गया : बिहार के गया में बाबा बागेश्वर धाम के आचार्य पंडित धीरेंद्र शास्त्री का सोमवार से आगमन हुआ है. इस बीच उन्होंने बोधगया के एक होटल में भागवत गीता का पाठ और प्रवचन किया. इसमें सिर्फ सैंकड़ों की संख्या में पहले से ही तय किए गए लोग और बाबा बागेश्वर के भक्त शामिल हुए.
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'प्रभु श्री राम को भी गया आना पड़ा था' : बाबा बागेश्वर धाम के आचार्य पंडित धीरेंद्र शास्त्री ने कहा कि ''कोई भी किसी भी श्रेणी के हों, गया जी को आना ही पड़ेगा. यहां प्रभु श्री राम को भी अपने पिता की आत्मा शांति के लिए पिंडदान करना पड़ा था. बाबा बागेश्वर ने कहा कि जो श्रद्धा से पूर्वजों को अर्पित हो वही श्राद्ध है. गया का नाम ही बहुत बड़ा है. यहां जो 'गया' उसके पितर स्वर्ग लोक को प्राप्त होते हैं. गया वह धरती है, जिसका सनातन धर्म में अत्यंत महत्वपूर्ण स्थान है.''
मंगलवार शाम तक होटल से नहीं निकले बाबा बागेश्वर : बाबा बागेश्वर का कार्यक्रम फिलहाल होटल तक ही सीमित होता दिख रहा है. मंगलवार की शाम तक बाबा बागेश्वर धाम के आचार्य पंडित धीरेंद्र शास्त्री होटल से नहीं निकले. मानें तो पितृ पक्ष मेले के बीच जहां लाखों तीर्थ यात्रियों का आगमन गया जी में हुआ है. उसके बीच यदि बाबा बागेश्वर किसी भी स्थान पर जाते हैं, तो वहां काफी भीड़ होगी और अफरा-तफरी का भी माहौल होगा. इसे लेकर बाबा बागेश्वर के कार्यक्रमों में कई बदलाव किए गए हैं. उसे सीमित कर दिया गया है.
अपने पितरों का पिंडदान करने आए हैं धीरेन्द्र कृष्ण : फिलहाल बाबा बागेश्वर का कार्यक्रम बोधगया के होटल तक ही सीमित दिख रहा है. हालांकि जानकारी के अनुसार बुधवार को बाबा बागेश्वर कुछ स्थानों पर जा सकते हैं. वही जानकारी के अनुसार बाबा बागेश्वर ने अपने पूर्वजों का तर्पण भगवत गीता पाठ वाले स्थान से ही किया है. बाबा बागेश्वर के सैकड़ों अनुयायी अपने पितरों का पिंडदान करने पहुंचे हैं. बाबा बागेश्वर उन्हें भागवत गीता का मूल पाठ व प्रवचन सुना रहे हैं.
गया पाल पंडा के बही खाते में बनाया हस्ताक्षर : बिहार के गया में बाबा बागेश्वर धाम के आचार्य पंडित धीरेंद्र शास्त्री का आगमन हुआ है. पंडित धीरेंद्र शास्त्री जहां अपने पूर्वजों का पिंडदान करेंगे. वहीं, अपने अनुयायियों के लिए भागवत गीता का मूल पाठ भी करेंगे. जानकारी हो कि बाबा बागेश्वर धाम के सैकड़ों अनुयायी दो दिन पूर्व से ही गया पहुंचे हुए हैं. अपने पूर्वजों का पिंडदान कर रहे हैं. इसके बीच बाबा बागेश्वर ने अपने परिवार के बारे में जानने के लिए गया पाल पंडा से संपर्क साधा और गयापाल पंडा के बही खाते में अपने पूर्वजों का नाम देखा, तो वे अचंभित रह गए. बाबा बागेश्वर ने भी गयापाल पंडा गजाधर लाल कटरियार के बही खाते में अपना हस्ताक्षर बनाया.