नई दिल्ली: भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने आज सेवानिवृत्त अधिकारियों के साथ बातचीत की. इस दौरान उन्होंने खुलासा किया कि भारतीय सेना बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद पाकिस्तान के साथ युद्द के लिए तैयार थी.
सेना प्रमुख ने कहा है कि बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद भारतीय सेनाएं पाकिस्तान के साथ युद्ध को लेकर पूरी तरह तैयार थीं. उन्होंने कहा कि इस बात की जानकारी सरकार को भी दी जा चुकी थी.
इसके अलावा आर्मी ने सेना में भ्रष्टाचार को लेकर भी बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा कि सैन्य आवास परियोजनाओं में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार के मामले सामने आए हैं.
उन्होंने बताया कि इसके मद्देनजर अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई भी की जा रही है. इसके साथ ही उन्होंने सेना के अधिकारियों सहित जवानों को इंटरनेट के इस्तेमाल को लेकर आगाह किया.
उन्होंने बताया कि भारतीय सेना पाकिस्तान के साथ परंपरागत युद्ध के लिये तैयार थी और इसमें पाकिस्तानी सीमा के अंदर जाना भी शामिल था.
पुलवामा आतंकी हमले के बाद सरकार जब हवाई हमले करने समेत विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रही थी तब सेना प्रमुख ने सरकार को अपने बल की तैयारियों के बारे में बताया था.
सूत्रों ने कहा कि जनरल रावत ने सेवानिवृत्त हो रहे सैन्य अधिकारियों के एक समूह से बंद कमरे में बातचीत के दौरान कहा कि बालाकोट हमले के बाद बल पाकिस्तानी सेना द्वारा की जाने वाली किसी आक्रामकता से निपटने के लिए युद्धक रूप तैयार है.
वहीं जनरल रावत की टिप्पणी की व्याख्या करते हुए सेना के एक अधिकारी ने कहा कि सेना प्रमुख यह कहना चाह रहे थे कि सेना युद्ध को पाकिस्तानी सीमा में ले जाने के लिये तैयार थी.
सूत्रों ने कहा कि सितंबर 2016 में उरी आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने 11 हजार करोड़ रुपये के आयुध खरीद अनुबंधों को अंतिम रूप दिया था और उसे इसमें से 95 फीसद मिल भी चुके हैं.
सूत्रों ने कहा कि बीते करीब दो साल से ज्यादा के वक्त में भारतीय सेना ने अपने प्रमुख आयुध और गोला-बारूद उपलब्धता में काफी सुधार किया है, उन्होंने माना कि पहले उनकी कमी अहम मुद्दा होती थी.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि उरी हमले के बाद हथियार और आयुध की उपलब्धता में काफी सुधार हुआ है. पिछले साल मार्च में तीनों सेनाओं के उप प्रमुखों को अतिरिक्त वित्तीय शक्तियां प्रदान की गई थीं, जिससे वे अभियानगत तैयारियों को सुनिश्चित करने के लिये खास खरीद सुनिश्चित कर सकें.
गौरतलब है, पुलवामा आतंकी हमले के मद्देनजर सरकार ने तीनों सेनाओं को सरकार ने पाकिस्तान से लगने वाली सीमा पर अभियानगत तैयारियों को बढ़ाने के लिये हथियार और सैन्य साजो सामान खरीदने की आपात शक्तियां प्रदान की थीं.
पढ़ें: 'बालाकोट एयर स्ट्राइक कर भारत ने अपना सैन्य लक्ष्य हासिल कर लिया'
गौरतलब है,14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले में सीआरपीएफ के एक काफिले पर आतंकी हमला किया गया था. हमले की जिम्मेदारी आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद ने ली थी.
इस आत्मघाती हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे. इसके बाद भारत ने 26 फरवरी को पाकिस्तान के खैबर पख्तुनख्वा प्रांत के बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के ठिकानों को निशाने बनाते हुए जवाबी कार्रवाई की.
बता दें, भारत ने यह हमला मिराज 2000 लड़ाकू विमान से किया था. इसके बाद 24 घंटे के अंदर ही पाकिस्तान ने 27 फरवरी को अपने लड़ाकू विमान से एक भारत के मिग-21 लड़ाकू विमान पर हमला किया. हालांकि, भारत ने पाकिस्तान के एफ-16 लड़ाकू विमान को मार गिराया था.