरीदी और स्वदेशी खरीदारी को प्राथमिकता दे रहे हैं. उन्होंने बताया कि देशभर में स्थित सॉफ्टवेयर टेक्नोलॉजी पार्क (STPI) और स्टार्टअप इकोसिस्टम को संस्थागत रूप देकर आपस में जोड़ा जाएगा ताकि वे और ज्यादा प्रभावी, लाभदायी, उपयोगी बन सकें.
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उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे मोदी सरकार के पिछले आठ वर्षों ने भारत के बारे में पारंपरिक धारणाओं को तोड़ दिया है. चंद्रशेखर ने कहा कि भारतीय लोकतंत्र प्रणाली में भ्रष्टाचार की बात 80 के दशक में एक पीएम ने अपने बयान में कही थी, जिसमें उन्होंने कहा था कि दिल्ली से एक लाभार्थी को भेजे जाने वाले हर 100 पैसे में से केवल 15 पैसे ही पहुंचते हैं. यह कमजोर व्यवस्था की स्वीकार्यता ही थी. लेकिन 2015 से पीएम मोदी द्वारा शुरू किए गए डिजिटल इंडिया कार्यक्रम के तहत एक-एक रुपया सीधे देश के कोने-कोने में रहने वाले लाभार्थियों के खातों में स्थानांतरित किया जाता है. मंत्री ने पंडित दीन दयाल एनर्जी यूनिवर्सिटी का भी दौरा किया प्रदर्शित किए गए स्टार्ट अप को देखा.