नई दिल्ली: राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) ने प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के खिलाफ इस महीने अपने पांचवें आरोपपत्र में शनिवार को संगठन की राष्ट्रीय कार्यकारी परिषद (एनईसी) के 12 सदस्यों सहित 19 लोगों के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी.यह मामला देश में इस्लामिक खिलाफत की स्थापना के लिए युद्ध छेड़ने की साजिश में कथित संलिप्तता से जुड़ा है.
संघीय एजेंसी के एक प्रवक्ता ने बताया कि दिल्ली मामले में आरोप-पत्र दाखिल किये जाने के साथ ही एनआईए द्वारा देश भर में पीएफआई मामलों में अब तक 105 आरोपियों के खिलाफ आरोप-पत्र दायर किये जा चुके हैं. प्रवक्ता ने कहा कि जिन 19 आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम के तहत आरोप पत्र दाखिल किया गया है उनमें सलाम, रहिमन, नजरुद्दीन, अहमद, अफसर पाशा, ई अबुबकर, प्रोफेसर पी कोया और मोहम्मद अली जिन्ना शामिल हैं. आरोप-पत्र में जो अन्य नामित आरोपी हैं, उनमें अब्दुल वाहिद सैत, ए एस इस्माइल, मोहम्मद यूसुफ, मोहम्मद बशीर, शफीर के पी, जसीर के पी, शाहिद नासिर, वसीम अहमद, मोहम्मद शाकिफ, मुहम्मद फारूक उर रहमान और यासर अराफात उर्फ 'यासिर हसन' शामिल हैं.
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बता दें कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने स्वयं इसके खिलाफ की गई कार्रवाई का जायजा लिया था. इस संबंध में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल, केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला, राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण के महानिदेशक दिनकर गुप्ता समेत शीर्ष अधिकारियों ने उच्च स्तरीय बैठक कर स्थिति के बारे में चर्चा की थी. जांच एजेंसी ने 11 राज्यों में छापे मारे थे और देश में आतंकवाद के वित्त पोषण में कथित तौर पर शामिल पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के 106 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था.
(पीटीआई-भाषा)