पूर्णिया : बिहार (Bihar) के पूर्णिया (Purnea) जिले के सामान्य परिवार के बेटे आशुतोष ने अपनी मोहनत से पूर्णियां का नाम रोशन किया है. आशुतोष ने अपने मेहनत और संघर्ष के बदौलत इसरो के साइंटिस्ट तक का सफर तय किया है. इसरो साइंटिस्ट की परीक्षा (ISRO Scientist Exam) में देशभर में 22वां रैंक लाकर आशुतोष ने पूर्णिया के साथ ही बिहार का नाम भी रोशन किया है. आशुतोष की इस सफलता से जहां परिजनों में खुशी का माहौल है.
शहर के चुनापुर निवासी विनय प्रकाश झा के पुत्र आशुतोष कुमार ने इसरो साइंटिस्ट की परीक्षा में देशभर में 22वां रैंक लाया है. आशुतोष की शुरुआती पढ़ाई पूर्णिया के जिला स्कूल से हुई है. इसके बाद उन्होंने उड़ीसा से बीटेक और आईआईटी दिल्ली से एमटेक किया. आशुतोष को बचपन से ही साइंस में लगाव था. वह एपीजे अब्दुल कलाम को अपना आदर्श मानते हैं.
आशुतोष की मां कहती हैं कि गरीबी के कारण पढ़ाई लिखाई में उन्हें काफी संघर्ष करना पड़ा. अपने संघर्ष और मेहनत के बदौलत आज उनके बेटे ने इसरो के साइंटिस्ट की परीक्षा में देशभर में 22वां स्थान लाया है. वे लोग चाहते हैं कि उनका बेटा भी मिसाइल मैन डॉक्टर कलाम की तरह आगे बढ़कर देश की सेवा करे और देश को आगे बढ़ाए.
वहीं आशुतोष के पिता विनय प्रकाश झा कहते हैं कि उसने काफी संघर्ष कर आशुतोष को पढ़ाया है. उन्होंने कहा कि लॉकडाउन में जब उनकी माली हालत काफी खराब हो गई तो आशुतोष ने दिल्ली में रहकर प्राइवेट नौकरी कर अपनी पढ़ाई भी की ओर घर को भी संभाला और आज आशुतोष ने इसरो साइंटिस्ट की परीक्षा में देशभर में 22वां रैंक लाकर उन लोगों का सिर ऊंचा किया है.
बता दें कि विनय प्रकाश झा की बेटी ने भी अपने पहले प्रयास में बीपीएससी पीटी में सफलता प्राप्त की है. वहीं आशुतोष की बहन राखी ने कहा कि वे लोग चाहते हैं कि उनका भाई इसरो साइंटिस्ट के रूप में कुछ बड़ा काम करे और डॉक्टर कलाम की तरह देश को आगे बढ़ाए. वो कहते हैं की सफलता उन्हीं को मिलती है जिनके सपनों में जान होती है.
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