पटना: बिहार इंटरमीडिएट एजुकेशन काउंसिल (Bihar Intermediate Education Council) के द्वारा पटना के कोतवाली थाने में एक एफआईआर दर्ज कराया गया है. जिसमें बेंगलुरु की एजेंसी के खिलाफ कोतवाली थाने में बिहार इंटरमीडिएट एजुकेशन काउंसिल के अधिकारियों द्वारा एफआईआर दर्ज कराया गया है. जिसमें धोखाधड़ी का मामला सामने आया है.
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बेंगलुरु की कंपनी के खिलाफ प्राथमिकी: साल 2019 में बिहार इंटरमीडिएट एजुकेशन काउंसिल के द्वारा बेंगलुरु की एजेंसी जीए टेक्नोलॉजी सॉफ्टवेयर को बीएसईबी के द्वारा कार्य सौंपा गया था. जिसमें सॉफ्टवेयर कंपनी के द्वारा कार्य में अनियमितता बरती गई. जिसके खिलाफ पटना के कोतवाली थाने में एफआईआर दर्ज कराया गया है. जिसमें साफ तौर से कहा गया है कि पंजीकरण की अवधि 3 साल की होती है. लेकिन इस कंपनी के द्वारा उस अवधि को 5 साल करके 45 अतिरिक्त छात्रों का फॉर्म भरा दिया गया. जिसमें इस कंपनी की अनियमितता बरती गई. जिसके खिलाफ पटना के कोतवाली थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है.
बीएसईबी ने दर्ज करवाया मामला: कोतवाली थाना अध्यक्ष संजीव कुमार ने बताया कि बिहार इंटरमीडिएट एजुकेशन काउंसिल के प्रशाखा पदाधिकारी के द्वारा एक लिखित आवेदन दिया गया है. जिसमें बताया गया है कि बेंगलुरु की कंपनी जिए टेक्नोलॉजी सॉफ्टवेयर ने 3 साल की पंजीकरण की अवधि को 5 साल करके 45 छात्रों को फॉर्म भरने का निर्देश जारी कर दिया. जिससे कहीं ना कहीं कंपनी के द्वारा बिहार इंटरमीडिएट एजुकेशन काउंसिल के नियमों का पालन नहीं किया गया और अनियमितता बरती गई. जिसके खिलाफ जांच की जा रही है.
"बिहार इंटरमीडिएट एजुकेशन काउंसिल के प्रशाखा पदाधिकारी के द्वारा एक लिखित आवेदन दिया गया है. जिसमें बताया गया है कि बेंगलुरु की कंपनी जीए टेक्नोलॉजी सॉफ्टवेयर ने 3 साल की पंजीकरण की अवधि को 5 साल करके 45 छात्रों को फॉर्म भरने की अनुमति जारी कर दिया. जिससे कहीं ना कहीं कंपनी के द्वारा बिहार इंटरमीडिएट एजुकेशन काउंसिल के नियमों का पालन नहीं किया गया है और अनियमितता बरती गई है. जिसके खिलाफ जांच की जा रही है."- संजीत कुमार, कोतवाली थाना प्रभारी