नई दिल्ली : 30 जून से शुरू होने वाली अमरनाथ यात्रा के लिए किए जा रहे सुरक्षा इंतजामों के बीच आतंकवादी संगठनों के द्वारा 'स्टिकी बम' इस्तेमाल करने के नए तरीके ने सुरक्षा बलों की चिंता बढ़ा दी है. इसी के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियों ने एक नोट जारी कर लोगों से अपने वाहनों को लावारिस नहीं छोड़ने के लिए कहा है.
इसी के मद्देनजर जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा एजेंसियों ने एक नोट जारी कर लोगों से अपने वाहनों को लावारिस नहीं छोड़ने के लिए कहा है. इस संबंध में खुफिया विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने ईटीवी भारत को बताया कि लावारिस रखे वाहनों में स्टिकी बम रखे जा रहे हैं. इसलिए, सभी के लिए यह जरूरी है कि वे अपने वाहनों के पास ही मौजूद रहें. पिछले महीने हुई एक घटना की जांच से पता चला है कि कटरा से जम्मू जा रही बस में स्टिकी बम का इस्तेमाल किया गया था.
वहीं हाल ही में आतंकवादियों के साथ कई मुठभेड़ों में सुरक्षा बलों ने ऐसे स्टिकी बम भी बरामद किए हैं. स्टिकी बम आमतौर पर छोटे आकार के बम होते हैं और प्रकृति में चुंबकीय होते हैं. इन बमों को वाहनों पर लगाया जा सकता है और एक टाइमर और दूर से डिवाइस का उपयोग करके इसमें विस्फोट किया जा सकता है. हाल के दिनों में, सुरक्षा एजेंसियों ने सीमा पार से आए एक ड्रोन से कुछ चुंबकीय बमों सहित कई हथियार और गोला-बारूद बरामद किया है.
एक सुरक्षा अधिकारी ने कहा, हम शांतिपूर्ण अमरनाथ यात्रा के लिए सभी सावधानियां बरत रहे हैं. यह वार्षिक तीर्थयात्रा 11 अगस्त को समाप्त होगी. उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण यात्रा सुनिश्चित करने के लिए, सुरक्षा बलों ने जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद विरोधी और तलाशी अभियान को भी तेज कर दिया है.
जम्मू-कश्मीर में विभिन्न मुठभेड़ों में सुरक्षा बलों ने जहां 96 आतंकवादियों को ढेर कर दिया गया. मारे गए कुल आतंकवादियों में से 30 विदेशी नागरिक थे. खुफिया रिपोर्ट के अनुसार जम्मू-कश्मीर में अभी भी 158 आतंकवादी सक्रिय हैं, जिनमें से 83 लश्कर-ए-तैयबा के आतंकवादी, 30 जैश-ए -मोहम्मद के और 38 हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकवादी हैं.
ये भी पढ़ें - श्रीनगर से अमरनाथ तक के लिए इस साल शुरू होगी हेलीकॉप्टर सेवा