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जातीय जनगणना पर बोले नीतीश- पीएम को चिट्ठी मिल गई, मुलाकात का इंतजार

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा कि जाति आधारित जनगणना को लेकर कहा कि एक बार प्रधानमंत्री के साथ बातचीत हो जाए तब फिर आगे फैसला होगा. उन्होंने कहा कि जातीय जनगणना से सब को लाभ होगा, किसी को नुकसान नहीं होने वाला है.

Nitish Kumar
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Published : Aug 16, 2021, 6:07 PM IST

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने जाति आधारित जनगणना (Cast Census) को सभी जातियों के लिए जरूरी बताया है. साथ ही उन्होंने कहा कि जब भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से मिलने का समय मिलेगा, इस बारे में बात करेंगे. आखिर फैसला तो केंद्र सरकार को ही लेना है. पटना में जनता दरबार के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि जो पत्र हमने प्रधानमंत्री को भेजा था, उन्हें मिल गया है और उसकी जानकारी भी मिल गई है. अब मिलने के समय का इंतजार कर रहे हैं.

अब जब हमें पत्र आ ही गया है कि केंद्र के पास हमारा पत्र रिसीव हो गया है तो उम्मीद करते हैं कि समय जरूर मिलेगा और जब समय मिलेगा तो जाकर के बात करेंगे. वैसे जातीय जनगणना पर फैसला तो केंद्र सरकार को ही करना है.

नीतीश ने जातीय जनगणना को बताया जरूरी.

सीएम ने कहा कि जहां तक विपक्ष की मांग है कि राज्य अपने खर्च पर जातीय जनगणना कराए तो मैं कहना चाहूंगा कि जब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात नहीं हो जाती और कोई बात सामने नहीं आ जाती है, तबतक कैसे कोई निर्णय ले लेंगे.

सीएम ने कहा कि पीएम के साथ बातचीत से जो चीजें सामने आएंगी, उसी हिसाब से आपस में मिल-बैठकर इस बारे में बात करेंगे. जब भी राज्य में खुद से जनगणना कराएंगे तो फैसला सर्वसम्मति से ही लेंगे. ये बात आगे की है, फिलहाल हमलोग चाहेंगे कि देशभर में इसे कराई जाए.

"प्रधानमंत्री से बात हो जाएगी और कोई चीज सामने आ जाएगी, तब आपस में बैठकर कोई बात करेंगे कि एक ही दिन में कह देंगे कि राज्य में अपने से जातीय जनगणना कराएंगे. पहले तो हम कह ही चुके हैं."- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक बार अगर जातीय जनगणना हो जाए तो बहुत अच्छा रहेगा. इससे जातियों की स्थिति स्पष्ट हो जाएगी. उन्होंने कहा कि इससे किसी का नुकसान नहीं होगा, सभी को इसका फायदा होगा. उन्होंने कहा कि एक बार अगर जानकारी हो जाएगी कि अलग-अलग जातियों की तो उनके संरक्षण के लिए, उन्हें और आगे बढ़ाने के लिए और बेहतर कार्य करने के लिए यह बहुत अच्छा रहेगा.

नीतीश कुमार ने कहा कि सबके विकास के लिए जो जरूरी चीज होगी, उसके लिए जरूरी है कि पूरा आंकड़ा सामने आए. एक-एक चीज मालूम हो जाएगी और अच्छे से उनके उत्थान के लिए काम हो पाएगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2011 से 2013 तक जो जनगणना करायी गई थी उसमें कई तरह की त्रुटियां थीं, इसलिए वह प्रकाशित नहीं हुई. हम लोगों की मांग पुरानी है, लेकिन अब प्रधानमंत्री से मिलने का समय मिलेगा तो उसके अनुसार ही मामला आगे बढ़ेगा.

पढ़ेंः जातीय जनगणना पर सियासत : बीजेपी-जेडीयू ने लालू को बताया मानसिक रूप से अस्वस्थ

पटना : मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) ने जाति आधारित जनगणना (Cast Census) को सभी जातियों के लिए जरूरी बताया है. साथ ही उन्होंने कहा कि जब भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) से मिलने का समय मिलेगा, इस बारे में बात करेंगे. आखिर फैसला तो केंद्र सरकार को ही लेना है. पटना में जनता दरबार के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए सीएम नीतीश कुमार ने कहा कि जो पत्र हमने प्रधानमंत्री को भेजा था, उन्हें मिल गया है और उसकी जानकारी भी मिल गई है. अब मिलने के समय का इंतजार कर रहे हैं.

अब जब हमें पत्र आ ही गया है कि केंद्र के पास हमारा पत्र रिसीव हो गया है तो उम्मीद करते हैं कि समय जरूर मिलेगा और जब समय मिलेगा तो जाकर के बात करेंगे. वैसे जातीय जनगणना पर फैसला तो केंद्र सरकार को ही करना है.

नीतीश ने जातीय जनगणना को बताया जरूरी.

सीएम ने कहा कि जहां तक विपक्ष की मांग है कि राज्य अपने खर्च पर जातीय जनगणना कराए तो मैं कहना चाहूंगा कि जब तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात नहीं हो जाती और कोई बात सामने नहीं आ जाती है, तबतक कैसे कोई निर्णय ले लेंगे.

सीएम ने कहा कि पीएम के साथ बातचीत से जो चीजें सामने आएंगी, उसी हिसाब से आपस में मिल-बैठकर इस बारे में बात करेंगे. जब भी राज्य में खुद से जनगणना कराएंगे तो फैसला सर्वसम्मति से ही लेंगे. ये बात आगे की है, फिलहाल हमलोग चाहेंगे कि देशभर में इसे कराई जाए.

"प्रधानमंत्री से बात हो जाएगी और कोई चीज सामने आ जाएगी, तब आपस में बैठकर कोई बात करेंगे कि एक ही दिन में कह देंगे कि राज्य में अपने से जातीय जनगणना कराएंगे. पहले तो हम कह ही चुके हैं."- नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री, बिहार

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक बार अगर जातीय जनगणना हो जाए तो बहुत अच्छा रहेगा. इससे जातियों की स्थिति स्पष्ट हो जाएगी. उन्होंने कहा कि इससे किसी का नुकसान नहीं होगा, सभी को इसका फायदा होगा. उन्होंने कहा कि एक बार अगर जानकारी हो जाएगी कि अलग-अलग जातियों की तो उनके संरक्षण के लिए, उन्हें और आगे बढ़ाने के लिए और बेहतर कार्य करने के लिए यह बहुत अच्छा रहेगा.

नीतीश कुमार ने कहा कि सबके विकास के लिए जो जरूरी चीज होगी, उसके लिए जरूरी है कि पूरा आंकड़ा सामने आए. एक-एक चीज मालूम हो जाएगी और अच्छे से उनके उत्थान के लिए काम हो पाएगा.

मुख्यमंत्री ने कहा कि 2011 से 2013 तक जो जनगणना करायी गई थी उसमें कई तरह की त्रुटियां थीं, इसलिए वह प्रकाशित नहीं हुई. हम लोगों की मांग पुरानी है, लेकिन अब प्रधानमंत्री से मिलने का समय मिलेगा तो उसके अनुसार ही मामला आगे बढ़ेगा.

पढ़ेंः जातीय जनगणना पर सियासत : बीजेपी-जेडीयू ने लालू को बताया मानसिक रूप से अस्वस्थ

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