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KK Pathak : बोरा के बाद अब कबाड़ भी बेचेंगे गुरुजी..! शिक्षा विभाग ने जारी किया नया फरमान.. शिक्षक संघ तमतमाया

बिहार में हर दिन शिक्षकों को लेकर नए नए फरमान केके पाठक की ओर से जारी हो रहे हैं. अब बिहार के शिक्षक कबाड़ भी बेचेंगे. जो भी स्कूलों में रद्दी और कबाड़ है उसे बेचकर जो पैसा मिलेगा उसे सरकारी खजाने में जमा कराना होगा. शिक्षा विभाग के नए फरमान पर शिक्षक संघ तमतमा गया है...

शिक्षा विभाग द्वारा जारी निर्देश पत्र
शिक्षा विभाग द्वारा जारी निर्देश पत्र
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Published : Aug 19, 2023, 1:42 PM IST

Updated : Aug 19, 2023, 4:29 PM IST

पटना : बिहार के गुरुजी बोरा बेचने के बाद खाली नहीं बैठेंगे, उन्हें अब कबाड़ बेचना होगा. जी हां, बिहार शिक्षा विभाग के नए आदेश ने सरकारी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को अब नया टास्क दिया है. अगर स्कूल के सभी बोरे बिक गए तो अब उन्हें कबाड़ बेचने के लिए गली गली घूमना होगा. केके पाठक के शिक्षा विभाग का नया फरमान गुरुजी के लिए आफत बन चुका है. कबाड़ बेचने से जो राशि मास्टरजी को मिलेगी उसे सरकारी खजाने में जमा करवाना होगा. इसकी सूचना भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को सूचित करना होगा.

ये भी पढ़ें- Bihar Education Department: हेडमास्टर बेचेंगे बोरा.. फरमान का विरोध शुरू, शिक्षक संघ ने कहा- सम्मान के साथ खिलवाड़ बंद हो

कबाड़ बेचेंगे बिहार के गुरुजी : दरअसल शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक इन दिनों लगातार विभिन्न जिलों में जाकर विद्यालयों का भ्रमण कर रहे हैं. इस दौरान उन्हें कई जगहों पर विद्यालय में काफी मात्रा में कबाड़ नजर आया. कहीं कबाड़ के रूप में टेबल बेंच और कुर्सियां मौजूद हैं, तो कहीं पुराने किताब. ऐसे में इसके निष्पादन को लेकर केके पाठक ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देशित कर दिया है कि अपने क्षेत्र अंतर्गत सभी विद्यालयों के कबाड़ को खाली कराएं.

सरकारी खजाने में जमा करानी होगी राशि: बता दें कि विभाग की ओर से स्पष्ट किया गया है कि खाली कराने का मतलब कहीं फेंकना नहीं, बल्कि उसके लिए विद्यालय के शिक्षक और प्रधानाचार्य को कबाड़ी वाले को पकड़ कर लाना है. और उन्हें कबाड़ के समान को बेचना होगा. बेचने के बाद प्राप्त राशि को विद्यालय के खाते में जमा कराना है. कितना कबाड़ बेचने पर कितनी राशि प्राप्त हुई इसकी सूचना विभाग को देनी है. इस संदर्भ में बांका के जिला शिक्षा अधिकारी ने एक पत्र भी जारी किया है.

शिक्षा विभाग द्वारा जारी निर्देश पत्र
बांका के जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी निर्देश पत्र

शिक्षक संघ ने किया फरमान का विरोध : सरकार के इस फैसले का शिक्षक विरोध कर रहे हैं, शिक्षकों का कहना है कि शिक्षा विभाग बिहार के शिक्षकों के सम्मान के साथ लगातार खिलवाड़ कर रही है. शिक्षकों का मजाक बनाकर रख दिया गया है. बिहार टीईटी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित विक्रम ने इसे बिहार के शिक्षकों का अपमान बताया है. उन्होंने कहा है कि बिहार का शिक्षा विभाग शिक्षकों के साथ ज्यादती कर रहा है.

''पहले शिक्षकों से शौचालय की गिनती कराई गई थी, खुले में शौच करने वाले को पकड़ने के लिए निर्देशित किया गया था, इसके बाद हाल के दिनों में जातीय गणना के कार्य खत्म करने के बाद ही शिक्षकों को बोरा बेचने और मिड डे मील के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले बर्तनों को गिनने के साथ-साथ उनके हिसाब किताब रखने का जिम्मा दे दिया गया. अब शिक्षकों को कबाड़ बेचने के लिए कहा जा रहा है. इससे शिक्षकों की प्रतिष्ठा धूमिल हो रही है. हमारा जो काम है हम वो नहीं कर पा रहे हैं''- अमित विक्रम, प्रदेश अध्यक्ष, टीईटी शिक्षक संघ

धूमिल हो रही शिक्षकों की गरिमा : टीईटी शिक्षक संघ ने कहा है कि शिक्षकों की इससे प्रतिष्ठा धूमिल हो रही है. शिक्षक बाजार में गाड़ी पर बोरा बांध कर बेचने निकलेगा, गाड़ी पर कबाड़ बांधकर कबाड़ बेचने निकलेगा, तो समाज में शिक्षकों का क्या सम्मान रहेगा? यह सभी भली-भांति अवगत है. लेकिन सरकार शिक्षकों के सम्मान के साथ लगातार खिलवाड़ कर रही है.

पटना : बिहार के गुरुजी बोरा बेचने के बाद खाली नहीं बैठेंगे, उन्हें अब कबाड़ बेचना होगा. जी हां, बिहार शिक्षा विभाग के नए आदेश ने सरकारी स्कूलों के प्रधानाध्यापकों को अब नया टास्क दिया है. अगर स्कूल के सभी बोरे बिक गए तो अब उन्हें कबाड़ बेचने के लिए गली गली घूमना होगा. केके पाठक के शिक्षा विभाग का नया फरमान गुरुजी के लिए आफत बन चुका है. कबाड़ बेचने से जो राशि मास्टरजी को मिलेगी उसे सरकारी खजाने में जमा करवाना होगा. इसकी सूचना भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी को सूचित करना होगा.

ये भी पढ़ें- Bihar Education Department: हेडमास्टर बेचेंगे बोरा.. फरमान का विरोध शुरू, शिक्षक संघ ने कहा- सम्मान के साथ खिलवाड़ बंद हो

कबाड़ बेचेंगे बिहार के गुरुजी : दरअसल शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव केके पाठक इन दिनों लगातार विभिन्न जिलों में जाकर विद्यालयों का भ्रमण कर रहे हैं. इस दौरान उन्हें कई जगहों पर विद्यालय में काफी मात्रा में कबाड़ नजर आया. कहीं कबाड़ के रूप में टेबल बेंच और कुर्सियां मौजूद हैं, तो कहीं पुराने किताब. ऐसे में इसके निष्पादन को लेकर केके पाठक ने सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी को निर्देशित कर दिया है कि अपने क्षेत्र अंतर्गत सभी विद्यालयों के कबाड़ को खाली कराएं.

सरकारी खजाने में जमा करानी होगी राशि: बता दें कि विभाग की ओर से स्पष्ट किया गया है कि खाली कराने का मतलब कहीं फेंकना नहीं, बल्कि उसके लिए विद्यालय के शिक्षक और प्रधानाचार्य को कबाड़ी वाले को पकड़ कर लाना है. और उन्हें कबाड़ के समान को बेचना होगा. बेचने के बाद प्राप्त राशि को विद्यालय के खाते में जमा कराना है. कितना कबाड़ बेचने पर कितनी राशि प्राप्त हुई इसकी सूचना विभाग को देनी है. इस संदर्भ में बांका के जिला शिक्षा अधिकारी ने एक पत्र भी जारी किया है.

शिक्षा विभाग द्वारा जारी निर्देश पत्र
बांका के जिला शिक्षा अधिकारी द्वारा जारी निर्देश पत्र

शिक्षक संघ ने किया फरमान का विरोध : सरकार के इस फैसले का शिक्षक विरोध कर रहे हैं, शिक्षकों का कहना है कि शिक्षा विभाग बिहार के शिक्षकों के सम्मान के साथ लगातार खिलवाड़ कर रही है. शिक्षकों का मजाक बनाकर रख दिया गया है. बिहार टीईटी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित विक्रम ने इसे बिहार के शिक्षकों का अपमान बताया है. उन्होंने कहा है कि बिहार का शिक्षा विभाग शिक्षकों के साथ ज्यादती कर रहा है.

''पहले शिक्षकों से शौचालय की गिनती कराई गई थी, खुले में शौच करने वाले को पकड़ने के लिए निर्देशित किया गया था, इसके बाद हाल के दिनों में जातीय गणना के कार्य खत्म करने के बाद ही शिक्षकों को बोरा बेचने और मिड डे मील के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले बर्तनों को गिनने के साथ-साथ उनके हिसाब किताब रखने का जिम्मा दे दिया गया. अब शिक्षकों को कबाड़ बेचने के लिए कहा जा रहा है. इससे शिक्षकों की प्रतिष्ठा धूमिल हो रही है. हमारा जो काम है हम वो नहीं कर पा रहे हैं''- अमित विक्रम, प्रदेश अध्यक्ष, टीईटी शिक्षक संघ

धूमिल हो रही शिक्षकों की गरिमा : टीईटी शिक्षक संघ ने कहा है कि शिक्षकों की इससे प्रतिष्ठा धूमिल हो रही है. शिक्षक बाजार में गाड़ी पर बोरा बांध कर बेचने निकलेगा, गाड़ी पर कबाड़ बांधकर कबाड़ बेचने निकलेगा, तो समाज में शिक्षकों का क्या सम्मान रहेगा? यह सभी भली-भांति अवगत है. लेकिन सरकार शिक्षकों के सम्मान के साथ लगातार खिलवाड़ कर रही है.

Last Updated : Aug 19, 2023, 4:29 PM IST
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