नई दिल्ली: विपक्षी दलों ने चुनाव आयोग से ईवीएम की शिकायत करने का फैसला लिया है. सूत्रों की मानें तो दोपहर एक बजे दिल्ली में विपक्षी दलों की इस मामले को लेकर एक बैठक होने वाली है. विपक्ष द्वारा की गई इस कवायद को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया है.
सुप्रीम कोर्ट ने सभी ईवीएम से सौ फीसदी वीवीपैट पर्ची के मिलान की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी है. इसके साथ ही साथ चुनाव आयोग ने यूपी के चार जिलों में ईवीएम की सुरक्षा को लेकर उठाए गए विपक्ष के सवालों को भी खारिज कर दिया है.
गौरतलब है कि टेक्नोक्रैट्स के एक ग्रुप ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर मांग की थी कि वेरिफिकेशन के लिए सभी ईवीएम से वीवीपैट की मिलान की सुविधा दी जानी चाहिए. sc ने इस याचिका को खारिज कर दिया और कहा कि यह मेरिट के मुताबिक नहीं है.
वहीं इस बीच जम्मू -कश्मीर की पूर्व सीएम महबूबा मुफ्ती ने भी ईवीएम को लेकर आशंका जताई. उन्होंने कहा कि ईवीएम से छेड़छाड़ एक और बालाकोट जैसा है.
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इसके अलावा वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने भी ईवीएम को लेकर सवाल खड़े किये. उन्होंने ईवीएम में छेड़छाड़ की नहीं बल्कि अदला-बदली की आशंका जाहिर की है.
बता दें, इस संबंध में आयोग ने कहा कि सभी मामलों में ईवीएम और वीवीपैट को पार्टियों के उम्मीदवारों के सामने अच्छे से सील किया गया था. आयोग ने कहा कि इस की विडियोग्रफी भी की गई थी. इसके साथ ही आयोग ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए आधारहीन बताया.
वहीं यूपी के मुख्य चुनाव आयुक्त ने बयान जारी कर सभी राजनीतिक दलों से कहा कि वे भरोसा रखें, ईवीएम पूरी तरह से सुरक्षित हैं.
गौरतलब है कि विपक्ष के ईवीएम में गड़बड़ी बताने पर भाजपा ने तंज कसा. पार्टी की कहना है कि विपक्ष अपनी हार के डर से इस तरह ईवीएम में गड़बड़ी का बहाना बना रहा है.