पटना: राजधानी पटना में पुलिस लाठीचार्ज से बीजेपी नेता की मौत के बाद विपक्ष ने नीतीश सरकार पर बदले की भावना से काम करने का आरोप लगाया है. हालांकि डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने आरोपों को गलत बताया है. उन्होंने कहा कि कोई बदले की भावना से काम नहीं हुआ है. ये सब बेकार की बाते हैं. 10 लाख रोजगार को लेकर हुड़दंग मचाने वाली बीजेपी को पहले 2 करोड़ रोजगार का हिसाब देना चाहिए.
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"ये कोई बदला नहीं लिया गया है. ये सब बेकार की बातें है. असल बात मुद्दे की है. मुख्यमंत्री ने जब कह दिया है कि सदन खत्म हो जाएगा, उसके बाद शिक्षक नेता को बुलाकर बात की जाएगी. हम तो 10 लाख रोजगार तो दे ही देंगे लेकिन ये लोग 2 करोड़ का हिसाब दें. आज तो कोई शिक्षक शामिल भी नहीं थे, ये लोग बेकार का हुड़दंग कर रहे थे"- तेजस्वी यादव, उपमुख्यमंत्री, बिहार
बेवजह हुड़दंग कर रहे थे बीजेपी के लोग: डिप्टी सीएम ने कहा कि रोजगार के नाम विधानसभा मार्च के दौरान बीजेपी के नेता और कार्यकर्ता हुड़दंग कर रहे थे. आज के प्रदर्शन में एक भी शिक्षक संघ के लोग शामिल नहीं थे. फिर किसके लिए बीजेपी ने विधानसभा मार्च निकाला था.
मानसून सत्र के बाद शिक्षक संघ से होगी बातचीत: तेजस्वी यादव ने कहा कि हमलोगों की लगातार शिक्षक संघ से बातचीत होती रहती है. तय हो गया है कि मानसून सत्र के बाद शिक्षक संघ के नेताओं को बातचीत के लिए बुलाया जाएगा. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी कह चुके हैं बातचीत के जरिए रास्ता निकाला जाएगा. हमलोग संवाद में विश्वास रखते हैं.
बीजेपी को रोजगार पर बोलने का हक नहीं: उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हमसे 10 लाख रोजगार का हिसाब मांगने वाली बीजेपी को पहले अपने 2 करोड़ रोजगार का हिसाब देना चाहिए. उन्होंने कहा कि 8-10 महीने में 3 लाख लोगों को नियुक्ति पत्र सौंपे जा चुके हैं. चुनाव तक हमलोग 10 लाख लोगों को रोजगार देकर रहेंगे.
लाठीचार्ज में बीजेपी नेता की मौत: आपको बताएं कि रोजगार और शिक्षक नियुक्ति की मांग को लेकर बीजेपी ने विधानसभा मार्च निकाला था. गांधी मैदान से जब विधानसभा के लिए मार्च आगे बढ़ा तो डाक बंगला के पास पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज कर दिया. इस भगदड़ में जहानाबाद के रहने वाले बीजेपी नेता विजय कुमार सिंह की मौत हो गई. बीजेपी का आरोप है कि पुलिस की लाठी से सिर में चोट लगने से उसकी जान गई है.
क्या हुआ था मार्च 2021 में?: दरअसल 23 मार्च 2021 को बिहार विशेष सशस्त्र पुलिस बल विधेयक का विरोध करते हुए आरजेडी विधायकों ने विधानसभा में जमकर हंगामा किया था. स्पीकर को उनके ही कक्ष में बंधक बनाने की कोशिश कर रहे विधायक मार्शल से भिड़ गए. बाद में पुलिस ने विपक्षी विधायकों को जबरन सदन से बाहर निकाला. विपक्ष ने आरोप लगाया था कि कई विधायकों के साथ मारपीट की गई. महिला विधायकों के साथ भी बदसलूकी की गई. उस समय आरजेडी विपक्ष में था, जबकि बीजेपी और जेडीयू की सरकार थी.