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कोई मध्यावधि चुनाव नहीं, शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस की सरकार पूरे पांच साल चलेगी : पवार

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी सुप्रीमो शरद पवार ने पुष्टि कर दी है कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. इसके पहले एनसीपी के ही एक अन्य नेता नवाब मलिक ने कहा था कि सीएम शिवसेना का ही होगी. मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक कांग्रेस, एनसीपी और शिवसेना के प्रतिनिधि राज्यपाल से मिलने को लेकर अंतिम रणनीति पर काम कर रहे हैं.

शरद पवार
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Published : Nov 15, 2019, 11:38 AM IST

Updated : Nov 15, 2019, 3:11 PM IST

मुंबई : महाराष्ट्र में सरकार बनने पर सहमति बनने लगी है. एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना के बीच आंतरिक विवादों को अलग रखकर यह फैसला लिया गया है. मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा. एनसीपी ने इसकी पुष्टि कर दी है. एनसपीसी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. शनिवार को तीनों पार्टियों का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिलेगा. हालांकि, बताया गया है कि वे किसानों के मुद्दे को लेकर उनसे मुलाकात करेंगे.

इससे पहले एनसीपी के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक ने महाराष्ट्र मुख्यमंत्री पद को लेकर बड़ी बात कही. उन्होंने कहा कि यह सवाल बार-बार पूछा जा रहा है कि शिवसेना का सीएम हो गया क्या ? सीएम पद को लेकर ही शिवसेना और भाजपा के बीच विवाद हुआ था, तो निश्चित रूप से सीएम शिवसेना का ही होगा.इसके साथ उन्होंने कहा शिव सेना को अपमानित किया गया, उनका स्वाभिमान बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी बनती है.

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक...

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने महाराष्ट्र में मध्यावधि चुनाव की संभावना को खारिज करते हुए आगे कहा कि राज्य में शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस की सरकार बनेगी और यह पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी. महाराष्ट्र में फिलहाल राष्ट्रपति शासन है.

उन्होंने कहा कि तीनों दल एक स्थायी सरकार बनाना चाहते हैं जो विकासोन्मुखी होगी.

पवार ने यहां पत्रकारों से कहा कि मध्यावधि चुनाव की कोई संभावना नहीं है. यह सरकार बनेगी और पूरे पांच साल चलेगी. हम सभी यही आश्वस्त करना चाहेंगे कि यह सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी.

यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा राज्य में सरकार गठन के लिये राकांपा के साथ चर्चा कर रही थी, इस पर पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी सिर्फ शिवसेना, कांग्रेस और गठबंधन सहयोगियों के साथ बात कर रही है, इसके अलावा किसी से नहीं.

उन्होंने कहा कि तीनों दल फिलहाल साझा न्यूनतम कार्यक्रम (सीएमपी) पर काम कर रहे हैं, जो राज्य में सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन में मार्गदर्शन करेगा.

तीनों दलों के प्रतिनिधियों ने बृहस्पतिवार को मुंबई में मुलाकात की और सीएमपी का मसौदा तैयार किया.

पवार ने पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की उस टिप्पणी पर निशाना साधा जिसमें उन्होंने कहा था कि शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस की सरकार छह महीने से अधिक समय तक नहीं चल पायेगी.

पवार ने चुटकी लेते हुए कहा कि मैं कुछ साल से देवेंद्र जी को जानता हूं, लेकिन यह नहीं जानता था कि वह ज्योतिष के भी छात्र हैं.

पवार ने फडणवीस के 'मैं फिर आऊंगा’ के नारे पर भी निशाना साधा.

पवार ने कहा, 'यह ठीक है उन्होंने (फडणवीस ने) यह कहा. लेकिन मैं तो कुछ और सोच रहा था. वह कहते थे - मैं फिर आऊंगा, मैं फिर आऊंगा. अब आप (पत्रकार) कुछ और जानकारी दे रहे हैं.'

यह पूछे जाने पर कि अगर शिवसेना सरकार गठन के दौरान हिंदुत्व के मुद्दे को उठायेगी तो क्या उनकी पार्टी इसका समर्थन करेगी, इस पर पवार ने कहा कि कांग्रेस और राकांपा ने सीएमपी मुद्दे पर चर्चा के लिये बृहस्पतिवार को उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी के नेताओं के साथ बैठक की.

78 वर्षीय मराठा नेता ने कहा कि कांग्रेस और राकांपा ने हमेशा धर्मनिरपेक्षता की बात की है.

उन्होंने कहा, 'उस वक्त (बृहस्पतिवार की बैठक में) मैं नहीं था. मेरे सहयोगी वहां थे. मैं पता लगाऊंगा कि क्या चर्चा हुई. लेकिन यह सच है कि कांग्रेस या राकांपा हमेशा धर्मनिरपेक्षता के बारे में बात करते हैं.'

उन्होंने कहा कि हम लोग इस्लाम, हिंदुत्व या बौद्ध धर्म के खिलाफ नहीं हैं. लेकिन जब सरकार चलाने की बात आती है तो हम लोग धर्मनिरपेक्षता पर जोर देते हैं. मुझे अब तक यह पता नहीं है कि इस मुद्दे पर हमारे सहयोगियों के बीच क्या चर्चा हुई.

पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री ने बेमौसम बारिश से फसलों को हुई क्षति के आकलन के लिये जिले में कुछ गांवों का दौरा किया. उन्होंने कहा कि वह किसानों की सहायता का मुद्दा केंद्र के समक्ष उठायेंगे.

शिवसेना ने चुनाव पूर्व अपनी सहयोगी भाजपा से मुख्यमंत्री पद को साझा करने और विभागों के बराबर के बंटवारे की मांग की थी जिसे पार्टी ने खारिज कर दिया था, जिसके बाद शिवसेना ने सरकार गठन के लिये कांग्रेस-राकांपा गठबंधन से संपर्क किया था.

भाजपा और शिवसेना ने गठबंधन में रहते हुए 21 अक्टूबर का विधानसभा चुनाव लड़ा था. 288 सदस्यीय विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 105 सीटें और शिवसेना ने 56 सीटें जीती थीं, जो सरकार बनाने के लिये बहुमत के आंकड़े को छू रही थीं. कांग्रेस और राकांपा ने क्रमश: 44 और 54 सीटें जीती थीं.

राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मंगलवार को केंद्र को एक रिपोर्ट भेजकर मौजूदा स्थिति को देखते हुए राज्य में स्थिर सरकार के गठन को असंभव बताया था, जिसके बाद से राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है.

बृहस्पतिवार को बैठक में कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना के नेताओं ने सीएमपी का मसौदा तैयार किया जिसे मंजूरी के लिये तीनों दलों के शीर्ष नेताओं को भेज दिया गया है.

बैठक में महाराष्ट्र राकांपा प्रमुख जयंत पाटील, राकांपा नेता छगन भुजबल और पार्टी के मुख्य प्रवक्ता नवाब मलिक, कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण, माणिकराव ठाकरे और विजय वडेट्टीवार तथा शिवसेना से एकनाथ शिंदे और सुभाष देसाई शामिल थे.

इसे भी पढ़ें- '25 सालों तक शिवसेना का ही सीएम रहेगा'

मुंबई : महाराष्ट्र में सरकार बनने पर सहमति बनने लगी है. एनसीपी, कांग्रेस और शिवसेना के बीच आंतरिक विवादों को अलग रखकर यह फैसला लिया गया है. मुख्यमंत्री शिवसेना का ही होगा. एनसीपी ने इसकी पुष्टि कर दी है. एनसपीसी प्रमुख शरद पवार ने कहा कि महाराष्ट्र में सरकार बनाने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. शनिवार को तीनों पार्टियों का एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिलेगा. हालांकि, बताया गया है कि वे किसानों के मुद्दे को लेकर उनसे मुलाकात करेंगे.

इससे पहले एनसीपी के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक ने महाराष्ट्र मुख्यमंत्री पद को लेकर बड़ी बात कही. उन्होंने कहा कि यह सवाल बार-बार पूछा जा रहा है कि शिवसेना का सीएम हो गया क्या ? सीएम पद को लेकर ही शिवसेना और भाजपा के बीच विवाद हुआ था, तो निश्चित रूप से सीएम शिवसेना का ही होगा.इसके साथ उन्होंने कहा शिव सेना को अपमानित किया गया, उनका स्वाभिमान बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी बनती है.

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक...

राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) प्रमुख शरद पवार ने महाराष्ट्र में मध्यावधि चुनाव की संभावना को खारिज करते हुए आगे कहा कि राज्य में शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस की सरकार बनेगी और यह पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी. महाराष्ट्र में फिलहाल राष्ट्रपति शासन है.

उन्होंने कहा कि तीनों दल एक स्थायी सरकार बनाना चाहते हैं जो विकासोन्मुखी होगी.

पवार ने यहां पत्रकारों से कहा कि मध्यावधि चुनाव की कोई संभावना नहीं है. यह सरकार बनेगी और पूरे पांच साल चलेगी. हम सभी यही आश्वस्त करना चाहेंगे कि यह सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा करेगी.

यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा राज्य में सरकार गठन के लिये राकांपा के साथ चर्चा कर रही थी, इस पर पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि उनकी पार्टी सिर्फ शिवसेना, कांग्रेस और गठबंधन सहयोगियों के साथ बात कर रही है, इसके अलावा किसी से नहीं.

उन्होंने कहा कि तीनों दल फिलहाल साझा न्यूनतम कार्यक्रम (सीएमपी) पर काम कर रहे हैं, जो राज्य में सरकार की योजनाओं के क्रियान्वयन में मार्गदर्शन करेगा.

तीनों दलों के प्रतिनिधियों ने बृहस्पतिवार को मुंबई में मुलाकात की और सीएमपी का मसौदा तैयार किया.

पवार ने पूर्व मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की उस टिप्पणी पर निशाना साधा जिसमें उन्होंने कहा था कि शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस की सरकार छह महीने से अधिक समय तक नहीं चल पायेगी.

पवार ने चुटकी लेते हुए कहा कि मैं कुछ साल से देवेंद्र जी को जानता हूं, लेकिन यह नहीं जानता था कि वह ज्योतिष के भी छात्र हैं.

पवार ने फडणवीस के 'मैं फिर आऊंगा’ के नारे पर भी निशाना साधा.

पवार ने कहा, 'यह ठीक है उन्होंने (फडणवीस ने) यह कहा. लेकिन मैं तो कुछ और सोच रहा था. वह कहते थे - मैं फिर आऊंगा, मैं फिर आऊंगा. अब आप (पत्रकार) कुछ और जानकारी दे रहे हैं.'

यह पूछे जाने पर कि अगर शिवसेना सरकार गठन के दौरान हिंदुत्व के मुद्दे को उठायेगी तो क्या उनकी पार्टी इसका समर्थन करेगी, इस पर पवार ने कहा कि कांग्रेस और राकांपा ने सीएमपी मुद्दे पर चर्चा के लिये बृहस्पतिवार को उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी के नेताओं के साथ बैठक की.

78 वर्षीय मराठा नेता ने कहा कि कांग्रेस और राकांपा ने हमेशा धर्मनिरपेक्षता की बात की है.

उन्होंने कहा, 'उस वक्त (बृहस्पतिवार की बैठक में) मैं नहीं था. मेरे सहयोगी वहां थे. मैं पता लगाऊंगा कि क्या चर्चा हुई. लेकिन यह सच है कि कांग्रेस या राकांपा हमेशा धर्मनिरपेक्षता के बारे में बात करते हैं.'

उन्होंने कहा कि हम लोग इस्लाम, हिंदुत्व या बौद्ध धर्म के खिलाफ नहीं हैं. लेकिन जब सरकार चलाने की बात आती है तो हम लोग धर्मनिरपेक्षता पर जोर देते हैं. मुझे अब तक यह पता नहीं है कि इस मुद्दे पर हमारे सहयोगियों के बीच क्या चर्चा हुई.

पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री ने बेमौसम बारिश से फसलों को हुई क्षति के आकलन के लिये जिले में कुछ गांवों का दौरा किया. उन्होंने कहा कि वह किसानों की सहायता का मुद्दा केंद्र के समक्ष उठायेंगे.

शिवसेना ने चुनाव पूर्व अपनी सहयोगी भाजपा से मुख्यमंत्री पद को साझा करने और विभागों के बराबर के बंटवारे की मांग की थी जिसे पार्टी ने खारिज कर दिया था, जिसके बाद शिवसेना ने सरकार गठन के लिये कांग्रेस-राकांपा गठबंधन से संपर्क किया था.

भाजपा और शिवसेना ने गठबंधन में रहते हुए 21 अक्टूबर का विधानसभा चुनाव लड़ा था. 288 सदस्यीय विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 105 सीटें और शिवसेना ने 56 सीटें जीती थीं, जो सरकार बनाने के लिये बहुमत के आंकड़े को छू रही थीं. कांग्रेस और राकांपा ने क्रमश: 44 और 54 सीटें जीती थीं.

राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने मंगलवार को केंद्र को एक रिपोर्ट भेजकर मौजूदा स्थिति को देखते हुए राज्य में स्थिर सरकार के गठन को असंभव बताया था, जिसके बाद से राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू है.

बृहस्पतिवार को बैठक में कांग्रेस, राकांपा और शिवसेना के नेताओं ने सीएमपी का मसौदा तैयार किया जिसे मंजूरी के लिये तीनों दलों के शीर्ष नेताओं को भेज दिया गया है.

बैठक में महाराष्ट्र राकांपा प्रमुख जयंत पाटील, राकांपा नेता छगन भुजबल और पार्टी के मुख्य प्रवक्ता नवाब मलिक, कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण, माणिकराव ठाकरे और विजय वडेट्टीवार तथा शिवसेना से एकनाथ शिंदे और सुभाष देसाई शामिल थे.

इसे भी पढ़ें- '25 सालों तक शिवसेना का ही सीएम रहेगा'

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एनसीपी बोली- शिवसेना से होगा महाराष्ट्र का सीएम



मुंबई:  राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के वरिष्ठ नेता नवाब मलिक ने कहा है कि महाराष्ट्र का मुख्यमंत्री शिवसेना पार्टी का होगा. 


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Last Updated : Nov 15, 2019, 3:11 PM IST
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