नई दिल्ली : शीर्ष सरकारी अधिकारियों के बीच तेजी से बढ़ते कोरोना मामलों की लगातार वृद्धि ने वरिष्ठ अधिकारियों के बीच चिंता पैदा कर दी है. सरकार ने मंगलवार को नए निर्देश जारी किये जिसके अनुसार किसी भी समय किसी भी कमरे में दो से अधिक अधिकारियों की उपस्थिति नहीं होगी. ईटीवी भारत को मिली जानकारी के मुताबिक दफ्तर में उप सचिव के स्तर से नीचे के अधिकारी और कर्मचारियों की कुल संख्या 30 के ऊपर नहीं होगी.
यह नया आदेश मंगलवार को जारी किया गया, जब विनिवेश सचिव तुहिन कांत पांडे कोरोना पॉजिटिव पाए गए. पांडे केंद्र सरकार में सचिव स्तर के दूसरे अधिकारी हैं, जो कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं. पिछले हफ्ते, रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार और केंद्र सरकार के मुख्य प्रवक्ता केएस धतवालिया कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे.
सरकारी दफ्तर में तेजी से अधिकारी कोरोना की चपेट में आ रहे हैं. जरूरत है कि अत्यंत सावधानी के साथ अधिकारियों की सुरक्षा की जाए. कपड़ा मंत्रालय द्वारा जारी इस आदेश की एक प्रति की समीक्षा ईटीवी भारत ने भी की. इस मुद्दे के एक जानकार के अनुसार अन्य मंत्रालयों में भी एक या दो दिन में इसी तरह के आदेश जारी हो सकते हैं.
आदेश के अनुसार एक कमरे में किसी भी समय दो से अधिक व्यक्ति नहीं होने चाहिए. साथ ही उन कर्मचारियों को भी हिदायत दी जा रही है जो सार्वजनिक या निजी टैक्सी का इस्तेमाल करते हैं या जो लोग संक्रमित इलाकों में या उसके पास रह रहे हैं वो ऑफिस न आएं. डीआईपीएएम के सचिव तुहिन कांत पांडे की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने के बाद इस मामले को तत्काल स्वीकार कर लिया गया है.
दफ्तर की तरफ से ज्ञापन जारी कर डीआईपीएएम कर्मचारियों को जानकारी दी गई कि भवन को सैनिटाइज करने के लिए बंद किया जा रहा है साथ ही यह भी बताया कि डीआईपीएएम के सचिव के अलावा दो और अधिकारी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं.
सरकारी हलकों में जिस वजह से खतरे की घंटी बजी उसका कारण यह है कि तुहिन कांत पांडे का मामला इकलौता मामला नहीं है. रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार और पीआईबी के प्रमुख केएस धतवालिया के अलावा, कई अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी हाल ही में कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, जिसमें वित्त मंत्रालय में एक अवर सचिव रीता मल और कानून और न्याय मंत्रालय में संयुक्त सचिव डॉ. नारायण राव बट्टू भी शामिल हैं.
केंद्र सरकार की प्रचार शाखा के प्रधान महानिदेशक के रूप में धतवालिया स्वास्थ्य परिवार कल्याण मंत्रालय और गृह मंत्रालय की संयुक्त रूप से कोविड ब्रीफिंग किया करते थे.
मामले से परिचित लोगों के अनुसार, केएस धतवालिया के ड्राइवर और एक अन्य कर्मचारी भी कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं, जिसके बाद सभी अधिकारी जो उसके साथ मिलकर काम कर रहे थे, उन्होंने खुद को क्वारंटाइन कर लिया है.
शीर्ष अधिकारियों के बीच खतरे की घंटी इस वजह से भी बज रही है, क्योंकि केंद्र सरकार के प्रचार विंग के प्रमुख के रूप में केएस धतवालिया कई केंद्रीय मंत्रियों और महत्वपूर्ण मंत्रालयों के अन्य शीर्ष अधिकारियों के साथ नियमित संपर्क में थे.
केएस धतवालिया ने सोमवार एक जून और बुधवार तीन जून को पिछले हफ्ते दो कैबिनेट ब्रीफिंग की. उन्होंने सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर, परिवहन और एमएसएमई मंत्री नितिन गडकरी और कृषि और किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ बैठक की थी. मंगलवार को धतवालिया ने संचार और आईटी मंत्री रविशंकर प्रसाद की एक और प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें नीती आयोग के सीईओ अमिताभ कांत और संचार सचिव भी शामिल हुए.
इन मंत्रियों ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में भाग लिया, जिसने आवश्यक सेवा अधिनियम में दूरगामी संशोधनों को मंजूरी दे दी और दो अध्यादेशों को भी मंजूरी दे दी, जिससे किसानों को देश भर में अपनी उपज का विपणन करने की अधिक स्वतंत्रता मिली.
यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि कितने केंद्रीय मंत्री और शीर्ष अधिकारी धतावालिया के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद क्वारंटाइन का पालन कर रहे हैं. हालांकि, पीआईबी कार्यालय की बिल्डिंग को सेनेटाइज करने के लिए बंद किया गया था और नियमित कैबिनेट बैठक जो आमतौर पर बुधवार को होती है इस बार नहीं बुलाई गई.
स्वास्थ्य मंत्रालय और गृह मंत्रालय द्वारा नियमित रूप से होने वाली संयुक्त कोविड ब्रीफिंग भी नहीं हुई है. शीर्ष पीआईबी अधिकारी के कोरोना पॉजिटिव होने की खबर के बाद यह खबर सार्वजनिक हुई है.
यह अभी तक स्पष्ट नहीं है कि स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल, गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव पुण्य सलिया श्रीवास्तव और रमन आर गंगाखेडकर भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद में महामारी विज्ञान और संक्रामक रोग के प्रमुख क्वारंटाइन हैं या नहीं. केएस धतावालिया के साथ ये तीनों अधिकारी नियमित रूप से नई दिल्ली में नेशनल मीडिया सेंटर में कोविद -19 अपडेट के बारे में संक्षिप्त जानकारी देते थे और केंद्रीय शासन का चेहरा बन गए थे.
पिछले हफ्ते रक्षा सचिव डॉ. अजय के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने के बाद अभी तक यह स्पष्ट नहीं है कि कितने रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने खुद को क्वारंटाइन किया है.
रक्षा मंत्रालय में सबसे वरिष्ठ अधिकारी के रूप में डॉ अजय कुमार रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, सीडीएस जनरल बिपिन रावत और तीनों सेवाओं के प्रमुख के साथ नियमित संपर्क में थे.
पीटीआई की एक रिपोर्ट के मुताबिक एहतियात के तौर पर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह अगले दिन कार्यालय में नहीं आए.
सूत्रों के अनुसार, सभी अधिकारी जो डॉ अजय कुमार के निकट संपर्क में थे, उन्होंने प्रोटोकॉल के अनुसार खुद को क्वारंटाइन कर लिया था, लेकिन यह खुलासा नहीं किया गया था कि कोई भी शीर्ष सैन्य अधिकारी उनके बीच था या नहीं.
राज्य के नेता और अधिकारी भी कोरोना की चपेट में हैं
केंद्र सरकार के अलावा अत्यधिक संक्रामक कोरोना वायरस ने राज्यों को भी प्रभावित किया है. बुधवार को डीएमके विधायक जे अनबाझागन देश के पहले विधायक बन गए जो घातक कोरोनावायरस का शिकार हो गए.
पिछले हफ्ते, उत्तराखंड के मंत्री सतपाल महाराज, उनकी पत्नी अमृता रावत और उनके परिवार के 21 सदस्य जिनमें उनके दो बेटे और उनकी पत्नियां और एक डेढ़ साल का पोता और स्टाफ शामिल थे. वे कोरोना पॉजिटिव पाए गए. उसके बाद मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत सहित उनके कैबिनेट के कई सहयोगी ने खुद को क्वारंटाइन कर लिया.
सतपाल महाराज ने 29 शुक्रवार को मई को मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में एक कैबिनेट बैठक में भाग लिया था. जबकि सतपाल महाराज की पत्नी अमृता रावत में 30 मई शनिवार को कोरना पॉजिटिव होने की पुष्टि हुई उसके बाद रविवार को परिवार के अन्य सदस्यों और कर्मचारियों में कोरोना की पुष्टि हुई. मंत्री, परिवार के अन्य सदस्यों सहित 20 और लोग भी कोरोना पॉजिटिव हुए जिससे पता चलता है कि कोरोना कितनी तेजी से फैलता है.
इसी तरह गुजरात में मुख्यमंत्री विजय रुपानी को क्वारंटाइन के लिए जाना पड़ा क्योंकि वे कांग्रेस विधायक इमरान खेडावाला के संपर्क में आए थे, जो कोरोना पॉजिटिव पाए गए थे.
(कृष्णानंद त्रिपाठी)