लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी से बसों के फिटनेस सर्टिफिकेट के साथ एक हजार बस चालकों के ड्राइविंग लाइसेंस के साथ पूरा विवरण लखनऊ के जिलाधिकारी को उपलब्ध कराने के लिए कहा है. दरअसल, प्रियंका गांधी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर श्रमिकों को घर पहुंचाने के लिए एक हजार बसों के संचालन की अनुमति मांगी थी. प्रियंका गांधी ने 16 मई को पत्र लिखा था. योगी सरकार ने इस पर 18 मई को अनुमति दी है.
प्रियंका गांधी ने योगी सरकार को इसका जवाब एक पत्र के माध्यम से दिया है.
पत्र में प्रियंका गांधी ने कहा, 'हम अपनी बातों पर अडिग है. हम संकट में फंसे प्रवासी मजदूरों को उनके घरों तक पहुंचाने के लि दृढ़ संकल्पित हैं. गाजीपुर बॉर्डर, गाजियाबाद और नोएडा बॉर्डर से हमारी बसों के संचालन के लिए आवश्यक दिशानिर्देश व समन्वय के लिए नोडल अधिकारियों कि नियुक्ति करने का अनुरोध है.'
बता दें कि उत्तर प्रदेश के औरैया में सड़क हादसे में 24 प्रवासी मजदूरों की मौत होने के एक दिन बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने टि्वटर पर वीडियो संदेश जारी किया था. प्रियंका ने इसमें उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से आग्रह किया कि वह प्रवासी मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए कांग्रेस को राज्य की सीमा पर तैयार रखी गईं बसों के परिचालन की अनुमति प्रदान करें.
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हालांकि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए प्रवासी श्रमिकों और कामगारों का 'मजाक' बनाने का आरोप लगाते हुए सोमवार को कहा कि महामारी के इस समय में कांग्रेस के नेता 'ओछी राजनीति' ना करें. यूपी सरकार ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के उस ऑफर को स्वीकार कर लिया, जिसमें उन्होंने एक हजार बस चलाने की अनुमति मांगी थी.
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