पटना: बिहार के भागलपुर और खगड़िया को जोड़ने वाले निर्माणाधीन पुल गिरने से कई तरह के सवाल उठने लगे हैं. नदियों पर काम करने वाले विशेषज्ञ भी सवाल उठा रहे हैं. जिसके बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने जांच के आदेश दिए है. पिछले वर्ष अप्रैल में भी इस पुल का एक हिस्सा नदी में समा गया था. बता दें कि यह पुल बिहार के मुखिया नीतीश कुमार का ड्रीम प्रोजेक्ट था. पिछले एक साल में एक दो नहीं बल्कि सात पुल गिर चुके (7 Bridges Fall in Bihar) हैं. कब-कब और कहां पुल गिरने की घटना सामने आई हैं, आइये एक नजर डालते है.
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पूर्णिया में गिरा 'भ्रष्टाचार' वाला पुल : 16 मई को बिहार के पूर्णिया जिले में एक निमार्णाधीन सड़क पुल निर्माण के चार घंटे बाद ढह गया. स्थानीय लोगों का आरोप है कि ठेकेदार और इंजीनियर घटिया सामग्री का इस्तेमाल कर रहे थे, जिससे हादसा हुआ.
सारण में गिरा 'भ्रष्टाचार' वाला पुल : 19 मार्च, 2023 को बिहार के सारण जिले में अंग्रेजों के जमाने का एक सड़क पुल गिरने से दो लोग घायल हो गए थे. घायलों में ट्रक का चालक व खलासी शामिल है. पत्थर के चिप्स से लदा ट्रक पुल पर जा गिरा. वाहन के अत्यधिक भार के कारण पुल ढह गया. महानदी नदी पर अंग्रेजों के जमाने का पुल बना था और पिछली बाढ़ के बाद से इसकी हालत खराब थी. पुल जर्जर हो रहा था और कई जगहों पर दरारें भी नजर आ रही थीं. तमाम जर्जरता के बावजूद पथ निर्माण विभाग ने इसे खतरनाक पुल घोषित नहीं किया है. पुल के दोनों ओर चेतावनी बोर्ड नहीं लगा था.
पटना में गिरा 'भ्रष्टाचार' वाला पुल : 19 फरवरी, 2023 को बिहार के पटना जिले में एक निर्माणाधीन पुल गिर गया. घटना बिहटा-सरमेरा फोर लेन मार्ग पर हुई. पटना को नालंदा जिले से जोड़ने वाली सड़क आंशिक रूप से बनी है. घटना जिले के नौबतपुर प्रखंड के रुस्तमगंज गांव की है. इस हादसे में कोई घायल नहीं हुआ.
दरभंगा में गिरा 'भ्रष्टाचार' वाला पुल : इसी साल 16 जनवरी, 2023 को बिहार के दरभंगा जिले में ओवरलोड ट्रक की चपेट में आने से लोहे का पुल गिर गया था. घटना दरभंगा जिले के कुशेश्वर स्थान प्रखंड के सबोहर घाट की है. कमला बलान नदी पर स्थित यह पुल दरभंगा को मधुबनी, सहरसा और समस्तीपुर जिलों से जोड़ता है. ट्रक रेत से लदा हुआ था और पुलिया पर पड़ा हुआ था. जब ट्रक पुल के बीच पहुंचा तो वह टूट गया और ट्रक नदी में गिर गया. वाहन के चालक और सहायिका ने नदी में कूदकर जान बचाई.
नालंदा में गिरा 'भ्रष्टाचार' वाला पुल : 18 नवंबर, 2022 को बिहार के नालंदा जिले में एक निर्माणाधीन सड़क पुल के ढह जाने से एक व्यक्ति की मौत हो गई. वेना ब्लॉक में चार लेन के खंड पर सड़क पुल का निर्माण चल रहा था. यह पुल पूर्व में भी घटिया निर्माण सामग्री के कारण टूट गया था.
सहरसा में गिरा 'भ्रष्टाचार' वाला पुल : 9 जून, 2022 को बिहार के सहरसा जिले में पुल का एक हिस्सा गिरने से तीन मजदूर घायल हो गए थे. हादसा सहरसा जिले के सिमरी बख्तियारपुर प्रखंड के कंडुमेर गांव में कोसी तटबंध के पूर्वी हिस्से में हुआ. पुल पर काम कर रहे घायल मजदूर टूट कर नीचे गिर गये और मलबे में दब गए. उन्हें अन्य मजदूरों ने बचा लिया और सदर अस्पताल सहरसा में भर्ती कराया और बाल-बाल बच गए.
पटना मे ढह गया 136 साल पुराना पुल : 20 मई, 2022 को राज्य की राजधानी पटना में अत्यधिक बारिश के कारण 136 साल पुराना एक सड़क पुल ढह गया. पुल पटना से 25 किमी दूर फतुहा उप-नगर में स्थित था. पुल का निर्माण ब्रिटिश काल के दौरान 1884 में हुआ था.
''पुल का रखरखाव खराब था. भारी बारिश को लेकर जिला प्रशासन सतर्क नहीं था. घटना तब सामने आई जब निर्माण सामग्री से लदा एक ट्रक उस पुल को पार कर रहा था. ज्यादा वजन होने के कारण यह गिर गया है. पुल व सड़क निर्माण विभाग ने इसे खतरनाक पुल घोषित कर दिया था और पिछले 25 साल से भारी वाहनों को चलने की इजाजत नहीं दी थी.'' - स्थानीय निवासी
भागलपुर में भरभराकर गिरा निर्माणाधीन पुल : 4 जून 2023, भागलपुर में रविवार को निर्माणाधीन पुल भरभराकर गिर गया. ये पुल 1717 करोड़ की लागत से तैयार किया जा रहा था. इस निर्माणाधीन पुल के कुछ हिस्से को अप्रैल में आंधी के कारण भी नुकसान पहुंचा था. खगड़िया -अगुवानी सुल्तानगंज के बीच गंगा नदी पर बन रहे महासेतु का बीच का हिस्सा रविवार को ध्वस्त हो गया. पिछले साल 30 अप्रैल को भी यह पुल टूटा था.
क्या कहते हैं एक्सपर्ट? : वहीं, नदियों पर काम करने वाले भगवान पाठक की माने तो अब तक पुल, पुलिया टूटने को लेकर नदियों को हर बार दोष दिया जाता रहा है. लेकिन अभी न तो नदी उफान पर है न धारा बदली है. उन्होंने कहा कि राजनीतिज्ञों, तकनीकी विशेषज्ञों और नौकरशाहों का एक कॉकस तैयार हो गया है, जो नदियों को बांधने की कोशिश कर भ्रष्टाचार में डूबा है.
पुल गिरने पर क्या बोले CM नीतीश : इधर, बिहार में खगड़िया के अगुवानी और सुल्तानगंज के बीच गंगा नदी पर बन रहे फोरलेन महासेतु के तीन पिलर और चार सुपर स्ट्रक्चर के नदी में समा जाने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी विभाग की गलती मानी है. उन्होंने कहा कि ठीक से नहीं बन रहा था तभी तो गिर जा रहा है. बता दें कि इस ब्रिज को एसपी सिंगला कंस्ट्रक्शंस कंपनी बना रही है.
''भागलपुर में जो हुआ है, कुछ समय पहले भी हुआ था. उसी समय हमने कहा कि ऐसा क्यों हुआ. पुल गिरने की खबर के बाद तुरंत हमने विभाग के सभी अधिकारियों से कहा कि जाकर देख लीजिए और तुरंत एक्शन लीजिए. यह कोई तरीका नहीं है अब तक तो इसका निर्माण कार्य पूरा हो जाना चाहिए था. अगर समय पर हो गया रहता तो क्यों ऐसी खबर आती. हमको बहुत तकलीफ हुई है.'' - नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री
''सरकार को पहले से ही आशंका थी. पिछले वर्ष आईआईटी रुड़की, आईआईटी मुंबई ने निर्माणाधीन पुल की जांच की थी और डिजाइन को लेकर सवाल उठाए. कई जगहों पर पुल को तोड़वाया गया." - तेजस्वी यादव, उप मुख्यमंत्री, बिहार
''रिपोर्ट मिलने के बाद सरकार पुल निर्माण में लगे कंपनी को ब्लैक लिस्ट में डालेगी. संवेदक पर कारवाई होगी. नया डीपीआर बनाकर नए सिरे से निविदा निकालकर निर्माण कार्य प्रारंभ होगा.'' - प्रत्यय अमृत, सड़क निर्माण विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव
BJP ने मांगा नीतीश-तेजस्वी का इस्तीफा : निर्माणाधीन पुल गिरने के बाद सूबे की सियासत का पारा चढ़ गया है. बीजेपी ने नीतीश सरकार पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए नीतीश कुमार और उप मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का इस्तीफा मांगा है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे ने कहा कि पुल गिरने की नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए चाचा-भतीजा को इस्तीफा दे देना चाहिए.