लखनऊ : उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले की सिराथू विधानसभा सीट से बसपा का टिकट दिलाने के नाम पर 30 लाख की ठगी का आरोप मोहम्मद फरीद ने लगाया है. उनका आरोप है कि शातिर ठग ने उनसे लखनऊ मंडल कार्यालय आशियाना में टिकट के नाम पर यह रकम ली थी. न तो उन्हें टिकट मिला और न ही आरोपी ने रकम लौटाई. पीड़ित ने अपनी रकम पाने के लिए सभी प्रयास करने के बाद लखनऊ पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर के कार्यालय में शिकायती पत्र देकर कार्रवाई की मांग की है.
पीड़ित मोहम्मद फरीद खान के मुताबिक, वह कौशांबी के सहजादपुर के रहने वाले हैं. वह व्यापारी व समाजसेवी भी हैं. साल 2012 में सिराथू विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस पार्टी से वह प्रत्याशी भी थे. करीब दो सप्ताह पहले बसपा के सिराथू विधानसभा के बसपा के एक पदाधिकारी ने कहा कि बसपा सुप्रीमो के कार्यालय से जुड़े एक शख्स का फोन आया है. टिकट हो जाएगा. उसने संपर्क करने के लिए एक मोबाइल नंबर बताया.
पीड़ित की मानें तो जब उन्होंने उस शख्स से संपर्क किया तो पता चला कि टिकट का ढाई करोड़ का रेट चल रहा है, लेकिन आपके साथ पिछली बार धोखा हुआ था इसलिए 70 लाख दे दीजिए टिकट हो जाएगा. पीड़ित ने इतनी रकम देने से इनकार कर दिया. 30 लाख रुपय़े में टिकट की बात पक्की हो गई.
24 नवंबर को पीड़ित रिश्तेदार मोहम्मद शोएब, मोहम्मद सकलेन उर्फ मामा और रईस अहमद मड़ियांव नौबस्ता निवासी को साथ लेकर बसपा सुप्रीमो मायावती के आवास के पास पहुंचा था. वहां वह शख्स मिला और उसने बताया कि बहनजी से मुलाकात का शाम छह बजे के बाद का वक्त तय हुआ है. पिछली बार आपके साथ हुए धोखे की बात भी वह जानती हैं और इस बार आपके क्षेत्र में वह अधिक जनसभा भी करेंगी. उस शख्स ने आशियाना के पुराना किला स्थित लखनऊ मंडल कार्यालय में 30 लाख रुपये जमा करके वहां से पत्र लेकर आने की बात कही.
पीड़ित ने बताया कि जब शाम को वह आशियाना स्थित बसपा के लखनऊ मंडल कार्यालय पहुंचे तो पता चला कि वहां मिलने वाले शख्स का बेटा दुर्घटना में घायल हो गया है. उन्होंने फोन कर पता किया तो कहा गया कि बसपा कार्यालय में मौजूद दूसरे शख्स को पैसा दें दे और मायावती के आवास के गेट नंबर नौ के पास आ जाएं. पीड़ित ने कार्यालय में मौजूद शख्स को पैसे दे दिए और बसपा सुप्रीमो के आवास के गेट नबंर नौ पर पहुंच गए.
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वहां उन्होंने जब फिर से पहले शख्स से संपर्क करना चाहा तो पता चला कि मोबाइल बंद है. इसके बाद उसने सुरक्षाकर्मियों से जानकारी की तो पता चला कि उसके साथ ठगी हो गई है. जब वह बसपा कार्यालय पहुंचे तो पता चला कि कोई शख्स पैसा लेकर चला गया है. इस दौरान बसपा के दो बड़े नेता आ गए. पीड़ित ने उन्हें पूरी आपबीती बताई तो उन नेताओं ने रकम वापस दिलवाने का आश्वासन दिया.
बहरहाल, पीड़ित को इन सभी प्रयासों के बाद भी पैसा नहीं मिला. पीड़ित ने इस मामले की लिखित शिकायत शुक्रवार की शाम को लखनऊ पुलिस कमिश्नर डीके ठाकुर के कार्यालय में की है. फिलहाल पुलिस इस मामले की जांच करने में जुटी है.