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पिता ने 6 हजार में किया नाबालिग बेटी का सौदा, शिक्षक ने किया मामले का पर्दाफाश

उत्तराखंड के चमोली जिले में आठवीं की छात्रा को बेचने और दुर्व्यवहार का मामला सामने आया है. पिता ने कुछ रुपयों के लालच में एक 32 वर्षीय युवक से लड़की की शादी करा दी. लड़की के टीचर उपेंद्र सती द्वारा ये पूरा मामला सामने लाया गया है.

UTTARAKHAND
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Published : Apr 7, 2021, 6:34 PM IST

चमोली : पोखरी तहसील के एक ग्राम सभा अंतर्गत एक नाबालिग लड़की को बेचने और उसके साथ दुर्व्यवहार का मामला सामने आया है. ग्राम सभा की अनुसूचित जाति बस्ती बनखुरी की 14 वर्षीय बालिका आठवीं कक्षा की छात्रा है. कोरोना की बंदी के बाद जब विद्यालय खुला और छात्रा विद्यालय नहीं आई तो शिक्षक उपेंद्र सती ने छात्रा को ढूंढना शुरू कर दिया. जिसके बाद मामले का खुलासा हुआ.

शिक्षक को पता चला कि पिता ने कुछ रुपयों के लालच में एक 32 वर्षीय व्यक्ति से लड़की की शादी करा दी है. कुछ दिनों के बाद तथाकथित पति ने बालिका की पिटाई शुरू कर दी. शिक्षक ने पता किया तो वह अपने मायके में मिली. शिक्षक सती ने उसे स्कूल आने और उसकी पढ़ाई आगे जारी रखने का खर्चा उठाने की जिम्मेदारी ली तो डरी-सहमी बालिका बड़ी मुश्किल से तैयार हुई.

पिता ने 6 हजार के लिए किया नाबालिग बेटी का सौदा
पिता ने 6 हजार के लिए किया नाबालिग बेटी का सौदा

शिक्षक उपेंद्र सती ने मामले को लेकर एक वीडियो संदेश जारी किया है, जिसमें उन्होंने बताया है कि इस तरह अबोध बच्चियों को बेचने और दुराचार के मामले बड़ी संख्या में चल रहे हैं. समाज के कुछ दुश्मनों ने इसे व्यवसाय बना लिया है. वहीं, जैसे ही इस मामले की खबर देहरादून में महिला एवं बाल आयोग को लगी तो उन्होंने तुरंत इसकी रिपोर्ट डीएम से तलब की है.

शिक्षक ने बचाई छात्रा की जिंदगी

इतना ही नहीं, पुलिस मुख्यालय में भी इस घटना को लेकर डीजीपी अशोक कुमार ने मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं, जिसके बाद बाल विवाह अधिनियम, बाल व्यापार और अन्य कई धाराओं में आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. गनीमत यह रही कि शिक्षक उपेंद्र सती ने इस पूरे मामले पर खुलकर न केवल अधिकारियों बल्कि आम जनता को भी रूबरू करवाया.

यह भी पढ़ें-महाराष्ट्र : कोरोना से जान गंवाने वाले 8 लोगों का एक ही चिता पर अंतिम संस्कार

जिसके बाद पूरा प्रशासनिक अमला इस घटनाक्रम के प्रति गंभीरता दिखाने पर मजबूर हुआ.

चमोली : पोखरी तहसील के एक ग्राम सभा अंतर्गत एक नाबालिग लड़की को बेचने और उसके साथ दुर्व्यवहार का मामला सामने आया है. ग्राम सभा की अनुसूचित जाति बस्ती बनखुरी की 14 वर्षीय बालिका आठवीं कक्षा की छात्रा है. कोरोना की बंदी के बाद जब विद्यालय खुला और छात्रा विद्यालय नहीं आई तो शिक्षक उपेंद्र सती ने छात्रा को ढूंढना शुरू कर दिया. जिसके बाद मामले का खुलासा हुआ.

शिक्षक को पता चला कि पिता ने कुछ रुपयों के लालच में एक 32 वर्षीय व्यक्ति से लड़की की शादी करा दी है. कुछ दिनों के बाद तथाकथित पति ने बालिका की पिटाई शुरू कर दी. शिक्षक ने पता किया तो वह अपने मायके में मिली. शिक्षक सती ने उसे स्कूल आने और उसकी पढ़ाई आगे जारी रखने का खर्चा उठाने की जिम्मेदारी ली तो डरी-सहमी बालिका बड़ी मुश्किल से तैयार हुई.

पिता ने 6 हजार के लिए किया नाबालिग बेटी का सौदा
पिता ने 6 हजार के लिए किया नाबालिग बेटी का सौदा

शिक्षक उपेंद्र सती ने मामले को लेकर एक वीडियो संदेश जारी किया है, जिसमें उन्होंने बताया है कि इस तरह अबोध बच्चियों को बेचने और दुराचार के मामले बड़ी संख्या में चल रहे हैं. समाज के कुछ दुश्मनों ने इसे व्यवसाय बना लिया है. वहीं, जैसे ही इस मामले की खबर देहरादून में महिला एवं बाल आयोग को लगी तो उन्होंने तुरंत इसकी रिपोर्ट डीएम से तलब की है.

शिक्षक ने बचाई छात्रा की जिंदगी

इतना ही नहीं, पुलिस मुख्यालय में भी इस घटना को लेकर डीजीपी अशोक कुमार ने मुकदमा दर्ज करने के आदेश दिए हैं, जिसके बाद बाल विवाह अधिनियम, बाल व्यापार और अन्य कई धाराओं में आरोपी के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है. गनीमत यह रही कि शिक्षक उपेंद्र सती ने इस पूरे मामले पर खुलकर न केवल अधिकारियों बल्कि आम जनता को भी रूबरू करवाया.

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जिसके बाद पूरा प्रशासनिक अमला इस घटनाक्रम के प्रति गंभीरता दिखाने पर मजबूर हुआ.

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