पटना : बिहार में बागेश्वर बाबा का दरबार लगा हुआ है. एक ओर जहां भक्तों की भारी भीड़ उमड़ रही है. एक झलक पाने के लिए लोग बेताब हो रहे हैं तो वहीं दूसरी ओर सियासत भी धुआंधार हो रही है. इसी कड़ी में लालू यादव के बड़े बेटे तेजप्रताप यादव ने बागेश्वर बाबा के अस्तित्व को ही नकार दिया. उन्होंने कहा कि 'बागेश्वर बाबा कौन हैं?' वो सिर्फ देवरहा बाबा को मानते हैं जिनकी कृपा और आशीर्वाद से उनका जन्म हुआ. इसके अलावा वो किसी आबा, बाबा, टाबा को नहीं जानते.
ये भी पढ़ें- Bageshwar Baba: बागेश्वर बाबा की एक झलक पाने के लिए सड़क पर उमड़ी भीड़, भावुक कर देगा नजारा, देखें VIDEO
''असली बाबा देवरहा बाबा हैं. हम उन्हीं को सिर्फ मानते हैं. उसके अलावा हम किसी आबा, बाबा को नहीं जानते. ये बिहारियों को पागल बोलकर गाली देने का काम कर रहे हैं. बिहार में राम राज्य नहीं कृष्ण का राज है. हम यदुवंशियों का राज है. हम उन्ही के वंशज हैं''- तेजप्रताप यादव, मंत्री, बिहार सरकार
'बिहारियों को गाली दे रहे बागेश्वर बाबा': बिहार के लोगों को धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री गाली देने का काम कर रहे हैं. उन्हें पागल कह कर संबोधित कर रहे हैं. उन्होंने कार्यक्रम के आयोजन कर्ताओं पर अव्यवस्था का आरोप लगाते हुए कहा कि वहां बदइंतजामी के चलते लोग बीमार हो रहे हैं. मंच से बिहारियों को पागल कहा जा रहा है. वो राम राज्य की बात करते हैं लेकिन बिहार में कृष्ण का राज है. यहां पर यदुवंशियों का राज है. कृष्ण 16 कलाओं से परिपूर्ण थे लेकिन राम में सिर्फ 14 कलाएं ही थी. हम उन्हीं कृष्ण के वंशज हैं. उनको इस तरह के बयान से बचना चाहिए.
बाबा का कार्यक्रम सियासी: बीजेपी के नेताओं का बाबा के कार्यक्रम में शामिल होने के तेजप्रताप ने पॉलिटिकल एजेंडा बताया. उन्होंने कहा कि ये राजनीति और देश को तोड़ने के लिए आरएसएस और बजरंग दल के जरिए गाली दिलवाने का काम किया जा रहा है. वो यहां बिहार आए और कर्नाटक में भाजपा को हरवा दिया. कुल मिलाकर देखें तो आज फिर से तेजप्रताप यादव ने बाबा बागेश्वर पर जमकर निशाना साधा. तेजप्रताप ने धीरेन्द्र शास्त्री पर सीधे सीधे राजनीति करने का आरोप लगाया.
तेजप्रताप दे चुके हैं बाबा को रोकने की धमकी: जैसे ही बिहार में कार्यक्रम तय हुआ तब सबसे पहले तेजप्रताप ने उनका विरोध किया. उन्होंने कहा कि वो सांप्रदायिकता फैलाने बिहार आ रहे हैं तो उन्हें एयरपोर्ट से बाहर नहीं निकलने देंगे. इसके जवाब में बागेश्वर बाबा ने कहा कि वो हिन्दू-मुस्लिम नहीं बल्कि हिन्दू-हिन्दू करने आए हैं. 42 डिग्री का टॉर्चर और अव्यवस्थाओं के जरिए तीसरे दिन का कार्यक्रम प्रभावित हुआ था. हालांकि कम संख्या में श्रद्धालुओं को आने को कहकर अगले दिन 15 मई को बाबा का दिव्य दरबार भी लगा. 17 मई को बागेश्वर बाबा की हनुमत कथा का आखिरी दिन है.