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रामगढ़ हादसा : मलबे में दबे मजदूरों के शवों को निकालने का प्रयास - दूसरे दिन नहीं मिली सफलता

मंगलवार को नैनीताल के रामगढ़ भूतिया गांव में भूस्खलन की चपेट में आने से 10 बिहारी मजदूर एक मकान के अंदर मलबे में दब गए थे. घटना में 9 मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई है जबकि एक का अस्पताल में इलाज चल रहा है. घटना के दूसरे दिन भी मजदूरों के शव का रेस्क्यू नहीं किया जा सका.

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Published : Oct 20, 2021, 10:45 PM IST

नैनीताल : 19 अक्टूबर को रामगढ़ भूतिया गांव में भूस्खलन की चपेट में आने से एक मकान में दबकर 9 बिहारी मजदूरों की मौत हो गई है. घटना के दूसरे दिन भी इन मजदूरों का शव रेस्क्यू नहीं हो सका.

एनडीआरएफ और एसडीआरएफ का रेस्क्यू अभियान जारी है. आज एसडीआरएफ, एनडीआरएफ पुलिस और ग्रामीणों ने रेस्क्यू चलाकर शव निकालने का प्रयास किया, लेकिन देर शाम तक शव बरामद नहीं किए जा सकें.

मलबे में दबे 9 मजदूरों के शवों को निकालने का प्रयास

एनडीआरएफ इंचार्ज राजेश कुमार सिंह ने बताया कि मकान के पिछले भाग से बड़े-बड़े बोल्डर मौजूद हैं, जिसके नीचे सभी मजदूरों के शव दबे हैं.

घर के एक हिस्से को तोड़कर मलबा और शव निकालने का प्रयास किया जा रहा है. घटनास्थल तक पहुंचने में रेस्क्यू टीम को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. सड़क पूरी तरह टूट चुकी है, जिस वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कतें आ रही हैं.

ठेकेदार जगदीश पांडे ने बताया कि उनके घर में 10 मजदूर रुके हुए थे, जो सड़क निर्माण का काम करते थे. सभी मजदूर घर में सोए हुए थे. इसी दौरान 19 अक्टूबर की सुबह उनके घर के पीछे हुए भूस्खलन की चपेट में आने से सभी मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गई. सभी मजदूर मूल रूप से बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के रहने वाले हैं. घटना की सूचना उनके परिजनों को दे दी गई है.

पढ़ें : उत्तराखंड पर प्रकृति का प्रहार : टूटा 124 सालों का रिकॉर्ड

नैनीताल : 19 अक्टूबर को रामगढ़ भूतिया गांव में भूस्खलन की चपेट में आने से एक मकान में दबकर 9 बिहारी मजदूरों की मौत हो गई है. घटना के दूसरे दिन भी इन मजदूरों का शव रेस्क्यू नहीं हो सका.

एनडीआरएफ और एसडीआरएफ का रेस्क्यू अभियान जारी है. आज एसडीआरएफ, एनडीआरएफ पुलिस और ग्रामीणों ने रेस्क्यू चलाकर शव निकालने का प्रयास किया, लेकिन देर शाम तक शव बरामद नहीं किए जा सकें.

मलबे में दबे 9 मजदूरों के शवों को निकालने का प्रयास

एनडीआरएफ इंचार्ज राजेश कुमार सिंह ने बताया कि मकान के पिछले भाग से बड़े-बड़े बोल्डर मौजूद हैं, जिसके नीचे सभी मजदूरों के शव दबे हैं.

घर के एक हिस्से को तोड़कर मलबा और शव निकालने का प्रयास किया जा रहा है. घटनास्थल तक पहुंचने में रेस्क्यू टीम को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. सड़क पूरी तरह टूट चुकी है, जिस वजह से रेस्क्यू ऑपरेशन में दिक्कतें आ रही हैं.

ठेकेदार जगदीश पांडे ने बताया कि उनके घर में 10 मजदूर रुके हुए थे, जो सड़क निर्माण का काम करते थे. सभी मजदूर घर में सोए हुए थे. इसी दौरान 19 अक्टूबर की सुबह उनके घर के पीछे हुए भूस्खलन की चपेट में आने से सभी मजदूरों की दर्दनाक मौत हो गई. सभी मजदूर मूल रूप से बिहार के पश्चिमी चंपारण जिले के रहने वाले हैं. घटना की सूचना उनके परिजनों को दे दी गई है.

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