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न्यायालय का गुजरात में भाजपा नेता पाबूभा माणक की अयोग्यता के आदेश पर रोक से इंकार

उच्चतम न्यायालय ने गुजरात के दो मामलों में सुनवाई करते हुए द्वारका से भाजपा के पूर्व विधायक पबुभा माणेक के राज्यसभा चुनाव लड़ने पर रोक लगा दी है. वहीं हाई कोर्ट के दिए गए नोटिस को यतिन ओझा ने उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी जिस पर उच्चतम न्यायालय ने दलील सुनने से इंकार कर दिया है.

SUPREME COURT
सुप्रीम कोर्ट
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Published : Jun 17, 2020, 4:33 AM IST

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने गुजरात के द्वारका निर्वाचन क्षेत्र से 2017 में निर्वाचित भाजपा विधायक पाबूभा माणक को अयोग्य करार देने संबंधी उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने से मंगलवार को इंकार कर दिया.

माणक ने इसी महीने होने वाले राज्य सभा चुनाव के मद्देनजर उच्च न्यायालय के पिछले साल 12 अप्रैल के आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध किया था.

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूति ए एस बोपन्ना की पीठ ने वीडियो कांफ्रेन्सिंग के माध्यम से सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक के लिये माणक का आवेदन अस्वीकार कर दिया.

शीर्ष अदालत ने पिछले साल 22 अप्रैल को उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ माणक की याचिका विचारार्थ स्वीकार करते हुये निर्देश दिया था कि द्वारका की विधान सभा सीट रिक्त घोषित नहीं की जाये. हालांकि, शीर्ष अदालत ने माणक को अयोग्य घोषित करने के उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था.

इस सीट से माणक के निर्वाचन को कांग्रेस के प्रत्याशी मेरामनभाई गोरिया ने चुनौती दी थी. गोरिया का कहना था कि माणक ने दोषपूर्ण नामांकन पत्र दाखिल किया था जिसमें निर्वाचन क्षेत्र की संख्या और नाम नहीं लिखा था. उच्च न्यायालय ने गोरिया की इस दलील को सही पाया था.

पढ़ें :- कांग्रेस ने गुजरात में विधायकों को डराने-धमकाने का आरोप लगाया, निर्वाचन आयोग से शिकायत की

नई दिल्ली : उच्चतम न्यायालय ने गुजरात के द्वारका निर्वाचन क्षेत्र से 2017 में निर्वाचित भाजपा विधायक पाबूभा माणक को अयोग्य करार देने संबंधी उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने से मंगलवार को इंकार कर दिया.

माणक ने इसी महीने होने वाले राज्य सभा चुनाव के मद्देनजर उच्च न्यायालय के पिछले साल 12 अप्रैल के आदेश पर रोक लगाने का अनुरोध किया था.

प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति एम आर शाह और न्यायमूति ए एस बोपन्ना की पीठ ने वीडियो कांफ्रेन्सिंग के माध्यम से सुनवाई के दौरान उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक के लिये माणक का आवेदन अस्वीकार कर दिया.

शीर्ष अदालत ने पिछले साल 22 अप्रैल को उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ माणक की याचिका विचारार्थ स्वीकार करते हुये निर्देश दिया था कि द्वारका की विधान सभा सीट रिक्त घोषित नहीं की जाये. हालांकि, शीर्ष अदालत ने माणक को अयोग्य घोषित करने के उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाने से इंकार कर दिया था.

इस सीट से माणक के निर्वाचन को कांग्रेस के प्रत्याशी मेरामनभाई गोरिया ने चुनौती दी थी. गोरिया का कहना था कि माणक ने दोषपूर्ण नामांकन पत्र दाखिल किया था जिसमें निर्वाचन क्षेत्र की संख्या और नाम नहीं लिखा था. उच्च न्यायालय ने गोरिया की इस दलील को सही पाया था.

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