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बिहार में चमकी बुखार से एक और बच्ची की मौत, बरतें यह सावधानियां - PICU Ward

बिहार के मुजप्फरपुर में चमकी बुखार से एक और बच्ची की मौत हो गई. अब तक इस वर्ष 14 बच्चों ने जमकी बुखार से जान गवां दी है. अभी भी चमकी बुखार से जुड़े मामले के सामने आने से जिला प्रशासन और एसकेएमसीएच प्रशासन अलर्ट मोड पर है. पढ़ें पूरी खबर.

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Published : Aug 14, 2021, 3:38 PM IST

मुजप्फरपुर : बिहार के मुजफ्फरपुर में लगातार हो रही भारी बारिश (Heavy Heat) के बाद चमकी बुखार (Chamki Fever In Muzaffarpur ) का मामला थम नहीं रहा है. अगस्त महीने में भी चमकी बुखार से जुड़े मामलों में तेजी दिख रही है.

चमकी बुखार पीड़ित डेढ़ वर्षीय बच्ची कीर्ति कुमारी की इलाज के दौरान एसकेएमसीएच (SKMCH) में मौत हो गई. एसकेएमसीएच प्रशासन (SKMCH Administration) के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार पीकू वार्ड (PICU Ward) में चमकी बुखार के लक्षण वाले 6 बच्चे अभी भर्ती हैं. दो बच्चों में AES की पुष्टि हो चुकी है. वहीं 4 बच्चे सस्पेक्टेड हैं. सभी बच्चों का इलाज पीकू वार्ड में चल रहा है.

गौरतलब है कि इस वर्ष चमकी बुखार के अब तक कुल 63 मामले सामने आए हैं जिसमें से 60 बच्चे एसकेएमसीएच में और तीन बच्चे केजरीवाल अस्पताल में सामने आए हैं. जिनमें अधिकतर बच्चे ठीक हो कर घर जा चुके हैं.

वहीं 14 बच्चों की इलाज के दौरान SKMCH में मौत भी हो चुकी है. अभी भी चमकी बुखार से जुड़े मामले के सामने आने से जिला प्रशासन और एसकेएमसीएच प्रशासन अलर्ट मोड पर है. बता दें कि चमकी बुखार में अक्सर रात के तीसरे पहर और सुबह तेज बुखार का अटैक आता है.

यह सावधानियां बरतें

चिकित्सकों के अनुसार ये बीमारी उन बच्चों पर ज्यादा प्रभावी होती है जिनका ग्लूकोज लेवल कम रहता है. यही वजह है कि स्वास्थ्य विभाग ने एईएस प्रभावित इलाकों में बच्चों को सही न्यूट्रीशन देने को कहा है. चमकी बुखार से बच्चों की जान बचाने के लिए समय पर इलाज जरूरी है.

यह भी पढ़ें- सरकार कोविड-19 की तीसरी लहर के लिए तैयार, 7200 करोड़ रुपये किए जारी

तेज बुखार, शरीर में ऐंठन, बेहोशी और जबड़े कड़े होना चमकी बुखार के मुख्य लक्षण हैं. बच्चे में अगर ये लक्षण दिखें तो उसे जल्द से जल्द अस्पताल ले जाना चाहिए. चमकी बुखार से पीड़ित बच्चे को पानी और ओआरएस का घोल पिलाते रहना चाहिए.

तेज बुखार हो तो शरीर को ताजे पानी से पोछना चाहिए. माथे पर गीले कपड़े की पट्टी लगानी चाहिए और डॉक्टर की सलाह के बाद ही दवा या अन्य सीरप देना चाहिए.

मुजप्फरपुर : बिहार के मुजफ्फरपुर में लगातार हो रही भारी बारिश (Heavy Heat) के बाद चमकी बुखार (Chamki Fever In Muzaffarpur ) का मामला थम नहीं रहा है. अगस्त महीने में भी चमकी बुखार से जुड़े मामलों में तेजी दिख रही है.

चमकी बुखार पीड़ित डेढ़ वर्षीय बच्ची कीर्ति कुमारी की इलाज के दौरान एसकेएमसीएच (SKMCH) में मौत हो गई. एसकेएमसीएच प्रशासन (SKMCH Administration) के द्वारा दी गई जानकारी के अनुसार पीकू वार्ड (PICU Ward) में चमकी बुखार के लक्षण वाले 6 बच्चे अभी भर्ती हैं. दो बच्चों में AES की पुष्टि हो चुकी है. वहीं 4 बच्चे सस्पेक्टेड हैं. सभी बच्चों का इलाज पीकू वार्ड में चल रहा है.

गौरतलब है कि इस वर्ष चमकी बुखार के अब तक कुल 63 मामले सामने आए हैं जिसमें से 60 बच्चे एसकेएमसीएच में और तीन बच्चे केजरीवाल अस्पताल में सामने आए हैं. जिनमें अधिकतर बच्चे ठीक हो कर घर जा चुके हैं.

वहीं 14 बच्चों की इलाज के दौरान SKMCH में मौत भी हो चुकी है. अभी भी चमकी बुखार से जुड़े मामले के सामने आने से जिला प्रशासन और एसकेएमसीएच प्रशासन अलर्ट मोड पर है. बता दें कि चमकी बुखार में अक्सर रात के तीसरे पहर और सुबह तेज बुखार का अटैक आता है.

यह सावधानियां बरतें

चिकित्सकों के अनुसार ये बीमारी उन बच्चों पर ज्यादा प्रभावी होती है जिनका ग्लूकोज लेवल कम रहता है. यही वजह है कि स्वास्थ्य विभाग ने एईएस प्रभावित इलाकों में बच्चों को सही न्यूट्रीशन देने को कहा है. चमकी बुखार से बच्चों की जान बचाने के लिए समय पर इलाज जरूरी है.

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तेज बुखार, शरीर में ऐंठन, बेहोशी और जबड़े कड़े होना चमकी बुखार के मुख्य लक्षण हैं. बच्चे में अगर ये लक्षण दिखें तो उसे जल्द से जल्द अस्पताल ले जाना चाहिए. चमकी बुखार से पीड़ित बच्चे को पानी और ओआरएस का घोल पिलाते रहना चाहिए.

तेज बुखार हो तो शरीर को ताजे पानी से पोछना चाहिए. माथे पर गीले कपड़े की पट्टी लगानी चाहिए और डॉक्टर की सलाह के बाद ही दवा या अन्य सीरप देना चाहिए.

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