नई दिल्ली: 'वायु' चक्रवात से निपटने के लिए गुजरात प्रशासन हाईअलर्ट पर है, जिसके गुरुवार को वेरावल के पास समुद्र तट पर दस्तक देने की आशंका है. अभी ये तूफान 'वायु' तेजी से गुजरात के तटीय इलाकों की ओर बढ़ रहा है.
भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने गुजरात के तटवर्ती इलाकों में वायु के दस्तक देने की चेतावनी जारी की है. मौसम विभाग के मुताबिक अरब सागर से उठने वाला चक्रवाती तूफान 'वायु' 75 किलोमीटर से लेकर अधिकतम 135 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार के साथ गुजरात के कई इलाकों में दस्तक देगा. इस चक्रवाती तूफान से निपटने के लिए सरकार ने कमर कस ली है.
NDRF की टीम और कई बड़ी एजेंसियां इससे प्रभावित होने वाले लोगों की मदद के लिए गुजरात पहुंच चुकी हैं. इसके साथ ही स्कूलों को बंद कर दिया गया है और अफसरों की छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं.
तूफान के मद्देनजर भारतीय वायुसेना के विमान C-17 को आज दिल्ली से अराकोनम से रवाना किया गया है. इस एयरक्राफ्ट में 152 NDRF कर्मी और राहत का सामान भेजा गया है.
चक्रवात वायु के गुजरात तट पर पहुंचने में अभी भी 24 घंटे का वक्त है. लेकिन इसका असर दिखना शुरू हो गया है. इस वक्त मुंबई के आसपास तेज हवाएं चल रही हैं, जिसकी वजह से पेड़ गिरने भी शुरू हो गए हैं.
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गीर सोमनाथ के डिप्टी कलेक्टर एच आर मोदी ने मीडिया को संबोधित करते हुए कहा, 'वेरावल में आने वाले सम्भावित तूफान 'वायु' के मद्देनजर प्रशासन ने हर मुमकिन तैयारी कर रखी है. समुद्र किनारे स्थित 40 गांव को स्थानांतरित करने की जरूरत पड़ सकती है, इसलिये उसकी भी हर तैयारी कर रखी है. साथ ही रहने, खाने पीने और दवाइयों की हर एक व्यवस्था पहले से ही कर दी गई है.'
वहीं, कच्छ के कांदला बंदरगाह को अस्थायी रूप से बंद कर दिया है. चक्रवात के कारण गुजरात में तटीय इलाकों में भूस्खलन होने की संभावना है. बंदरगाह और मछुआरों के पास के इलाकों में रहने वाले स्थानीय लोगों को एनडीआरएफ द्वारा सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है.
गुजरात के उप मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने बताया कि चक्रवात वायु से सौराष्ट्र इलाके के 10 जिलों के 408 गांवों में रहने वाली करीब 60 लाख की आबादी के प्रभावित होने की संभावना है.
भारतीय तटरक्षक दल ने आपदा राहत टीमों का गठन किया है. तत्काल प्रतिक्रिया देने के लिए दमन, दहानू मुंबई, मुरुदजीरा, रत्नागिरि, गोवा कारवार, मंगलौर, बेयपोर, विजिंजम और कोच्चि में तत्काल सूचना दी गई है.
तूफान से सबसे ज्यादा कच्छ, देवभूमि, द्वारका, पोरबंदर, राजकोट, जूनागढ़, दीव, गिर, सोमनाथ, अमरेली और भावनगर जिलों में नुकसान का अनुमान है. निगरानी विमान और हेलीकॉप्टर हवाई निगरानी कर रहे हैं.
केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने नियंत्रण कक्षों को 24 घंटे सक्रिय रहने के निर्देश दिए हैं. शाह ने चक्रवात से निपटने की तैयारियों की समीक्षा की और महाराष्ट्र, गुजरात, गोवा के अधिकारियों को लोगों की सुरक्षा के लिए हरसंभव कदम सुनिश्चित करने का निर्देश दिया.
साथ ही, गुजरात में राहत और बचाव कार्य के लिए सेना की 10 टुकड़ियों को भी तैनात किया गया है. गुजरात में पोरबंदर और कच्छ क्षेत्र के करीब 3 लाख लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया जा रहा है.
गुजरात में पहुंच रहा है वायुभारत के पूर्वी हिस्से ने हाल ही में चक्रवात फानी का सामना किया है लेकिन अबकी बार पश्चिमी हिस्से पर खतरा है.
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने मंगलवार को कहा कि तटीय इलाके में रह रहे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा जाएगा. रूपाणी ने गांधीनगर में पत्रकारों से कहा कि कच्छ से लेकर दक्षिण गुजरात में फैली समूची तटरेखा को हाईअलर्ट पर रखा गया है. मौसम संबंधी हालिया रिपोर्ट के अनुसार, चक्रवात 13 जून तक पहुंच सकता है.
गुजरात सीएम रूपाणी ने इसे लेकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ अहमदाबाद में आज मीटिंग भी की.
वहीं, अहमदाबाद के वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से पोरबंदर, दियू, कांदला, मुंदरा और भावनगर के लिये जाने वाली उड़ानों को कल तक के लिये रद्द कर दिया गया है.