रांची : झारखंड में आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना (Ayushman Bharat-Chief Minister Jan Arogya Yojana) दयनीय स्थिति है. इन योजना के तहत राज्य के करीब 550 निजी अस्पताल निबंधित हैं. इन अस्पतालों में कार्डधारी गरीब मरीजों को 5 लाख रुपये तक मुफ्त में इलाज मिलता है. इलाज में खर्च हुई राशि का भुगतान संबंधित अस्पताल को बीमा कंपनी की ओर से किया जाता है. जानकारी के मुताबिक बीमा कंपनी ने पिछले छह-सात माह से आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना के तहत बकाया राशि का भुगतान नहीं किया है. पेमेंट पेंडिंग होने के कारण निजी अस्पताल गरीब मरीजों के इलाज करने में आनाकानी कर रहे हैं. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) की झारखंड इकाई ने आयुष्मान भारत सीएम जन आरोग्य योजना के संबंध में विज्ञापन निकालकर अविलंब भुगतान की मांग की है.
बताया जा रहा है कि निजी अस्पतालों का इलाज के एवज में 200 करोड़ से अधिक की राशि बकाया है. लेकिन बीमा कंपनी ने बकाया राशि का भुगतान संबंधित अस्पताल को नहीं किया है. इससे निजी अस्पताल इलाज में आनाकानी कर रहे हैं. हॉस्पिटल बोर्ड ऑफ इंडिया के झारखंड चैप्टर के अध्यक्ष योगेश गंभीर ने हेमंत सोरेन की सरकार को चेतावनी भरे लहजे में कहा कि अगर 7-10 दिनों के भीतर बकाया राशि का भुगतान नहीं हुआ तो निजी अस्पताल इलाज करना बंद कर देंगे. उन्होंने कहा कि भुगतान लंबे समय से नहीं हुआ है, ऐसे में इलाज बंद करने के अलावा अब और कोई उपाय नहीं दिख रहा है.
एमओयू में देरी से दिक्कत : बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने झारखंड दौरे के दौरान 23 सितंबर 2018 को विश्व की सबसे बड़ी स्वास्थ्य बीमा योजना की सौगात देशवासियों की दी थी. इस योजना के तहत गरीब परिवार को 5 लाख रुपये तक की इलाज की सुविधा उपलब्ध कराई गई. साल 2018 से सितंबर 2021 तक इस योजना के तहत मरीजों के इलाज में कोई परेशानी नहीं हुई. लेकिन इस वर्ष स्वास्थ्य विभाग और बीमा करने वाली बीमा कंपनी के बीच नया एमओयू करने में छह महीने की देरी हुई. सितंबर 2021 के बदले अप्रैल 2022 में सरकारी बीमा कंपनी नेशनल इंश्योरेंस के साथ एमओयू पर साइन किया गया. अब निजी अस्पतालों के भुगतान में देरी हो रही है.
जानकारी के अनुसार झारखंड के स्वास्थ्य विभाग ने बीमा कंपनी को 170 करोड़ रुपये का भुगतान दो बार में किया है. ऐसे में संभावना है कि निजी अस्पतालों के बकाया राशि का भुगतान जल्द शुरू हो जाएगा. पेमेंट क्लियर होने के बाद सरकारी और निजी अस्पतालों में आयुष्मान भारत योजना के तहत इलाज आसान हो जाएगा. विभागीय अधिकारियों ने बताया कि आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जना आरोग्य योजना के तहत एक लाख रुपये तक इलाज का खर्च बीमा कंपनी उठाती है. एक लाख से अधिक और 5 लाख तक का भुगतान सरकार की ओर से बनाए गए ट्रस्ट की ओर से किया जाता है. इस ट्रस्ट के माध्यम से होने वाला भुगतान रूका हुआ है.
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सिविल सर्जन बोले-जल्द होगा भुगतान : रांची सिविल सर्जन डॉ विंनोद कुमार (Ranchi Civil Surgeon Dr Vinod Kumar) ने कहा कि कुछ तकनीकी अड़चन की वजह से भुगतान नहीं हो रहा था. लेकिन अब तकनीकी समस्या का समाधान कर लिया गया है और जिलों को पैसा भेजा जा रहा है. उन्होंने कहा कि आयुष्मान भारत योजना के तहत सबसे ज्यादा मरीजों का इलाज झारखंड में होता है. अधिकतर अस्पतालों को भुगतान किया जा चुका है. जल्द ही बकाया राशि का भी भुगतान किया जाएगा. बता दें कि झारखंड में आयुष्मान भारत योजना के लाभार्थियों की संख्या 2.63 करोड़ हैं.
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बीजेपी ने की आलोचना : झारखंड में आयुष्मान भारत मुख्यमंत्री जन आरोग्य योजना (Ayushman Bharat-Chief Minister Jan Arogya Yojana) दयनीय स्थिति पर बीजेपी के प्रदेश प्रवक्ता कुणाल षाड़ंगी ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से पैसा भेजा जाता है. इसके बावजूद राज्य सरकार की प्राथमिकता में आयुष्मान भारत योजना नहीं है. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग भ्रष्टाचार की सभी सीमाएं पार कर चुका है. इससे निजी अस्पतालों का बकाया राशि भुगतान नहीं हो रहा है. उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में स्वास्थ्य व्यवस्था बेहतर करने के प्रयास जारी हैं, लेकिन झारखंड में हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर को ध्वस्त किया जा रहा है.